NMDC और फिक्की का भारतीय खनिज और धातु उद्योग पर दो दिन का अहम सम्मेलन दिल्ली में, सीएमडी सुमित देब बोले...

Update: 2022-08-12 16:00 GMT

NMDC NEWS: नई दिल्ली। एनएमडीसी और फिक्की के तत्वाधान में 23 और 24 अगस्त को ताज पैलेस, डिप्लोमेटिक एन्क्लेव नई दिल्ली में '2030 की ओर परिवर्तन और विजन 2047 "विषय पर भारतीय खनिज और धातु उद्योग पर एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भारत की स्वतंत्रता के 75 गौरवशाली वर्षों और"आजादी का अमृत महोत्सव" के उपलक्ष्य में केंद्रीय इस्पात और खान मंत्रालयों के सहयोग से किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य 'विजन 2047' को प्राप्त करने के लिए खनिज और धातु क्षेत्र के लिए भविष्य की योजना पर विचार-विमर्श करना है।

इस कार्यक्रम में उद्योग, नीति और अकादमिक जगत के वक्ता शामिल होंगे। वैश्विक और घरेलू उत्पादक, खनिज संगठन, नीति निर्माता, खान उपकरण निर्माता, वैश्विक कॉर्पोरेट्स के देश प्रमुख, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित होंगे और सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

इस सम्मेलन में वैश्विक और भारतीय खनिज और धातु उद्योगों पर विचार-विमर्श और विश्लेषण, खान क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा, अपेक्षित नीतिगत वातावरण पर संवाद शामिल होगा ।

पूर्वावलोकन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिक्की खनन समिति के अध्यक्ष और एनएमडीसी लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री सुमित देब ने कहा कि देश में विशाल खनिज संसाधन आधार और व्यापार और नियामक वातावरण के विकसित और आसान होने को देखते हुए, देश के सात-साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय दिग्गज भी देश की खानों और खनिज उद्योग में रुचि दर्शा रहे हैं।

श्री देब ने कहा, "उद्योग, केंद्र और राज्यों सहित सभी प्रासंगिक हितधारकों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है और आगामी सम्मेलन सहयोग को मजबूत करने और आगे की योजना तैयार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। चुनौतियों और बाधाओं को संबोधित करना और उनके लिए समाधान ढूंढना प्रगति की कुंजी है और यह सम्मेलन इसके लिए सही मंच प्रदान करेगा। "

उन्होंने कहा, "व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को आसान बनाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुधारों के माध्यम से भारत में खनन क्षेत्र में एक आदर्श बदलाव हो रहा है। हमारी नीति निर्माण में आसान और प्रभावशाली निर्णय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और नीति निर्माण को और आसान बनाने और समयबद्ध और विवेकपूर्ण तरीके से मंजूरी प्राप्त करने में मदद करने के लिए मानदंड तैयार किए जा रहे हैं।"

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