बड़ी खबर : लद्दाख में पीछे हटने को मजबूर हुआ चीन, गलवान घाटी में 1 किमी पीछे हटे चीनी सैनिक, स्ट्रक्चर भी उखाड़े

Update: 2020-07-06 06:11 GMT

नयी दिल्ली 6 जुलाई 2020। भारत और चीन के बीच मई के महीने से जारी विवाद में अब बड़ी खबर सामने आई है. 15 जून को जिस जगह पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आई थीं, अब वहां से चीनी सेना करीब एक किमी. पीछे हट गई है. सेनाओं के बीच लगातार सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर मंथन चल रहा था, ऐसे में ये इस प्रक्रिया का पहला पड़ाव माना जा रहा है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर गलवान घाटी में हिंसा वाले स्थल के पास से चीनी सेना करीब एक किमी. पीछे हट गई है.

15 जून की घटना के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे जो भारत के मुताबिक एलएसी है। भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांजे तैयार कर लिए थे। दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं।

कमांडर स्तर की बातचीत में 30 जून को बनी सहमति के मुताबिक चीनी सैनिक पीछे हटे या नहीं, इसको लेकर रविवार को एक सर्वे किया गया। अधिकारी ने बताया, ”चीनी सैनिक हिंसक झड़प वाले स्थान से दो किमी पीछे हट गए हैं। अस्थायी ढांचे दोनों पक्ष हटा रहे हैं।” उन्होंने बताया कि बदलवा को जांचने के लिए फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया गया है।

दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं। छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है तथा 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की।

15 जून की घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के हमले से जूझ सकते हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है।

 

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