Bijapur district : बीजापुर जिले को जानिए : बीजापुर जिले का इतिहास और सामान्य परिचय...

Update: 2023-04-22 09:02 GMT

बीजापुर जिला 1 मई 2007 को अस्तित्व में आया । यह छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग में स्थित है। पहले यह दंतेवाड़ा जिले का हिस्सा हुआ करता था। छत्तीसगढ़ राज्य का पहला टाइगर रिजर्व इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान इसी जिले में हैं। राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना और राजकीय पशु जंगली भैंसा भी इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं। यहां के नंबी जलधारा नामक जलप्रपात को बस्तर का सबसे ऊंचा जलप्रपात माना जाने लगा है, जिसका सौंदर्य देखते ही बनता है। जिले में तांबा, कोरंडम, गार्नेट जैसे खनिज पाए जाते हैं। हल्बा, गौड़, दंडामी मारिया आदि यहां की प्रमुख जनजातियां हैं। यहां के आदिवासियों द्वारा निर्मित सल्फी ( जिसे बस्तर बीयर के नाम से भी जाना जाता है) और लाल चींटी की चटनी के चर्चे दूर- दूर तक हैं। जिले में तेलगू भाषी आबादी बहुतायत में है। यह नक्सलवाद से प्रभावित है। जिले के बारे में और जानकारी आपको आर्टिकल में आगे मिलेगी।

इतिहास

बीजापुर, जिसे पहले बिरजापुर कहा जाता था, के इतिहास के संबंध में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। जिले का भोपालपट्टनम पहले नल-नाग वंश की राजधानी था। जिले के भैरमगढ़ में नागवंशी राजाओं द्वारा अनेक मंदिरों का निर्माण किया गया है।अवापल्ली (बीजापुर) में नागवंशी राजाओं की मुद्रा प्राप्त हुई हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यहां नाग वंशीय राजाओं का शासन था। एक शिलालेख (केसरीबेड़ा शिलालेख) से पता चलता है कि वाकाटक नरेश पृथ्वी सेन ने नागवंशीय राजा अर्थपति भट्टारक को पराजित कर राजधानी पुस्करी ( भोपालपट्टनम) को तहस नहस कर दिया था।

आधुनिक काल की बात करें तो चूंकि यह जिला कुछ ही वर्षों पूर्व दंतेवाड़ा जिले से पृथक हुआ है, इसलिए अलग से इसके इतिहास का विधिवत वर्णन उपलब्ध नहीं हो सका है।

प्रशासनिक जानकारी

बीजापुर का क्षेत्रफल 6562 वर्ग किमी है। जिले की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 25,55,230 है। जिला मुख्यालय बीजापुर है। इसके अंतर्गत 4 तहसील, 4 विकासखंड, 2 नगर पंचायत, 1 नगर पालिका परिषद, 3 जनपद पंचायत, 169 ग्राम पंचायत और 696 गांव हैं।

कृषि

गेहूं, धान, तिलहन, दलहन बीजापुर जिले की प्रमुख फसलें हैं। मूंग की खेती यहां बरसों से की जा रही है। बदलते वक्त के साथ किसान जैविक फसलों, सुगंधित धान, मिर्च, कटहल, लौकी, करेला, तरोई, सीताफल, काजू, आंवला जैसे लाभप्रद उत्पादन पर ध्यान दे रहे हैं।

अर्थव्यवस्था

तांबा, कोरंडम, गार्नेट जैसे खनिजों से यह जिला संपन्न है। वनाच्छादित होने के कारण यहां उद्योगों का अधिक विकास नहीं हुआ है। परंपरागत उद्योगों में बर्तन, धातुकर्म, और लकड़ी से निर्मित सामान बनाया जाता है। जिले में चावल मिल, भवन निर्माण सामग्री आदि से संबंधित उद्योग हैं। वनोपज बांस, महुआ इत्यादि के आधार पर उद्योग हैं। भैरमगढ़ की झाड़ू, टोकरी, हस्तशिल्प आदि प्रशंसित हैं।

प्रमुख शिक्षण संस्थान

प्रमुख काॅलेज

० इंद्रावती शासकीय महाविद्यालय

० नवीन शासकीय महाविद्यालय

० शहीद वेंकट राव शासकीय महाविद्यालय

० शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज

० शासकीय आई. टी. आई.

