35 हजार सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को लेकर फेडरेशन अब निर्णायक लड़ाई की तैयारी में, अध्यक्ष मनीष मिश्रा पहुंचे रायपुर, बोले...

नियुक्ति के बाद से छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षक वेतन विसंगति का सामना कर रहे हैं। इसके लिए पिछली सरकार में सरकार के साथ कई दौर की बैठकें हुई, सहायक शिक्षकों ने पूरे छत्तीसगढ़ में प्रदर्शन किए मगर उससे कोई फायदा नहीं हुआ।

Update: 2024-06-18 15:17 GMT

रायपुर। वेतन विसंगति को दूर करने पुरानी मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन एक बार फिर लामबंद होने लगा है। हालांकि, पिछली भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान फेडरेशन ने लंबा आंदोलन किया। छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में प्रदर्शन हुए। मगर उन्हें आश्वासानों के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ।

राजधानी रायपुर में सहायक शिक्षक फेडरेशन ने लंबे समय तक धरना और भूख हड़ताल किया। फेडरेशन के नेताओं की तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ0 प्रेमसाय सिंह और प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला के साथ सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेताओं की कई बार बैठकें हुई। मगर कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। तब सरकार का कहना था कि प्रमोशन होने के बाद वेतन विसंगति की समस्या खूद-ब-खूद दूर हो जाएंगी। मगर फेडरेशन का कहना था कि सहायक शिक्षक और शिक्षक के वेतन में अंतर काफी है। प्रमोशन होने के चक्कर में सहायक शिक्षकों का काफी नुकसान हो जाएगा।

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने आज एनपीजी न्यूज से बातचीत में उम्मीद जताई कि विष्णुदेव साय की नई सरकार से फेडरेशन को बड़ी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के घोषणा पत्र में भी सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करना शामिल है। उन्होंने कहा कि वे आज रायपुर आए हैं। यहां वे स्कूल शिक्षा मंत्री के साथ ही वित्त मंत्री से मुलाकात करेंगे। अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो फिर फेडरेशन के सामने आंदोलन के अलावा और कोई चारा नहीं होगा। क्योंकि, सहायक शिक्षकों का बड़ा नुकसान हो गया है।

बता दें, पहले छत्तीसगढ़ में लगभग एक लाख के करीब सहायक शिक्षक थे। मगर प्रमोशन होते जाने की वजह से अब सहायक शिक्षकों की संख्या करीब 35 हजार बच गई है।

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