जागरूकता कार्यशाला में नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के साथ शामिल हुईं महिला पार्षद
शहरी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं सेनेटरी नेपकिन पैड के उपयोग के लिए कर रही हैं सभी को प्रेरित
रायपुर। शहरी आजीविका मिशन द्वारा रायपुर नगर निगम क्षेत्र में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के कारणों से अवगत कराते हुए प्रजनन पथ संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता हेतु प्रेरित करने व सेनेटरी पैड के उपयोग के संबंध में जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इस तारतम्य में महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे सहित महिला पार्षद, शहरी आजीविका मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर व सामुदायिक संगठक शामिल हुए। कार्यशाला में महिला पार्षदों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए उनके उपयोगी सुझाव लिए गए। सभी ने माना कि स्वास्थ्य के प्रति हर महिला को जागरूक करने की बड़ी जिम्मेदारी हर शिक्षित महिला निभाएं एवं शहर की हर आयवर्ग को सेनेटरी पैड के उपयोग हेतु प्रेरित करने व उपलब्ध हर बेहतर विकल्प से उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मिलकर प्रयास करेंगे।
निगम मुख्यालय में गांधी सदन में आयोजित कार्यशाला विशेष रूप से केवल महिला पार्षदों हेतु आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में नेता प्रतिपक्ष मीनल छगन चौबे, पार्षद सीमा संतोष साहू, मंजू विरेन्द्र साहू, विश्वदिनी पाण्डेय, नीलम नीलकण्ठ, टेशु नंद किशोर, कामिनी पुरूषोत्तम देवांगन, सरिता वर्मा शामिल हुईं। नेता प्रतिपक्ष मीनल छगन चौबे ने इस पूरे जागरूकता कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी ली एवं शहरी आजीविका मिशन द्वारा अवगत कराया गया कि ग्रामीण अंचल के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहें सैकड़ों परिवारों की महिलाएं अभी भी प्रजनन पथ संक्रमण के खतरों के संबंध में पूरी तरह से जागरूक नहीं है। कार्यशाला में यह भी चिंता व्यक्त की गई कि मासिक धर्म के दौरान अस्वच्छ कपड़े के निरंतर उपयोग से महिलाओं और किशोरियों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
इस महत्वपूर्ण अभियान के संबंध में मिशन मैनेजर सुषमा मिश्रा ने विस्तार से जानकारी देते हुए सभी को अवगत कराया कि संक्रमण से बचाव के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय संस्था बाला प्रोजेक्ट के साथ मिलकर जिले में स्वच्छता जागरूकता अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों से जुड़ी 150 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने सेरीखेड़ी में जिला पंचायत द्वारा संचालित कल्पतरू मल्टीयूटिलिटी सेंटर में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमि. के साथ मिलकर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। यहां प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं मास्टर ट्रेनर के तौर पर अब अंचल की महिलाओं को स्वास्थ्य व पोषण संबंधी जरूरी जानकारी देकर उन्हें जागरूक कर रही है। इन महिलाओं को पुर्नउपयोगी सेनेटरी नैपकिन के संबंध में अवगत कराने लगभग 92 हजार सेनेटरी नेपकिन भी बाला ग्रुप द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराए गए।
कार्यशाला में उन्होंने आगे बताया कि कपड़े के विकल्प के तौर पर उत्तम क्वालिटी के सेनेटरी पैड स्वास्थ्य विषयक दुष्प्रभावों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, किन्तु निम्न आय वर्ग से जुड़े परिवार सेनेटरी पैड पर नियमित व्यय करने में असमर्थ होते है, ऐसे में वापस परंपरागत तरीकों को अपनाने विवश होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था बाला प्रोजेक्ट इन परिस्थितियों के विकल्प के तौर पर पुर्नउपयोगी सेनेटरी नेपकिन पैड तैयार कर स्व-सहायता समूहों के मध्य इसका निःशुल्क वितरण किया गया है। यह संस्था 2017 से भारत के 26 राज्यों सहित नेपाल, घाना और तंजानिया में भी इस मिशन के अंतर्गत महिलाओं के स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर रही है।
इस अभियान के उद्देश्य से अवगत कराते हुए बताया गया कि परंपरागत तरीकों के दौरान लापरवाही से होने वाले बीमारियों के प्रति महिलाओं को सचेत करना तथा सेनेटरी पैड जैसे सुरक्षित साधनों के उपयोग हेतु प्रेरित करना मुख्य उद्देश्य है। महिलाएं अपनी सुविधा अनुरूप बाजार में उपलब्ध सेनेटरी पैड या पुर्नउपयोगी सेनेटरी नैपकिन का विकल्प चयन कर स्वयं को संक्रमण से मुक्त रख सकती हैं। इस कार्यशाला में आजीविका मिशन की प्रभारी परियोजना अधिकारी डॉ. तृप्ति पाणिग्रही, मिशन मैनेजर सुषमा मिश्रा, कोमल भल्ला,सुश्री श्रेया नामदेव, सीमा चतुर्वेदी, सरिता सिन्हा ने उपस्थित रहकर महिला पार्षदों के सुझाव प्राप्त किए एवं उनकी जिज्ञासाओं का निराकरण किया।
नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने इस अभियान के जरिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जागरूक करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा है कि पुर्नउपयोगी सेनेटरी नैपकिन पैड से उन परिवारों को लाभ मिल सकता है, जो बाजार में उपलब्ध सिंगल यूज्ड नेपकिन खरीदने को अतिरिक्त खर्च के रूप में महसूस करती हैं। उन्होंने शहरी आजीविका मिशन से यह भी कहा है कि पुर्नउपयोगी पैड रायपुर में ही तैयार हो सकंे, इस दिशा में काम शुरू करें, जिससे स्व-सहायता समूहों को रोजगार मिले और जरूरतमंद महिलाओं को आसानी से ये पैड उपलब्ध हो सकें।
रायपुर जिले में भी ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन से जुड़ी लगभग 30 हजार महिलाओं को पुर्नउपयोगी सेनेटरी नैपकिन निःशुल्क वितरित कर इस महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ा गया है एवं इन महिलाओं को मास्टर ट्रेनर के तौर पर प्रशिक्षित कर अंचल की महिलाओं को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई हैं। बाला प्रोजेक्ट द्वारा वर्ष 2025 तक देशभर में 1 करोड़ महिलाओं व किशोरियों को इस स्वच्छता कार्यक्रम से जोड़ने व सेनेटरी नैपकिन पैड के उपयोग हेतु प्रेरित करने का लक्ष्य तैयार किया गया है। महिला पार्षदों ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य, स्वच्छता जैसे कार्यक्रम में महिलाओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, अतः ऐसे अभियान में महिलाओं को पूरी जिम्मेदारी देकर समाज को प्रशिक्षित करने वृहद रूपरेखा तैयार किया जाना चाहिए। कार्यशाला के अंत में आजीविका मिशन के द्वारा महिला पार्षदों को इस जागरूकता कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने की अपील करते हुए उनके सहयोग व सुझाव के लिए आभार व्यक्त किया गया।