प्रमुख स्कूल

० जवाहर नवोदय विद्यालय

० सेंट थॉमस पब्लिक स्कूल

० एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय

० केन्द्रीय विद्यालय

० डी.ए.वी. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल

० एवर ब्लूमिंग स्कूल

० आदेश्वर पब्लिक स्कूल आदि

जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल

भद्रकाली मंदिर

यह मंदिर भोपालपटनम से 20 किमी दूर भद्रकाली गांव में है। मान्यता है कि काकतीय शासक ने सबसे पहले यहां देवी काली का चित्र स्थापित किया था। वसंत पंचमी के दिन एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है और छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के दूर-दराज के स्थानों से श्रद्धालु यहां आते हैं।

नंबी जलधारा

नंबी जलधारा बीजापुर से 64 किमी दूर उसूर के पास तेलंगाना की सीमा पर है ।इसे छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जलप्रपात माना जा रहा है। बताया जाता है कि इसकी ऊंचाई करीब 180 मीटर (540 फीट) है। इतनी ऊंचाई से एक अपेक्षाकृत पतली धारा के रूप में गिरते इस प्रपात को 4 किमी दूर नंबी गांव से भी देखा जा सकता है। दुर्गम इलाके में घने जंगल से होकर इस प्रपात तक पहुंचना आसान नहीं है।

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य को देश में पहचान दिलाता है। इसका नाम निकटतम इंद्रावती नदी के कारण पड़ा है। यह छत्तीसगढ़ में उदांति-सीतानदी के साथ दो परियोजना बाघ स्थलों में से एक है।

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, चीतल, जंगली भैंसा, बार्किंग डियर, बारहसिंघा, जंगली सुअर, धारीदार हाइना, उड़न गिलहरी, लंगूर, साही, पैंगोलिन, बंदर आदि जानवर यहां देखे जा सकते हैं।

वहीं मॉनिटर छिपकली, मगरमच्छ, आम क्रेट, भारतीय गिरगिट, इंडियन रॉक पायथन, रसेल के वाइपर कोबरा जैसे रेप्टाइल भी यहां हैं।

पक्षियों की बात करें तो यहाँ पहाड़ी मैना, चित्तीदार उल्लू, मोर, रैकेट-पूंछ वाले ड्रोंगो, तोते, स्टेपी ईगल्स आदि देखे जा सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता एवं अद्वितीय वन्य जीवों के साथ खूबसूरत पर्वत श्रृंखलाएं इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाती हैं।

पामेड़ वन्य जीवन अभ्यारण्य

अभ्यारण्य की स्थापना 1983 में की गई थी। इसका क्षेत्रफल 260 वर्ग किलोमीटर है। यह अभ्यारण्य आंध्र प्रदेश सीमा के नजदीक है। यहाँ मिश्रित पर्णपाती वन पाए जाते हैं।

यहां पाए जाने वाले जीवों में जंगली कुत्ता, भालू, सियार, भेड़िया, लकड़बग्घा, नीलगाय, बाइसन, तेंदुआ और बाघ आदि हैं। अभयारण्य विभिन्न प्रकार के देसी-प्रवासी पक्षियों का भी घर है। यहां पर मोर, कबूतर, तोता, बटेर, और सारस आसानी से देखे जा सकते हैं।अभयारण्य के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी पक्षी भी दिखाई देते हैं।

भैरमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य

यह बीजापुर के पूर्वी भाग में स्थित है। अभ्यारण्य 138.95 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। यह दो प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों अर्थात इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से घिरा हुआ है। सरकार ने खासकर जंगली भैंसों के बचे हुए समूह की रक्षा के लिए 1983 में इसकी स्थापना की। यहां जंगली भैंसों के अलावा नीलगाय, सांभर, बार्किंग डीयर, स्लॉथ बियर,जंगली सुअर, जैकल और धारीदार हाइना आदि जानवर पाए जाते हैं। वहीं बटेर, हरे कबूतर और तोते जैसे पक्षी भी पाए जाते हैं।

लंकापल्ली जलप्रपात

बीजापुर के लंकापल्ली नामक ग्राम में एक बेहद सुंदर जलप्रपात है लंकापल्ली जलप्रपात। यह पूरे साल निरंतर बहने वाले जलप्रपात के रूप में प्रसिद्ध है। इस जलप्रपात को स्थानीय लोग गोंडी बोली में बोक्ता कहते हैं।

भैरमदेव मंदिर

यह मंदिर बीजापुर के भैरमगढ़ गांव में स्थित है। मंदिर एक झोंपड़ी के रूप में है और अंदर शिवलिंगम और नंदी स्थापित हैं। गांव में चारों ओर प्राचीन मंदिर और मूर्तियों के भग्नावशेष देखे जा सकते हैं। एक चट्टान को काटकर अर्धनारीश्वर के रूप में उकेरा गया हे। यह प्रतिमा 13-14वीं शताब्दी ईस्वीं की है । क्षेत्र में भगवान ब्रह्मा की दुर्लभ छवि भी देखी जा सकती है। गांव में नागवंशीय राजाओं के काल की विभिन्न मूर्तियां भी हैं।

कैसे पहुँचे

वायु मार्ग :

बीजापुर से निकटतम हवाई अड्डा जगदलपुर हवाईअड्डा है। प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट , रायपुर 480 किमी की दूरी पर है।

ट्रेन से

बीजापुर से निकटतम रेलवे स्टेशन दंतेवाड़ा रेलवे स्टेशन है।

सड़क मार्ग से

बीजापुर शहर से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग NH 63, NH163 है। भोपालपटनम में NH 63 बीजापुर को NH 202 से जोड़ता है। जो आंध्रप्रदेश की ओर जाता है।

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