Film Udaipur Files Controversy: कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, सेंसर बोर्ड ने की सख्ती
Film Udaipur Files Controversy: फिल्म उदयपुर फाइल्स को रिलीज होने की अनुमति मिल गई है। विवादों में घिरी ये फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होगी। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है। हालांकि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में 150 कट्स लगाएं है और फिल्म को पास कर दिया है। यह फिल्म दर्जी कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित है। जिसमें अभिनेता विजय राज मुख्य भूमिका पर है।
Film Udaipur Files Controversy
Film Udaipur Files Controversy: फिल्म उदयपुर फाइल्स को रिलीज होने की अनुमति मिल गई है। विवादों में घिरी ये फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होगी। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है। हालांकि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में 150 कट्स लगाएं है और फिल्म को पास कर दिया है। यह फिल्म दर्जी कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित है। जिसमें अभिनेता विजय राज मुख्य भूमिका पर है।
फिल्म पर कोर्ट ने नहीं लगाई रोक-
जस्टिस सुधांशु धूलिया और वेकेशन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अब इस याचिका पर अगली सुनवाई अब 14 जुलाई को की जाएगी, जब कोर्ट ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद दोबारा खुलेगा। ये याचिका कन्हैयालाल हत्या के आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से दाखिल की गई थी। उनका तर्क था कि फिल्म एकतरफा कहानी पर आधारित है और यह उनके निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को प्रभावित कर सकती है।
सेंसर बोर्ड की सख्ती-
सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कुल 150 बदलावों की मांग की थी। इससे पहले फिल्म का नाम ज्ञानवापी फाइल्स ए टेलर्स मर्डर स्टोरी रखा गया था और इसे 27 जून को रिलीज किया जाना था, लेकिन सेंसर बोर्ड की आपत्तियों के चलते इसका नाम बदला गया और रिलीज की डेट टाल दी गई।
कन्हैयालाल हत्याकांड मामला-
28 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल साहू की दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर रियाज मोहम्मद अत्तारी और उसके साथी ने हत्या का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला था, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। पुलिस ने दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन आज तक उन्हें सजा नहीं मिली।
बेटे ने आज तक नहीं किया अस्थि विसर्जन-
कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश तेली ने अब तक अपने पिता की अस्थियों का विसर्जन नहीं किया है। वे नंगे पांव रहते हैं और अब भी इंसाफ की आस में हैं। परिवार ने इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
विवादों के बीच ट्रेलर हुआ वायरल-
4 जुलाई को फिल्म का ट्रेलर जारी किया गया था, जो रिलीज के साथ ही चर्चा में आ गया। याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया कि फिल्म सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का सकती है और इससे समाज में तनाव फैल सकता है। अब देखना यह है कि सेंसर बोर्ड की सख्ती और कोर्ट की हरी झंडी के बाद ‘उदयपुर फाइल्स’ दर्शकों के सामने किस रूप में आती है