Karisma Kapoor: करिश्मा कपूर ने ठोका 30,000 करोड़ की संपत्ति पर दावा, प्रिया सचदेव पर लगाया फर्जी वसीयत का आरोप, पढ़ें विवाद की इनसाइड स्टोरी

बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर इन दिनों फिल्मों से ज्यादा कानूनी विवाद को लेकर सुर्खियों में बानी हुई हैं। करिश्मा ने अपने दोनों बच्चों कियान और समायरा के साथ मिलकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

Update: 2025-09-10 10:35 GMT

नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर इन दिनों फिल्मों से ज्यादा कानूनी विवाद को लेकर सुर्खियों में बानी हुई हैं। करिश्मा ने अपने दोनों बच्चों कियान और समायरा के साथ मिलकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामला उनके पूर्व पति और दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़ा है।

करिश्मा का आरोप 

करिश्मा का आरोप है कि प्रिया सचदेव कपूर ने संजय कपूर की फर्जी वसीयत बनाकर इस पूरी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। अब दिल्ली हाईकोर्ट इस वसीयत की सच्चाई की जांच करेगा और देखेगा कि करिश्मा के बच्चों का हक कहीं छिन तो नहीं गया। कोर्ट ने केस दर्ज कर अगली सुनवाई 9 अक्टूबर तय कर दी है।

कब हुई थी करिश्मा कपूर और संजय कपूर की शादी?

करिश्मा कपूर और संजय कपूर की शादी साल 2003 में मुंबई में हुई थी। यह शादी बहुत हाई-प्रोफाइल थी, हालाँकि शादी के थोड़े समय बाद ही दोनों के बीच तनाव शुरू हो गया था।आखिरकार 2014 में दोनों अलग हो गए और 2016 में तलाक हो गया। तलाक की प्रक्रिया लंबी चली थी, इस दौरान करिश्मा ने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। अंत में समझौता हुआ और संजय कपूर ने करिश्मा को करीब 70 करोड़ रुपये दिए। इसके अलावा उन्होंने बच्चों के नाम पर 14 करोड़ रुपये के बॉन्ड भी जारी किए, जिन पर ब्याज मिलता है। करिश्मा कपूर की खुद की नेटवर्थ करीब 120 करोड़ रुपये है।

संजय कपूर का जीवन 

संजय कपूर की निजी जिंदगी हमेशा ही चर्चा में रही। उनकी पहली शादी 1996 में फैशन डिजाइनर नंदिता महतानी से हुई थी, लेकिन 2000 में तलाक हो गया। इसके बाद 2003 में उन्होंने करिश्मा से शादी की, जो 2016 में टूट गई थी। फिर 2017 में उन्होंने मॉडल और एक्ट्रेस प्रिया सचदेव से तीसरी शादी की, जिनसे उनका एक बेटा है। अब इसी रिश्ते को लेकर विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि करिश्मा के बच्चे अपने दिवंगत पिता की संपत्ति में अपना हक मांग रहे हैं।

क्या है पूरा विवाद? 

असल विवाद की जड़ संजय कपूर की वसीयत है। संजय का निधन 53 साल की उम्र में एक पोलो मैच के दौरान दिल का दौरा पड़ने से हो गया था। उनके गुजरने के बाद प्रिया सचदेव ने शुरू में कहा था कि कोई वसीयत मौजूद नहीं है। लेकिन सात हफ्ते बाद अचानक 21 मार्च 2025 की तारीख वाली एक वसीयत सामने आई। करिश्मा के बच्चों का आरोप है कि यह दस्तावेज संदिग्ध है और उन्हें न तो इसकी कॉपी दी गई और न ही कोई जानकारी। उनका कहना है कि असली उत्तराधिकारी होने के नाते वे संपत्ति के बंटवारे के हकदार हैं।

क्या होती है वसीयत

कानून के मुताबिक, वसीयत किसी भी आदमी की आखिरी ख्वाहिश होती है जिसमें वह अपनी संपत्ति का बंटवारा तय करता है। वसीयत पर कम से कम दो गवाहों के हस्ताक्षर होना जरूरी है। इसे सादे कागज पर भी लिखा जा सकता है, लेकिन बाद में अगर इस पर सवाल उठे तो कोर्ट में गवाहों और दस्तावेजों की जांच होती है। अगर वसीयत का प्रोबेट यानी कोर्ट में प्रमाणीकरण हो गया है, तो उसे चुनौती देना मुश्किल हो जाता है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर यह वसीयत फर्जी निकली तो क्या होगा। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 338 के तहत, अगर कोई वसीयत जाली पाई जाती है तो आरोपी को आजीवन कारावास या 2 से 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। यानी अगर कोर्ट ने माना कि वसीयत नकली है, तो प्रिया सचदेव को बड़ी कानूनी मुसीबत झेलनी पड़ सकती है।

हाईकोर्ट में  क्या होगा? 

दिल्ली हाईकोर्ट अब इस केस की गहराई से जांच करेगा। कोर्ट यह देखेगा कि क्या वसीयत असली है, क्या इसे छुपाया गया है, क्या बच्चों के साथ धोखा हुआ है? क्या प्रिया सचदेव ने जानबूझकर संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की है? अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी, जो इस केस के लिए अहम साबित हो सकती है।

कुल मिलाकर, करिश्मा कपूर और उनके बच्चों का कहना है कि वे सिर्फ अपना जायज हक चाहते हैं। जबकि दूसरी ओर प्रिया सचदेव पर गंभीर आरोप है कि उन्होंने फर्जी वसीयत गढ़कर सबकुछ अपने नाम करने की कोशिश की। अब असली सच्चाई कोर्ट की जांच और गवाहों के सामने आने से ही पता चलेगी।

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