गुलशन कुमार हत्याकांड: सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने उगला काला सच; कहा- 'यह वो राज़, जो अब तक किसी को नहीं था पता.' जानिये क्या?
Gulshan Kumar Murder Case
मुंबई। साल 1997 में हिंदी फिल्म जगत के प्रसिद्ध 'कैसेट किंग' कहे जाने वाले गुलशन कुमार की हत्या के मामले को लेकर एक अहम् बात सामने आई है। गुलशन कुमार मर्डर केस में सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम ने हाल ही में शुभांकर मिश्रा को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
निकम ने सीधे तौर पर दावा किया है कि, संगीतकार नदीम सैफ़ी (नदीम-श्रवण जोड़ी के) गुलशन कुमार की हत्या की साजिश का 'मास्टरमाइंड' था। हत्या की वजह पूछे जाने पर निकम ने इशारा करते हुए बताया कि गुलशन कुमार को मारने के पीछे गायिकाओं अनुराधा पौडवाल और अलका याग्निक के बीच चल रही कथित दुश्मनी या प्रतिस्पर्धा एक बड़ी वजह हो सकती है। सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि, "हाँ, नदीम गुलशन कुमार की हत्या की साज़िश में शामिल था।" उन्होंने कहा, "अगर वह बेकसूर होता तो देश वापस आकर केस का सामना क्यों नहीं करता?"
उन्होंने बताया कि, नदीम सालों तक यूके में रहा और अब दुबई में रह रहा है। जब कुछ साल पहले नदीम ने भारत लौटने की इच्छा ज़ाहिर की थी, तो निकम ने कहा था कि, "ज़रूर आओ, लेकिन मुक़दमे का सामना करो।" निकम ने बताया कि जब उन्होंने नदीम को लंदन से सरेंडर कराने की कोशिश की थी, तब उनकी नदीम से बात भी हुई थी, लेकिन नदीम अब भी भारत आने को तैयार नहीं है। निकम के मुताबिक, नदीम के वापस न आने का मतलब साफ है कि वह इस मामले में शामिल था।
हत्या के पीछे की क्या थी असली वजह
जब उज्ज्वल निकम से पूछा गया कि, गुलशन कुमार की हत्या के पीछे असली वजह क्या थी, तो उन्होंने कहा कि "यह अपने आप में एक अलग, बड़ी कहानी है।" उन्होंने इशारा करते हुए बताया कि, अनुराधा पौडवाल गुलशन कुमार की कंपनी के लिए गाती थीं, जबकि अलका याग्निक म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी नदीम-श्रवण के साथ ज़्यादा काम करती थीं, और यहीं से झगड़ा शुरू हुआ। जिसके बाद 'बस' कहकर उन्होंने संगीत की दुनिया की इस आपसी रंजिश की तरफ इशारा किया। निकम ने आगे खुलासा किया कि, हत्या की पूरी साज़िश नदीम ने ही रची थी और उसी के कहने पर यह काम किया गया था। पुलिस के हिसाब से यह सारी प्लानिंग दुबई में हुई थी।
पूर्व अधिकारी ने भी खोले कई राज
गुलशन कुमार हत्याकांड को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी पी.के. जैन ने अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि गुलशन कुमार को अपने करियर के दौरान कई बार धमकी भरे कॉल्स आते थे। उन्होंने आगे कहा कि, गुलशन की हत्या का मुख्य कारण नदीम और गुलशन कुमार के रिश्तों के बीच कड़वाहट था।
इसके अलावा, टी-सीरीज कंपनी ने नदीम के एक प्रस्ताव को नहीं माना था। जिसके बाद गुलशन कुमार और नदीम के बीच विवाद बढ़ता गया, जिससे नाराज़ होकर नदीम ने हत्या की साजिश रची। आरोप है कि नदीम ने इसके लिए डी-गैंग (दाऊद इब्राहिम गिरोह) को पैसे भी दिए और दूसरा एंगल दाऊद इब्राहिम से ही जुड़ा है। बताया जाता है कि गुलशन कुमार से हर महीने रंगदारी मांगी जा रही थी, लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था।
उन्होंने आगे कहा, "दोनों आरोपी करीब एक महीने से गुलशन कुमार की रेकी कर रहे थे। जिस दिन उन्होंने हमला किया, उस वक्त गुलशन कुमार के साथ कोई पुलिस वाला नहीं था।" पूर्व अधिकारी ने बताया कि उस समय दो प्रमुख एंगल पुलिस के सामने थे: पहला- नदीम और गुलशन कुमार के बीच कथित रूप से व्यावसायिक रिश्तों में तनाव और दूसरा- दाऊद इब्राहिम से जुड़ा एंगल, जिसमें डी-गैंग के द्वारा गुलशन कुमार से रंगदारी के पैसे मांगने पर इनकार करना हो सकता था।
बेगुनाही का करता रहा दावा, पर नहीं लौटा भारत
उन्होंने आगे बताया कि, हत्या के बाद साल 1990 के दशक के अंत में नदीम सैफी ब्रिटेन चले गए थे। जिसके बाद भारत सरकार ने उन्हें वापस लाने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन यूके कोर्ट ने उन्हें भारत प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया। जिसके बाद से नदीम अब तक विदेश में ही है। सूत्रों के अनुसार, यह बात सामने आई है कि नदीम दुबई में रहकर अपने फिल्ममेकिंग का काम संभाल रहा है और दी गैंग सी जुड़ा हुआ है। नदीम ने गुलशन कुमार की हत्या के बाद खुद के बेगुनाह होने का कई बार दावा किया है, लेकिन वह अब तक भारत वापस नहीं लौटा है।
नदीम ने कोर्ट में दावा किया था कि "मुंबई पुलिस मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है, इसलिए मुझे भारत नहीं भेजा जाना चाहिए।" हालांकि कुछ आरोपियों को सज़ा मिली और उन्होंने जुर्म भी कबूल किया, लेकिन इस हत्याकांड के असली आरोपी अभी भी बाहर हैं।
कौन हैं गुलशन कुमार?
आपको बता दें कि, आज से ठीक 28 साल पहले 12 अगस्त 1997 को भारतीय संगीत उद्योग के 'कैसेट किंग' कहे जाने वाले देश के सबसे सफल म्यूजिक प्रोड्यूसर और टी-सीरीज़ के संस्थापक गुलशन कुमार की दिनदहाड़े जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।