Farhan Akhtar's Birthday Today: फरहान अख्तर का चरित्र है बहुआयामी, यहां पढ़िए उनकी अनोखी कहानी
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NPG DESK
मुंबई I फरहान अख्तर ने अपनी फिल्मों में दो एकदम अलग तरह के किरदार निभाए। एक "ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा" वाला चरित्र , जो किसी भी चीज को गंभीरता से नहीं लेता और एक भाग मिल्खा भाग वाला चरित्र , जो अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए असंभव से आगे बढ़ कर प्रयास करता है। निजी ज़िन्दगी में भी फरहान ने दो ऐसे ही फेज़ जिए। आज 9 जनवरी को उनके जन्मदिन के दिन मिलते हैं इस जबरदस्त शख्सियत से।
बहुत लापरवाह थे फरहान:- फिल्मी माहौल में पले-बढ़े फरहान बहुत अस्त-व्यस्त ज़िन्दगी जीते थे। यहां तक कि कम उपस्थिति के कारण उन्हें काॅलेज से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। फरहान के बारे में एक और बात बहुत चर्चित है कि उनके दिन भर घर में बैठे-बैठे पिक्चरें देखते रहने और ढीले-ढाले रवैये से उनकी मां इतनी परेशान थीं कि उन्होंने फरहान से कहा कि या तो सुधर जाओ और अपने कैरियर की चिंता करो या फिर तय मानो कि मैं तुम्हें घर से निकाल दूंगी। तब माँ के डर से उन्होंने "दिल चाहता है" फिल्म की कहानी लिखी और उसके बाद कभी पीछे पलटकर नहीं देखा।
धुन यूं लगी कि बदल गया चरित्र:- फरहान बदले तो यूं बदले कि अपने शौकों से जुड़ी कोई फील्ड ऐसी न छोड़ी जिसमें महारत न हासिल की हो। "राॅक ऑन" का उनका गाना सुन लीजिए या "तूफान" की उनकी फिटनेस देख लीजिए, हर बार अपने समर्पण से उन्होंने लोगों को हैरान कर दिया।बेहतरीन निर्देशक और अभिनेता तो वे हैं ही। यही नहीं, उन्होंने हाॅलीवुड की फिल्म "ब्राइड एंड प्रेजुडिस" के साउंड ट्रैक के लिए गीत के बोल भी लिखे। उनकी बनाई फिल्मों की सफलता की कहानी तो हर कोई जानता ही है।
घर के खाने के शौकीन हैं फरहान:- फरहान को घर के बने खाने से विशेष लगाव है। वे सैट पर भी अपना लंच साथ ले जाते हैं। जिसमें प्रायः ग्रिल्ड चिकन या फिश होती है। उन्हें कबाब और वड़ा पाव भी बहुत पसंद है। खाने के अलावा वे खाना बनाने में भी उतनी ही रुचि लेते हैं।
"मर्द " के माध्यम से उठाते हैं पीड़ित औरतों के पक्ष में आवाज़ अपने फाउंडेशन "men against rap and discrimination" यानी " मर्द के माध्यम से वे पीड़ित महिलाओं के पक्ष में आवाज़ उठाते हैं और उनकी यथासंभव सहायता भी करते हैं।