CG News: आखिर स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन के बजाय क्यों मंगाया ऑफलाइन आवेदन.... पूर्व में मंगाए गए, जाने पीछे की पूरी सच्चाई
रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने आज से लगभग 6 महीने पहले एक आदेश जारी करके यह कहा था कि अब स्कूल शिक्षा विभाग में ऑनलाइन ही आवेदन होंगे और ऑनलाइन ही आदेश जारी होगा और उसके बाद प्रक्रिया शुरू भी हुई बड़ी संख्या में प्रदेश के शिक्षकों ने आवेदन जमा किया। चंद शिक्षकों के स्थानांतरण भी हुए। अगर ऑनलाइन आवेदन की बात करें तो अभी भी विभाग के पास बड़ी संख्या में शिक्षकों के आवेदन जमा थे। जिसमें से हजारों की संख्या में शिक्षकों को DEO के द्वारा स्थानांतरण के लिए अनुशंसा भी की गई थी। उसके बाद भी विभाग ने ऑनलाइन आवेदन के बजाए ऑफलाइन माध्यम से ही आवेदन स्वीकार करना तय किया है तो इसके पीछे की बड़ी वजह है ।
दरअसल, पिछले बार जब ऑनलाइन आवेदन मंगाया गया तो उस समय ट्रांसफर नीति खुली नहीं थी। ऐसे में केवल मुख्यमंत्री द्वारा अनुशंसा के माध्यम से ही स्थानांतरण हो सकता था सो विभाग के अधिकारियों के ऊपर भी दबाव नहीं था। 1 जिले में हजारों शिक्षकों ने आवेदन किया लेकिन DEO के पास यह कहीं पर भी बाध्यता नहीं थी कि वह सारे आवेदन को देखे या स्वीकृत करें या अस्वीकृत करें। अधिकांश आवेदन तो जिला शिक्षा अधिकारी के पास ही पेंडिंग रह गए थे। कई जिलों से तो जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा चढ़ावा लेकर अनुशंसा करने की भी बात सामने निकल कर आई। उसके बाद डीपीआई में जाकर मामला अटक गया। कई शिक्षकों के तो डीपीआई से भी आवेदन में अनुशंसा हो गया। लेकिन फिर अगले चरण यानी मंत्री के पास जाकर आवेदन लटक गए। इसे लेकर विभाग की किरकिरी भी हुई और कई बार यह बात निकलकर सामने आई कि इससे भ्रष्टाचार में भी बढ़ोतरी हुई है। क्योंकि अब बड़े पैमाने पर ट्रांसफर होने हैं और 30 से 40 हजार आवेदन केवल स्कूल शिक्षा विभाग में आने की संभावना है तो पिछली व्यवस्था से यह मामला गड़बड़ा सकता था इसलिए पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए और सभी को मौका देने के लिए ऑफलाइन आवेदन का रास्ता चुना गया है ताकि सभी अपने विकासखंड शिक्षा अधिकारी या जिला शिक्षा अधिकारी के पास व्यवस्था के तहत अपना आवेदन जमा कर सकें । इसके साथ ही साथ विभाग ने चेक लिस्ट भी जारी कर दिया है और नीचे के अधिकारियों को उस पैमाने को ध्यान में रखकर ही ट्रांसफर करने के लिए निर्देशित किया है जिसमें सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर भी किया जाएगा। इसलिए प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आवेदन ऑफलाइन मंगाए गए हैं और इसके बाद जितने शिक्षकों का स्थानांतरण करना होगा उनके स्थानांतरण आदेश ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। ताकि छटनी हो सके और संख्या में कमी आ सके। बाद में स्थानांतरित हुए शिक्षकों का कार्य मुक्ति और कार्यभार ग्रहण भी ऑनलाइन से ही किया जाएगा। ताकि विभाग के पास सटीक जानकारी रहे और किसी प्रकार की कोई त्रुटि ना हो और जिन अधिकारियों के पास आईडी है वह एक क्लिक से यह जान सके कि कौन से स्कूल में किस शिक्षक की पदस्थापना है। किसका स्थानांतरण वास्तव में विभाग द्वारा किया गया है, जिससे फर्जी स्थानांतरण आदेश वाली कोई समस्या खड़ी न हो जिससे पिछले सत्र में अधिकारी भी परेशान हुए हैं।