Shekhar Suman's Ups And Downs: फिर शिखर पर 'शेखर' सुमन, ज़िन्दगी के रोलर कोस्टर की सवारी में कब-कहां आए उतार-चढ़ाव, पढ़िए स्टोरी...
Shekhar Suman's Ups And Downs: फिर शिखर पर 'शेखर' सुमन, ज़िन्दगी के रोलर कोस्टर की सवारी में कब-कहां आए उतार-चढ़ाव, पढ़िए स्टोरी...
Shekhar Suman's Ups And Downs: मुंबई। 60 पार की उम्र में आज शेखर एक बार फिर खुद को शिखर पर पा रहे हैं, जहां उनपर सुमन (फूल) बरस रहे हैं। शेखर सुमन थियेटर की पैदावार हैं, ग्लैमर से सतर्क हैं और ह्यूमर से लबरेज हैं। उनके लिए जीवन हमेशा इतना ही अप्रत्याशित रहा। काफी समय से वे दुनिया की नज़रो से ओझल से थे। और आज एक तरफ 'हीरामंडी' में अपने बेहतरीन अभिनय से सुर्खियां बटोर रहे हैं तो दूसरी तरफ राजनीति की सीढ़ियों पर भी दोबारा चढ़ रहे हैं। वे स्ट्रेट फाॅरवर्ड हैं। लोग उन्हें ध्यान से सुनते हैं और एक दृष्टिकोण पाते है। वे हंसते-हंसाते हैं, शोज़ में जान डाल देते हैं, बेबाक टिप्पणियों से हैरान कर जाते हैं, ये सबने देखा है और जो सबने नहीं देखा है वह है उनके अंदर की टूटन। रोज़ मौत के करीब जाते एक अबोध बच्चे का बेबस पिता कैसे खुद मर-मर के ज़िंदा रहा, कैसे ज़िन्दगी से उसका मोहभंग हुआ और फिर कैसे वह छोटे पर्दे का जादूगर बन गया, सब कुछ जानने लायक है। चलिए, शेखर सुमन के उतार-चढ़ाव से भरे जीवन को थोड़ा करीब से जानते हैं।
14 जून 1960 को बिहार में जन्मे शेखर सुमन मनोरंजन जगत का जाना-पहचाना नाम हैं। अभिनेत्री रेखा के साथ उत्सव फिल्म से डेब्यू करने वाले शेखर सुमन के कद को असल ऊंचाई दी छोटे पर्दे ने। अपने बेहतरीन अभिनय, लाजवाब काॅमेडी शोज़ और बेबाक अंदाज़ के साथ उन्होंने करोड़ों दर्शकों का दिल जीता। लेकिन शेखर सुमन के लिए न व्यावसायिक जीवन आसान रहा न व्यक्तिगत। उन्हें जो भी सुख मिला, बहुत तकलीफ़ों के बाद मिला।
शादी, सबसे बड़ा संबल
शेखर सुमन बताते हैं कि एक काॅमन फ्रेंड के जरिए उनकी और अलका की मुलाकात हुई। और दोनों ने ही कुछ ही समय में महसूस कर लिया कि ये जोड़ी ऊपर वाले ने तय की है। कुछ अर्से डेट करने के बाद 1983 में दोनों ने शादी कर दी। शेखर के संघर्ष के दिनों में फैशन डिज़ाइनर अलका ने उन्हें पाॅकेटमनी भी दी। उनका बेटा हुआ आयुश। खुशियों की ठंडी फुहार बनकर आए नन्हे आयुष के साथ ज़िन्दगी के मायने बदल गए।परिवार मगन था। आगे शेखर सुमन ने बहुत से उतार-चढ़ाव झेले। लेकिन... असफलता, अनिश्चितता और असहायता की कठिन राहों पर उनकी बांह मजबूती से थामकर साथ चलीं अलका। शेखर उस सब के लिए दिल से उनके शुक्रगुज़ार हैं। उनकी वाइफ, उनकी सोलमेट अगर उनके साथ न होतीं तो ये सफर न जाने कैसा होता।
आयुष का जीवन में आना और जाना...
