CG Teacher Yuktiyukatkaran: स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तिकरण का जिन्न फिर आया बाहर, अगले हफ्ते प्रॉसेज होगा प्रारंभ, कलेक्टरों को दिया जा रहा पावर...
CG Teacher Yuktiyukatkaran: स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होने जा रही है। युक्तियुक्तकरण का पूरा ड्राफ्ट तैयार है, सिर्फ इसे अमलीजामा पहनाया जाना है। जाहिर है, स्कूलों और शिक्षकों के युक्तिकरण से आधे से अधिक शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों की समस्या दूर हो जाएगी।

CG Teacher Yuktiyukatkaran: रायपुर। पैसे और पहुंच के बल पर बरसों से शहरों के स्कूलों में जमे सरप्लस शिक्षकों के अब अच्छे दिन जाने वाले हैं। सरकार ने स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए कमर कस लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस पर होम वर्क शुरू कर दिया है। युक्तियुक्तकरण को अंजाम देने के लिए ही सरकार ने तेज-तर्रार आईएएस ऋतुराज रघुवंशी को डीपीआई बनाया है। डीपीआई दिव्या मिश्रा को बालोद का कलेक्टर बनाया गया है। उनकी जगह पर किसे नया डीपीआई बनाया जाए, इसके लिए बड़ा मंथन हुआ, क्योंकि स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के बाद लगभग 13 हजार शिक्षकों को ट्रांसफर करना होगा।
बता दें, युक्तियुक्तकरण का ड्राफ्ट सरकार ने पहले से तैयार कर लिया है। नगरीय निकाय चुनाव से पहले सितंबर में ही एसडीएम की अध्यक्षता में शिक्षकों और स्कूलों की लिस्टिंग के लिए कमेटी बना दी गई थी। मगर शिक्षकों नेताओं ेका विरोध और नगरीय निकाय चुनावों को देखते सरकार ने इसे ड्रॉप कर दिया था। मगर पर्दे के पीछे काम इस पर चलता रहा। सारी कमेटियों ने स्कूलों और अतिशेष स्कूलों की स्कूटनी करके स्कूल शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेज दी है। अब इस पर अमल किया जाना है।
युक्तियुक्तकरण में अब कोई बाधा नहीं
प्राचार्यों का प्रमोशन हफ्ते भर में कंप्लीट हो जाएगी। उसके बाद युक्तियुक्तकरण में कोई रोड़ा नहीं रहेगा। राजनीतिक भी नहीं। क्योंकि, खुद मुख्यमंत्री विधानसभा में युक्तियुक्तकरण के जरिये शिक्षकों की कमी को दूर करने का ऐलान कर चुके हैं। पिछले दिनों सीएम हाउस में हुई हाई प्रोफाइल बैठक में भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जिन स्कूलों में बच्चे कम हों उन्हें पास के स्कूलों में मर्ज कर दिया जाए। इसी तरह जहां अतिशेष शिक्षक हैं, युक्तियुक्तकरण कर उन्हें वहां पोस्ट किया जाए।
डीपीआई जल्द लेंगे बैठक
सूत्रों का कहना है, नए डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी को नियुक्ति के साथ ही सरकार के निर्देश मिले हैं कि गरमी की छुट्टी के बाद जब स्कूल खुलेंगे, तब तक युक्तियुक्करण की प्रक्रिया पूरी हो जाए। ताकि, शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता हो जाए। पता चला है, डीपीआई जल्द ही इस संबंध में अहम बैठक लेने वाले हैं।
कलेक्टरों को पावर
चूकि कलेक्टरों को ग्राउंड रियलिटी की जानकारी होती है, इसलिए शिक्षकों की पोस्टिंग में कलेक्टरों को जिम्मेदारी दी जा रही है। यहां तक कि व्याख्याता तक की पोस्टिंग की जवाबदेही कलेक्टरों को सौंपी जा रही है। काउंसलिंग के जरिये अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग की जाएगी।
13 हजार शिक्षक अतिशेष
छत्तीसगढ़ में 13 हजार अतिशेष शिक्षक बिना काम के पगार ले रहे हैं। इनमें 7300 अतिशेष हैं और स्कूलों के युक्तियुक्तरण के बाद करीब छह हजार शिक्षक और अतिशेष निकल रहे हैं। याने 13 हजार से अधिक शिक्षक एक्सट्रा हैं। कई स्कूलों में बच्चे कम और टीचर ज्यादा हो गए हैं। खासकर शहरो के स्कूल शिक्षकों से भरे पड़े हैं और गांवों में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जहां एक भी टीचर नहीं हैं। 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां चार-से-पांच शिक्षक हैं और इससे अधिक शिक्षक। दुर्ग शहर के एक मीडिल स्कूल में 90 बच्चों पर 11 शिक्षक तैनात हैं। ये शिक्षकों की पोस्टिंग में भर्राशाही का नमूना है।
300 स्कूल शिक्षक विहीन
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में एक तरफ 300 से अधिक स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 5500 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक तैनात हैं। विधानसभा में स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदन को स्वयं यह जानकारी दी।
स्कूलों को मर्ज
छत्तीसगढ़ में करीब 4 हजार स्कूल ऐसे हैं, जो एक ही कैंपस में अन्य स्कूलों के साथ चल रहे हैं। और लगभग डेढ़ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बच्चों की संख्या 10 से 20 के बीच है। इनमें 100 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चे 10 से कम हैं और शिक्षक राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक हैं।
20 बच्चों पर एक स्कूल
राष्ट्रीय मानक के अनुसार 20 बच्चे होने पर एक स्कूल खोला जा सकता है। ये भी नियम नार्थ ईस्ट या फिर उग्रवाद प्रभावित इलाकों के लिए है। मगर छत्तीसगढ़ में जहां दो-दो, चार-चार बच्चे वाले स्कूलों की संख्या सैकड़ों में हैं। ऐसे स्कूलों के शिक्षको के वेतन पर करोड़ों रुपए स्वाहा किया जा रहा है। हालांकि, अफसरों का कहना है इनमें अधिकांश स्कूल एक ही कैंपस में हैं। याने उन्हें आपस में मर्ज किया जाएगा तो स्कूल शिफ्थ जैसे प्रश्न नहीं आएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार 150 के करीब स्कूल ऐसे होंगे, जिनमें पांच-सात बच्चे हैं और उन्हें पास के गांवों में युक्तियुक्तकरण कर शिफ्थ करने की योजना है।
5000 शिक्षक मिलेंगे
स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से सरकार में बैठे अधिकारियों का मानना है कि करीब पांच हजार शिक्षक मिल जाएंगे। इस समय पूरे छत्तीसगढ़ में 7300 शिक्षक अतिशेष हैं। पांच हजार को मिला दिया जाए तो अतिशेष शिक्षकों की संख्या में लगभग 13 हजार हो जाएंगी। अफसरों का मानना है कि इससे शिक्षकों की कमी काफी कुछ कम हो जाएगी। इस समय 300 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं और 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे चल रहे हैं।