ELSS Mutual Funds: लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में 20 से 30 फीसदी का तगड़ा रिटर्न, केवल 3 साल का लॉक इन पीरियड

SIP में इन्वेस्टमेंट से भी अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं। कई ELSS म्यूचुअल फंड से ग्राहक को 20 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। ELSS म्यूचुअल फंड्स को टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स भी कहा जाता है।

Update: 2024-07-05 11:41 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। SIP में इन्वेस्टमेंट से भी अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं। कई ELSS म्यूचुअल फंड से ग्राहक को 20 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। ELSS म्यूचुअल फंड्स को टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स भी कहा जाता है। इसमें 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट भी मिलती है। आप ELSS फंड में ब्रोकर या किसी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश कर सकते हैं।

लॉन्ग टर्म निवेश पर बढ़िया रिटर्न

अगर आप ELSS म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म निवेश करते हैं, तो 20 से 30 फीसदी तक भी रिटर्न मिल सकता है। म्यूचुअल फंड की 3 बड़ी कैटेगरी है- इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड। इक्विटी फंड ज्यादा जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों के लिए अच्छा माना जाता है। डेट फंड उन निवेशकों के लिए बढ़िया होते हैं, जो मीडियम जोखिम लेकर हाई रिटर्न लेना चाहते हैं और हाइब्रिड फंड उन निवेशकों के लिए होते हैं, जो बिना जोखिम लिए बेस्ट रिटर्न चाहते हैं।


ELSS इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS एक ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड है। ये आमतौर पर इक्विटी और इक्विटी से संबंधित प्रोडॅक्ट्स में निवेश करता है। ELSS एक इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड है। ये अनिवार्य रूप से किसी भी अन्य इक्विटी फंड योजना के सभी जोखिमों को वहन करता है। सभी ELSS म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम, अस्थिरता जोखिम और एकाग्रता जोखिम से प्रभावित होते हैं। अगर आपको जोखिम नहीं लेना है, तो आप इस तरह के फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

ELSS का 3 साल का अनिवार्य लॉक इन पीरियड

ELSS फंड PPF या राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) जैसे निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक रिटर्न देते हैं। ELSS इकलौता म्यूचुअल फंड है, जिसमें निवेश पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। ELSS का 3 साल का अनिवार्य लॉक इन पीरियड है। ये समय समाप्त होने के बाद आपको यूनिट को अनिवार्य रूप से भुनाने की जरूरत नहीं है। लॉक इन अवधि की खत्म होने के बाद फंड एक विविध, ओपन-एंडेड इक्विटी-उन्मुख योजना बन जाता है। आप जब चाहें यूनिट्स को भुना सकते हैं।

ELSS फंड में निवेश करते वक्त बरतें ये सावधानी

एकमुश्त बहुत ज्यादा निवेश करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। बाजार जोखिम पर भी असर पड़ता है। ELSS फंड में लॉक इन पीरियड के दौरान पैसे निकालने में मुश्किल होती है। आप ELSS फंड में ब्रोकर या किसी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश कर सकते हैं। आप SIP के जरिए भी नियमित रूप से ELSS फंड में निवेश कर सकते हैं।

बीते 5 सालों में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले ELSS Mutual Fund

क्वांट ELSS टैक्स सेवर फंड- इस म्यूचुअल फंड ने पिछले 5 सालों में औसत 29.98 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है। अगर आपने इस फंड में 5 साल पहले एक लाख रुपये निवेश किए होते तो ये राशि अब तक बढ़कर 3.70 लाख रुपये के करीब हो चुकी होती।

बैंक ऑफ इंडिया ELSS टैक्स सेवर फंड- इस फंड ने पिछले 5 सालों में औसत 24.26 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है। अगर 5 साल पहले इस फंड में एक लाख रुपए का निवेश किया गया होता, तो ये राशि बढ़कर करीब 2.90 लाख रुपये की हो चुकी होती।

SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड- इस फंड ने बीते 5 साल में औसत 20.57 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस फंड में एक लाख निवेश करने पर 5 सालों में आपका रिटर्न बढ़कर 2.55 लाख रुपये का हो गया होता।

बंधन ELSS टैक्स सेवर फंड- इस म्यूचुअल फंड ने पिछले 5 साल में औसत 19.39 प्रतिशत का रिटर्न अपने निवेशकों को दिया है। अगर आपने इसमें 5 साल पहले एक लाख रुपए का निवेश किया होता, तो आपका पैसा बढ़कर 2.42 लाख रुपये हो गया होता।

लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद भी जारी रखा जा सकता है ELSS निवेश

ELSS निवेश राशि को इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाता है। ELSS आपको 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट भी देता है। ELSS की सबसे अच्छी बात यह भी है कि एनएससी और टैक्स-सेविंग एफडी जैसी योजनाओं में 5 साल की लॉक-इन पीरियड के बजाय इसमें लॉक-इन पीरियड 3 साल है। इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स स्‍कीम में 3 साल का लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद निवेशक इसे जारी रख सकता है।

500 रुपये से शुरू कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट

ELSS Mutual Funds में आपको अपने बजट और सुविधा के मुताबिक स्कीम चुनने का ऑप्शन मिलता है। आप इसमें महज 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।

ELSS Mutual Funds (3 साल में रिटर्न)

  • Quant ELSS Tax Saver Fund- 32.35 फीसदी
  • HDFC ELSS Tax Saver Fund- 25.02 फीसदी
  • Bandhan ELSS Tax Saver Fund- 24.94 फीसदी
  • SBI Long Term Equity Fund- 24.71 फीसदी
  • Bank of India ELSS Tax Saver Fund- 23.88 फीसदी

अब पैसिव ELSS फंड में भी निवेश का ऑप्शन

एसेट मैनेजमेंट कंपनियों यानी AMC को सेबी की तरफ से पैसिव स्कीम (passive scheme) लॉन्च करने की अनुमति मिली है। अब निवेशकों के पास एक्टिव के साथ-साथ पैसिव ELSS स्कीम में भी निवेश का ऑप्शन खुल गया है। वैसे निवेशक जो कम जोखिम लेना चाहते हैं, पैसिव ELSS के साथ जा सकते हैं। पैसिव ELSS में फंड मैनेजर की एक्टिव भूमिका नहीं होती है, इसलिए टोटल एक्सपेंस रेश्यो भी एक्टिव स्कीम के मुकाबले कम है। निवेश की रणनीति में निरंतरता (continuity) और पारदर्शिता (transparency) की वजह से भी निवेशक इस नए विकल्प को पसंद कर रहे हैं।

एलएसएस फंड की विशेषताएं क्या हैं?

  • ELSS म्यूचुअल फंड की खास बात
  • धारा 80सी के तहत हर साल डेढ़ लाख तक के टैक्स की छूट।
  • ELSS फंड 3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं और समय से पहले विड्रॉल का कोई प्रावधान नहीं।
  • आप ELSS में कोई भी राशि निवेश कर सकते हैं, इसमें कोई ऊपरी सीमा नहीं है, जबकि न्यूनतम निवेश 500 रुपए है।
  • ELSS फंड एकमात्र कर-बचत निवेश है, जो मुद्रास्फीति को मात देने वाला रिटर्न देने की क्षमता रखता है।
  • ELSS फंड में निवेश करने से आपको कर कटौती और धन सृजन का दोहरा लाभ मिलता है।
  • ELSS फंड के पोर्टफोलियो में ज्यादातर इक्विटी शामिल होती है, जबकि उनका कुछ निवेश निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में भी होता है।

इस तरह से करें ELSS म्यूचुअल फंड में निवेश

  • अपना मूल केवाईसी देकर निवेश में एक खाता बनाएं।
  • अगर आपके पास पहले से खाता है, तो बस इसमें लॉग इन करें।
  • अपने पोर्टफोलियो पेज पर स्क्रीन के दाहिने कोने पर नया खरीदें टैब पर क्लिक करें।
  • श्रेणी का चयन करें और वह फंड चुनें जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
  • अगर आप पहले से ही खरीदने के लिए फंड का नाम जानते हैं, तो आप क्विक ऑर्डर के माध्यम से विशेष फंड को खोज सकते हैं।
  • लेनदेन विवरण भरें और पुष्टि करें। आप एक बार में अधिकतम 5 ऑर्डर दे सकते हैं।
  • आप अपने पंजीकृत खाते के माध्यम से यूपीआई, डायरेक्ट पे, या एनईएफटी/आरटीजीएस, बैंक मैंडेट या चेक के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं। उसी दिन एनएवी के लिए, यूपीआई, डायरेक्ट पे या एनईएफटी/आरटीजीएस का चयन करें। नोडल अकाउंट को स्वीकृत मैंडेट से भुगतान क्लीयर करने में लगभग 1-2 दिन लगते हैं और चेक में लगभग 2-5 दिन लगते हैं।
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