आयुष का आगमन हो चुका था, शेखर को भी ठीक-ठाक काम मिलने लगा था। सब कुछ सही जा रहा था लेकिन तभी पता चला कि आयुष को हार्ट की रेयर डिसीज़ है। शेखर सुमन बताते हैं कि आयुष बहुत दर्द में था। वह दिन पर दिन मौत के करीब जा रहा था। हम उसके इलाज के लिए और ज्यादा कमाने की कोशिश कर रहे थे। एक उम्मीद थी कि लंदन में हार्ट ट्रास्प्लांट हो जाएगा तो आयुष बच जाएगा। हमने पैसा जोड़ा और लंदन गए भी लेकिन रिस्क को देखते हुए उन्होंने इलाज से मना कर दिया। हम लौट आए। हम उसे दर्द से हारता देखने को मजबूर थे। पत्नी दिन-रात उसकी तकलीफ़ कम करने की इल्तिज़ा ऊपर वाले से करतीं लेकिन कोई चमत्कार नहीं हुआ।
उस दर्दनाक दौर को याद कर शेखर सुमन बताते हैं " उस दौरान में मैं निर्देशक विनोद पांडे के साथ 'रिपोर्टर' की शूटिंग कर रहा था। मैं घर पर बेटे के साथ था।वह बहुत बीमार था।मैं उसके सिरहाने बैठा था। बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी। अचानक मुझे फोन कर डायरेक्टर ने कहा कि मैं दो-तीन घंटों के लिए ही शूटिंग करने आ जाऊं वरना उनका बहुत नुकसान हो जाएगा और मुझे जाना पड़ा। जाते वक्त बेटे ने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा, ‘पापा प्लीज़ आज मत जाओ’... मैंने उसका हाथ पकड़कर कहा बेटा, मैं बस थोड़ी देर में वापस आता हूं।और चला गया...वह कितना कठिन पल था। मात्र 11 साल की उम्र में आयुष हमें छोड़कर चला गया। हम दोनों ज़िन्दगी की इस करवट से सदमे में थे। भगवान पर से भरोसा ही उठ गया था। मैंने अपने मंदिर से सभी मूर्तियाँ हटा दीं। अब हम जिंदा लाश थे। जिसमें कोई इच्छा बाकी नहीं थी। न कमाने की, न आगे बढ़ने की। "
टीवी शोज़ के सहारे बदला मन और जीवन
शेखर कहते हैं" मेरे जीवन का अहम हिस्सा चला गया। क्षण मात्र भी जीने की इच्छा बाकी नहीं थी। लेकिन इंसान को जीना तो पड़ता है। घर चलाने और परिवार को संभालने के लिए लोग काम करते हैं, मैने भी किया।"
शेखर सुमन ने वाह जनाब से टेलीविजन का सफर शुरू किया था। उसी रस्ते पर वे आगे बढ़े। कभी एक्टिंग की, कभी जज बने तो कभी प्रस्तोता। देख भाई देख , मूवर्स एन शेकर्स , द ग्रेट इंडियन काॅमेडी शो, सिंपली शेखर, द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज और कैरी ऑन शेखर जैसे शोज़ उन्हें करियर की बुलंदियों पर ले गए।
अध्ययन ने जीना सिखाया लेकिन खुद हारने लगे
आयुष के छोटे भाई अध्ययन, शेखर और अलका की जिंदगी में खुशियां घोल रहे थे। वे भी पिता की तरह अभिनय में ही रुचि रखते थे और हाथ आजमा रहे थे। लेकिन वे अपनी फिल्म राज़ 2 की को स्टार कंगना रनौत से प्यार कर बैठे और उन्हें दीवानों की तरह चाहने लगे लेकिन इस लवस्टोरी का दर्दनाक अंत हुआ। बहुत अजीबोगरीब बातें भी मीडिया में आईं। अध्ययन को इस सब से उबरने में सालों लग गए और इसका उनके करियर पर भी बुरा असर पड़ा। शेखर कहते हैं कि अध्ययन तब इम्मैच्योर थे। वे इस सब को डील नहीं कर पाए और बहुत तकलीफ़ में रहे। लेकिन यह सब यहां होता है। इस पर कुछ कहने से फायदा नहीं है। अध्ययन हीरामंडी से वापसी की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीति में पहले भी आजमाया है हाथ
शेखर सुमन ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। यह राजनीति में उनकी दूसरी पारी होगी। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर 2009 में पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें बीजेपी नेता और एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा से हार का सामना करना पड़ा था। व्यस्तता के चलते राजनीति को समय न दे पाने के कारण उन्होंने बाद में कांग्रेस की सदस्यता त्याग दी थी।
हीरामंडी में नज़र आ रहे हैं बेटे के साथ
हाल के दिनों में शेखर सुमन संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज़ हीरामंडी को लेकर सुर्खियों में हैं। जहां उनके अभिनय को बहुत सराहा जा रहा है। हालांकि वे सतर्क हैं और सिलेक्टिव प्रोजेक्ट ही करना चाहते हैं। यह सीरीज़ उनके लिए एक और बड़ी खुशी लेकर आई है कि इसमें उनके बेटे अध्ययन सुमन भी दमदार किरदार अदा कर रहे हैं। ज़िन्दगी के रोलर कोस्टर पर शेखर की सवारी ज़ारी है। आगे देखते हैं किस पड़ाव की बारी है।