श्रीराम लागू डॉक्टरी छोड़ फिल्म जगत में कैसे बने सम्राट ? बदला अपना रुख, फैंस को हुई उनकी काबिलियत की जानकारी

Update: 2022-12-17 09:36 GMT

 NPG DESK                     

श्री राम लागू किसी पहचान के मोहताज नहीं है ,वह अपने काबिलियत के अनुसार अपनी रुख मोड लेते है,उन्होंने अपने रोल्स के अनुसार अपना मुकाम हासिल किया है और फिल्मो में आगे बढ़ा है। कहा जाता है की श्रीराम लागू एक मशहूर डॉक्टर थे ,उन्होंने देश -विदेश में अपनी डॉक्टरी की सेवाएं दे चुके थे। मीडिया रिपोर्टर्स के मुताबिक ,श्रीराम लागू ने पुणे और तंजानिया में काफी समय तक मेडिकल व डॉक्टरी की प्रेक्टिस की थी लेकिन उन्होंने 42साल की उम्र में डॉक्टरी छोड़ कर फिल्मो में जाने का फैसला कर लिया।


 श्रीराम लागू ने डॉक्टरी छोड़ फिल्मों में काम करने लगे,वही अधिक से अधिक टाइम फिल्मों में प्रोफेशन बना लिया,आपको बताते है की श्रीराम लागू ने अपने प्रोफेशनल लाइफ बदल कर फिल्मों आना क्यों पसंद किया,वही फिल्मों में दस्तक देते ही अपनी पहली फिल्म 'आहट एक अजीब कहानी ' से ही अपनी करियर की शुरुआत की थी। श्रीराम लागू ने न केवल हिंदी फिल्मों में ही नाम कमाया हैं ,बल्कि वह मराठी फिल्मों में भी बहुत नाम कमाया है। उन्होंने लगभग 20 से जयादा मराठी नाटकों को डायरेक्ट किया है और जाने माने डायरेक्टर्स के शुमार में थे. सबसे जायदा उन्होंने मराठी फिल्मों में नाम कमाया हैं। उन्होंने फिल्मों में कदम रखते ही सबसे पहले फिल्म 'आहट एक अजीब कहानी ' को अपना नाम दिया यह फिल्म1971 में आई थी फिर वह में 'पिंजरा', 'मेरे साथ चल', 'सामना', 'दौलत' जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया है। नाटक में वह सबसे पहले 'नटसम्राट 'नाटक के लिए याद किये जाते है उन्होंने यह नाटक में गणपत बेल्वल्कर की भूमिका निभाई थी जिसे देख उनके फैंस को बहुत ही आनंद आया,उनके बाद उनको दिल का दौरा पड़ा। उन्होंने एक आत्मकथा 'लमाण' में भी कलाकार बने  थे,वही निरुद्दीन शाह ने कहा था की सभी लोगो को श्रीराम लागू से सिख लेनी चाहिए। 1969 में वह पूरी तरह मराठी थिएटर में जानकार हो गए ,वही उनके चाहने वाले भी बहुत बढ़ गए। श्रीराम लागू ने फिमों के  आधार पर अपने खुद की इतनी पहचान बनाये है की आज वह इतने काबिल इंसान है जो की अपने बल पर डॉक्टरी छोड़ फिल्मों में काम किया ,जिन्होंने अपनी खुद की पहचान बनाई और फिल्मों में आगे बढ़ें      

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