Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण के लिए तय किए मापदंड को किनारे रखकर DEO व BEO ने किया खेला, हाई कोर्ट में दायर हुई 700 से अधिक याचिकाएं

Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने मापदंड बनाने के साथ ही गाइड लाइन भी जारी कर दिया था। प्रदेशभर के डीईओ व बीईओ के अलावा जेडी को भी आदेश की कापी भेजी गई थी। अपनों को उपकृत करने के इस खेल में नियमों की धज्जियां उड़ा दी है। बिलासपुर हाई कोर्ट में 700 से अधिक याचिकाएं दायर की गई है। आलम ये कि स्कूल शिक्षा विभाग के आला अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है।

Update: 2025-06-22 07:59 GMT

CG Yuktiyuktkaran

Yuktiyuktkaran: बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले प्रदेशभर के डीईओ व बीईओ के अलावा जेडी को जरुरी दिशा निर्देश और गाइड लाइन जारी किया था। तय मापदंडों के अनुसार ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना था। विभाग ने दर्ज संख्या से लेकर विषयवार अतिशेष की गणना कैसे की जाएगी,एक मापदंड तय कर दिया था। इसके बाद भी डीईओ व बीईओ ने जमकर खेला किया है। इसका खामियाजा अब राजधानी में बैठे स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को भुगतना पड़ रहा है। हाई कोर्ट से रोज की नोटिस जारी हो रहा है। आलम ये कि जवाब देते नहीं बन रहा है।

युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में प्रदेशभर के डीईओ व बीईओ ने जिस तरह गड़बड़ी की है उसका साइड इफैक्ट अब दिखाई देने लगा है। अतिशेष की सूची बनाते वक्त जैसी चालाकी बरती गई है उसे लेकर शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। प्रकिया को दोषपूर्ण और गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए 700 से अधिक शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की है। याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है और राज्य शासन को नोटिस जारी किया जा रहा है।

चंद्रभान वर्मा,अपर्णा त्रिपाठी व गायत्री वर्मा, ये तीनों लेक्चरर हैं। तीनों लेक्चरर्स ने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। चंद्रभान वर्मा शासकीय हाईस्कूल लाभांडी,अपर्णा त्रिपाठी हायर सेकेंडरी स्कूल मोहदी व गायत्री वर्मा हाई स्कूल उरकुरा में लेक्चरर है। तीनों लेक्चरर के साथ खेल करते हुए डीईओ व बीईओ ने अतिशेष की सूची में नाम शामिल कर दिया। जबकि याचिकाकर्ता तीनों ही लेक्चरर अपने विद्यालयों में वरिष्ठ हैं। इनसे जूनियर शिक्षक भी पदस्थ हैं। जूनियर व अपने चेहतों को बचाने के लिए अधिकारियों ने सीनियर लेक्चरर को अतिशेष की सूची में शामिल कर दूसरे स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है। तीनों याचिकाकर्ता लेक्चरर्स के अधिवक्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन व मापदंड कोर्ट में पेश किया है।

अतिशेष शिक्षकों का ऐसे किया जाना था चिन्हांकन

प्राथमिक शाला:

• एक ही परिसर में युक्तियुक्तकरण वाले प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की गणना की जायेगी। चूंकि प्रधान पाठक शिक्षकीय पद है अतः इसकी गणना शिक्षकीय पद के रूप में की जायेगी। दोनों विद्यालयों के शिक्षकों की संख्या को जोड़कर शिक्षक की गणना छात्र अनुपात में की जाएगी।

• युक्तियुक्तकरण वाले प्राथमिक विद्यालयों की कुल दर्ज संख्या यदि 60 या उससे कम है वहां एक प्रधान पाठक एवं एक सहायक शिक्षक रहेंगे। शेष अतिशेष की श्रेणी में आयेंगे। यदि दोनों प्राथमिक शालाओं में प्रधान पाठक पदस्थ है तो जो प्रधान पाठक कनिष्ठ होगा उसे अतिशेष माना जायेगा तथा जहाँ कोई भी प्रधानपाठक पदस्थ नहीं है वहाँ दो शिक्षक पदस्थ रहेगें।

• जिन विद्यालयों की दर्ज संख्या 61 से 90 होगी वहां प्रधान पाठक सहित तीन शिक्षक, 91 से 120 में प्रधान पाठक सहित चार शिक्षक, 121 से 150 तक की दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित 5 शिक्षक रहेंगे। इसी प्रकार आगामी वृद्धि पर शिक्षक पदस्थ किये जाये की कार्यवाही की जाएगी।

• शाला में पदस्थ / कार्यभार ग्रहण दिनांक के आधार पर कनिष्ठतम सहायक शिक्षक अतिशेष माने जाएंगे।

• समीप की प्राथमिक शालाओं के युक्तियुक्तकरण के फलस्वरूप अतिशेष शिक्षकों की गणना बिंदु क्र. 01 से 04 अनुसार की जाएगी।

पूर्व माध्यमिक शाला

एक ही परिसर के युक्तियुक्तकरण वाले पूर्व माध्यमिक शालाओं में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की गणना की जायेगी। प्रधान पाठक को भी शिक्षकीय पद के रूप में जोड़कर शिक्षकों की गणना की जाएगी।

दर्ज संख्या रहेगा मापदंड

युक्त्तियुक्तकरण वाले पूर्व माध्यमिक शालाओं में जिनकी दर्ज संख्या 105 या उससे कम है वहां प्रधान पाठक एवं तीन शिक्षक पदस्थ रहेंगे। इसके अतिरिक्त पदस्थ शिक्षक अतिशेष माने जायेंगे। पूर्व माध्यमिक शाला में अतिशेष की गणना करते समय प्रधान पाठक सहित दोनों विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों के विषय को ध्यान में रखा जायेगा। यदि दोनों विद्यालयों मे प्रधान पाठक पदस्थ हैं तो, जो प्रधान पाठक कनिष्ठ है उसे अतिशेष माना जाएगा।

• जिन विद्यालयों की दर्ज संख्या 106 से 140 है वहां प्रधान पाठक सहित पांच शिक्षक पदस्थ होंगे। इसी तरह प्रत्येक 35 छात्र संख्या में एक अतिरिक्त शिक्षक देय होगा। अतिशेष की गणना करते समय विषय को ध्यान में रखा जाएगा।

• शाला में पदस्थ, कार्यभार ग्रहण तिथि के आधार पर एक ही विषय के दो शिक्षक में से कनिष्ठतम को अतिशेष माना जाएगा।

• विषय की गणना करते समय विषय शिक्षकों (प्रधान पाठक सहित) का चक्रानुक्रम निम्नानुसार होगाः-

अंग्रेजी (II) गणित (iii) कला (iv) विज्ञान (v) हिन्दी (vi) संस्कृत/उर्दू/वाणिज्य।

हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल

• हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल में जहां दर्ज संख्या बहुत कम है, और वहां एक ही विषय के दो व्याख्याता कार्यरत है (प्रति व्याख्याता अध्यापन 04 कालखण्ड से कम), तो उनमें से कनिष्ठतम अतिशेष होगा।

• हायर सेकेण्डरी स्कूल में स्वीकृत किसी संकाय में एक भी छात्र/छात्रा अध्ययनरत् नहीं है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित संकाय के व्याख्याताओं को जिन स्कूलों में उस संकाय के छात्र अध्ययनरत् है, वहां समायोजित किया जाएगा।

• .हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में स्वीकृत पद के विरूद्ध एक से अधिक व्याख्याता कार्यरत होने पर दोनों में से जो कनिष्ठ होगा उसे अतिशेष माना जाएगा।

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