Reserve Bank of India News: RBI ने नियमों के उल्लंघन के लिए SBI समेत अन्य तीन बेंको पर लगाया करोड़ो का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर 2 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बैंक पर रेगुलेटरी नियमों का पालन न करने के चलते ये एक्शन लिया गया है। इसके साथ ही केनरा बैंक और सिटी यूनियन बैंक पर भी केंद्रीय बैंक ने पेनाल्टी लगाई है।

Update: 2024-02-26 15:02 GMT

Reserve Bank of India News: Mumbai: सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर 2 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बैंक पर रेगुलेटरी नियमों का पालन न करने के चलते ये एक्शन लिया गया है। इसके साथ ही केनरा बैंक और सिटी यूनियन बैंक पर भी केंद्रीय बैंक ने पेनाल्टी लगाई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने बैंकिंग नियमों और आरबीआई के निर्देशों के उल्लंघन पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और केनरा बैंक पर अलग-अलग जुर्माना लगाया है। आरबीआई के आज जारी एक आदेश में बैंकिंग विनियमन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन और जमाकर्ता शिक्षा जागरूकता निधि योजना का अनुपालन नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

आरबीआई ने कहा कि जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/निरीक्षण रिपोर्ट की जांच से पता चला है कि अन्य बातों के अलावा एसबीआई ने कुछ कंपनियों के पेड-अप शेयर कैपिटल के 30 प्रतिशत से अधिक राशि के शेयरों को गिरवी रखा। साथ ही बीआर अधिनियम में निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष के योग्य राशि को क्रेडिट करने में भी विफल रहा। इसी तरह, आरबीआई ने 'क्रेडिट सूचना कंपनियों और अन्य नियामक उपायों के लिए क्रेडिट सूचना प्रस्तुत करने के लिए डेटा प्रारूप' पर केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए केनरा बैंक पर 32.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

आरबीआई ने कहा कि केनरा बैंक के मामले में जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचारों की जांच से पता चला है कि अन्य बातों के अलावा, बैंक सीआईसी से ऐसी अस्वीकृति रिपोर्ट प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर अस्वीकृत डेटा में सुधार करने और इसे क्रेडिट सूचना कंपनियों के पास अपलोड करने में विफल रहा है। इसके अलावा 31 मार्च 2021 को जोखिम में फँसे ऋण खातों के पुनर्गठन में भी वह विफल रहा। हालाँकि, आईबीआई ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई दोनों बैंकों के नियामक अनुपालन में खामियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय लेना नहीं है।

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