chhattisgarh top 10 tourist places: छत्तीसगढ़ के प्रमुख 10 पर्यटन स्थल, जो मोह लेगी आपका मन

छत्तीसगढ़ में पर्यटन के लिए कई आकर्षक स्थल हैं| बात की जाए अगर 10 प्रमुख पर्यटन स्थल की तो उनमें चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जतमई-घटारानी

Update: 2025-05-28 15:06 GMT


छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश राज्य से अलग होकर अस्तित्व में आया। जिसे देश का हृदय प्रदेश भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ ना सिर्फ विद्युत् और स्टील के उत्पादन की दृष्टि से भारत का महत्वपूर्ण केंद्र है, बल्कि छत्तीसगढ़ अपने पर्यटन स्थल के लिए भी प्रसिद्ध है।

पर्यटन स्थल के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पर्यटन के लिए कई आकर्षक स्थल हैं। पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ में ऐसे तो 100 से ज्यादा स्थल है। बात की जाए अगर 10 प्रमुख पर्यटन स्थल की तो उनमें चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जतमई-घटारानी, भोरमदेव मंदिर, राजिम लोचन मंदिर, तीरथगढ़ जलप्रपात, गिरौदपुरी धाम, सिरपुर, जंगल सफारी रायपुर, और बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य शामिल है।

1- चित्रकोट जलप्रपात

चित्रकोट जलप्रपात बस्तर जिले में इंद्रावती नदी पर स्थित एक खूबसूरत जलप्रपात है। इस जलप्रपात की ऊंचाई 90 फीट है। इसकी खासियत यह है कि बरसात के दिनों में इस जल का रंग लाल होता है, गर्मियों की चांदनी रात में यह बिल्कुल सफेद दिखाई देता है। यह जलप्रपात जगदलपुर से 40 किलोमीटर और रायपुर से 273 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बरसात के मौसम में इन चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती बहुत ज्यादा होती है। जुलाई से अक्टूबर बीच यहां पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है।




 


2- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान बस्तर जिले में जगदलपुर के पास स्थित है। वन्यजीवन और पौधों के अलावा, यह राष्ट्रीय उद्यान कुटुम्बसर, कैलाश और दंडक-स्टेलेग्माइट्स और स्टैलेक्टसाइट्स के आश्चर्यजनक भूगर्भीय संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय उद्यान ड्रिपस्टोन और फ्लोस्टोन के साथ भूमिगत चूना पत्थर की गुफाओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर से लगभग 27 और रायपुर से लगभग 322 किलोमीटर दूर स्थित है।




 


3- जतमई-घटारानी

जतमई-घटारानी मंदिर गरियाबंद जिले के दक्षिण में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। जतमई मंदिर जतमई माता को समर्पित है, जो हिंदू धर्म की देवी दुर्गा का एक रूप हैं। घटारानी जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है जहां देवी घटारानी का मंदिर है। जतमई-घटारानी गरियाबंद से 23 और राजधानी रायपुर से केवल 87 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।




 


4- भोरमदेव मंदिर

भोरमदेव मंदिर कबीरधाम जिले में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे "छत्तीसगढ़ का खजुराहो" भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर की प्राचीन वास्तुकला और कलात्मकता इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाती है। भोरमदेव मंदिर कवर्धा से 18 और रायपुर से 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।




 


5- राजिम लोचन मंदिर

राजिम छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर स्थित है। यहां पर महानदी, पैरी नदी और सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। यहां स्थित राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु को समर्पित है। हर साल यहां पर माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक एक विशाल मेला लगता है। राजिम लोचन मंदिर रायपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।




 


6- तीरथगढ़ जलप्रपात

तीरथगढ़ जलप्रपात बस्तर ज़िले में कांगेर घाटी पर स्थित है। तीरथगढ़ जलप्रपात भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है। जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 300 फीट है। तीरथगढ़ जलप्रपात एक प्रसिद्द पर्यटन स्थल में से एक है, जहां पर हर साल भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है। तीरथगढ़ जलप्रपात घूमने के लिए अक्टूबर-फरवरी का समय सबसे बेहतर है। तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर से 35 और रायपुर से 336 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।




 


7- बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य

बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य महासमुन्द ज़िले में स्थित एक वन्य अभयारण्य है। इस अभयारण्य में नीलगाय, बाघ, तेंदुआ, साही, चीतल के साथ-साथ 150 प्रजातियों के पक्षियों का घर है। बरनवापारा वन्यजीव अभयारण्य का मुख्य आकर्षण माना जाता है। बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य रायपुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।




 


8- गिरौदपुरी धाम

गिरौदपुरी धाम छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है| गिरौदपुरी धाम छत्तीसगढ़ के सतनामी पंथ के संस्थापक गुरु घासीदास की जन्मस्थली है| महानदी और जोक नदी के संगम पर गिरादपुरी गांव में स्थित है जो की बिलासपुर से 80 और रायपुर से 125 किलोमीटर दूर है। ये एक स्तम्भ है। आपको जानकर हैरानी होगी की इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार से भी ज़्याफ़ा है। इसकी ऊंचाई 77 मीटर 243 फ़ीट है।




 


9- जंगल सफारी रायपुर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित जंगल सफारी ये जंगल सफारी एशिया की एकमात्र ऐसी जंगल सफारी है जिसे इंसानो ने बनाया है। हैरानी की बात यह है कि ये शहर के बिलकुल बीचों बीच स्थित है। जंगल सफारी में बाघ, भालू और शाकाहारी जानवर देखे जा सकते हैं। 




 


10- मैनपाट

छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से प्रसिद्ध मैनपाट सरगुजा जिले में स्थित है। यह स्थल सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मैनपाट एक अंडरग्राउंड हिल स्टेशन है। मैनपाट को अक्सर छत्तीसगढ़ के शिमला और “मिनी तिब्बत” के रूप में कहा जाता है। यहां के टाइगर प्वाइंट, फिश प्वाइंट, दलदली, उल्टा पानी, परपटिया, तिब्बती मठ मंदिर, तिब्बती कैंप, मेहता प्वाइंट, टांगीनाथ का मंदिर प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं। मैनपाट रायपुर से करीब 390 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। 




 


Tags:    

Similar News