Saroj Khan: 8 महीने की बेटी को दफनाकर काम पर निकलीं थीं बॉलीवुड की 'मास्टर' सरोज खान
Saroj Khan Biography: बॉलीवुड इंडस्ट्री की 'मास्टर जी' जिन्होंने न जाने कितने बड़े से बड़े सितारों को अपने इशारों पर नचाया है. लगभग चार दशक लंबे करियर में उन्होंने 350 से ज्यादा फ़िल्में और 3000 से ज्यादा गाने कोरियोग्राफ किए गए हैं...
Saroj Khan Biography: बॉलीवुड इंडस्ट्री की 'मास्टर जी' जिन्होंने न जाने कितने बड़े से बड़े सितारों को अपने इशारों पर नचाया है. लगभग चार दशक लंबे करियर में उन्होंने 350 से ज्यादा फ़िल्में और 3000 से ज्यादा गाने कोरियोग्राफ किए गए हैं. कोरियोग्राफी की दुनिया में सरोज खान को सभी मास्टर जी कहकर बुलाया करते थे, मगर ये पदवी उन्हें आसानी से नहीं मिली. यह सफर बहुत कठिन रहा है. यहां तक पहुंचाने के लिए सरोज खान को लंबे संघर्ष से गुजरना पड़ा था.
हमेशा हंसने मुस्कुराने और लोगों को मोटिवेट करने वाली सरोज खान को देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता था कि उनकी जिंदगी दुखों से भरी हुई थी. आज भले ही सरोज खान हमारे बीच ना हों लेकिन उनकी यादें लोगों के दिलों में जिंदा है. आज अगर सरोज खान होतीं तो अपना 74 वां जन्मदिन मना रही होतीं. आज उनके जन्मदिन पर हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी का वो दर्द भरा किस्सा जब 8 महीने की बेटी की मौत के बाद भी उन्हें रोने तक का मौका नहीं मिला था.
कम उम्र में हुई शादी
सरोज खान की शादी महज 13 साल की उम्र में हो गई थी. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब वो स्कूल में पढ़ती थीं तो उनकी शादी अपने से 30 साल बड़े डांस मास्टर सोहनलाल से हो गई थी. 14 साल की उम्र में ही सरोज खान ने अपने बेटे राजू खान को जन्म दिया. बेटे की जन्म के बाद उन्हें अपने पति की वो सच्चाई पता चली जो ना सिर्फ उनसे छिपाई गई थी बल्कि जिसने उनकी ज़िंदगी में सबकुछ बदल कर रख दिया. दरअसल तब पता चला कि मास्टर सोहनलाल पहले से ना केवल शादीशुदा से बल्कि चार चार बच्चों के पिता भी थे. तब से दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई और एक वक्त ऐसा आया जब सोहनलाल सरोज खान को छोड़कर मद्रास चले गए.
बेटी की हुई मौत
सरोज खान ने शादी के एक साल बाद ही एक बेटे को जन्म दिया था. इसके बाद उनकी एक बेटी भी हुई थी. परिवार में अभी खुशियों का माहौल चल ही रहा था कि महज 8 महीने 5 दिन की उम्र में उनकी बेटी की मौत हो गई थी.
बेहद कठिन रहा वो दौर
उन्होंने एक बार बताया था कि बेटी को दफनाने के बाद शाम को शूटिंग के लिए ट्रेन पकड़कर काम पर लौटना पड़ा था. यह शूटिंग थी फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा' का गाना ‘दम मारो दम' की. बेटी की मौत के बाद उनके पति सोहनलाल ने भी उनका साथ छोड़ दिया था. ये वो समय था जब सरोज फिल्म इंडस्ट्री में अपने डांस के बदौलत पैर पर खड़ी हो चुकी थीं. हालांकि वो अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से तक गुजर रही थीं.