Munawar Farooqui : मां ने किया सुसाइड, कर्ज में डूबे रहे पिता, जानिए कौन है ये फेमस कॉमेडियन, जिसकी मुश्किलों से भरी रही जिंदगी...

Update: 2023-08-06 09:21 GMT

Munawar Farooqui : मुंबई। मुनव्वर फारूकी इस समय इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक हैं। सामाजिक मुद्दों पर अपने स्टैंड-अप के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके बड़े पैमाने पर फैंस हैं। रियलिटी शो 'लॉक अप' जीतने के बाद स्टैंड-अप कॉमेडियन बेहद फेमस हो गए। 'मैशेबल इंडिया' के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने उन दिनों के बारे में खुलकर बात की जब उन्हें अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद देने के लिए पढ़ाई छोड़नी पड़ी। आइए बताते हैं उन्होंने क्या कहा है...

मीडिया खबर के मुताबिक, मुनव्वर, कंगना रनौत के शो लॉकअप के विनर रह चुके हैं। इस शो से उनके करियर को नई उड़ान मिली। माशाबले इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि परिवार को सपोर्ट करने के लिए उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। वो बताते हैं- हमारे पास एक रेस्टोरेंट था, लेकिन वो चल नहीं, इस बिजनेस में मेरे पापा को काफी लॉस हुआ और वो कर्ज में डूब गए। इसलिए मुझे काम करना पड़ा। आगे उन्होंने कहा- मैंने दो महीने तक एक गिफ्ट शॉप में नौकरी की मैं वहां सुबह 9 बजे से लेकर रात 8 बजे तक काम करता था। हर दिन 11 घंटे काम करने के बाद मुझे 850 रुपये महीने मिलते थे। यही नहीं, मुझे शॉप तक पहुंचने के लिए 3.5 किमी तक पैदल भी चलना पड़ा था। मुझे ये काम पसंद नहीं था। इसलिए हमने कुछ और करने का फैसला किया। 

मुनव्वर आगे कहते हैं- मेरी मां और दादी मिलकर घर पर समोसे बनाती थीं। हमने घर के बाहर एक स्टॉल लगाना शुरू किया था। जहां मैं समोसे तल कर बेचता था इस दौरान कई बार मेरी उंगलियां जलीं और मेरे ऊपर तेल के गर्म छींटे पड़ जाते थे। पर मैं समय के साथ चलना सीख गया था और वो बिजनेस चल पड़ा 2021 में मुनव्वर उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन पर हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित कमेंट करने का आरोप लगा। इसी सिलसिले में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई और उन्हें जेल जाना पड़ा। जेल से बाहर आने के बाद उन्हें कंगना के शो लॉकअप का ऑफर मिली और विनर बनकर बाहर निकले। शो के दौरान उन्होंने अपनी मां को लेकर कहा था कि उन्हें उनके ससुराल में कभी प्यार नहीं मिला। हर कोई उन्हें मेरी बहन की शादी के लिए जिम्मेदार मानता था। उन पर 3,500 रुपये का कर्ज था मैं उनके साथ सो नहीं पाया। अफसोस था कि मैं उस समय उन्हें 3500 रुपये नहीं दे पाया। ऐसे कई कारण थे जिस वजह से मेरी मां ने उनकी जिंदगी खत्म करने का फैसला किया। इन सारी मुसीबतों को पार कर मुनव्वर ने आगे बढ़ने का फैसला किया। आज वो करियर में एक अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं।

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