विजन डॉक्यूमेंट के जरिये छत्तीसगढ़ के विकास की नई नींव तैयार करेगी विष्णुदेव सरकार, औद्योगिक नीति से खुलेगी तरक्की की राह

छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए विष्णुदेव साय सरकार पहली बार विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है।

Update: 2024-09-26 13:30 GMT

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। इसे पूरा करने के लिए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की नींव रखी जा रही है। छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है, जहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन, वन संपदा और मानव संसाधन हैं। यहां की धरती उर्वरा है, मेहनतकश किसान हैं। यहां के संसाधनों का वैल्यू एडिशन करके विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सभी का सहयोग मिल रहा है। छत्तीसगढ़ युवा प्रदेश है, जिसके लिए सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। जिसमें वोकेशन ट्रेनिंग पर जोर दिया गया है। विष्णु देव साय की सरकार हर क्षेत्र में सबके सहयोग से रिफॉर्म ला रही है। सरकारी काम-काज में भी पारदर्शिता लाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार की नीति करप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस की है। युवाओं, कृषकों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने भी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। छत्तीसगढ़ विजन 2047 तैयार करने के लिए राज्य नीति आयोग द्वारा ’मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ये कार्यक्रम रायपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में किया जा रहा है। इसे संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री ने अगले पांच साल में भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।

छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कृषि और फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। युवाओं से संवाद के जरिए आए सुझावों का नीति आयोग द्वारा संकलन किया जाएगा। इसके बाद इन पर अमल कर विजन डॉक्यूमेंट में इन्हें शामिल किया जाएगा। प्रदेश में पर्यटन तथा सर्विस सेक्टर में भी असीम संभावनाएँ हैं। साथ ही वर्तमान में कृषि में रासायनिक खाद के उपयोग से कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके अलावा जैविक खेती को बढावा देने पर भी जोर दिया जाना है। इन तमाम पहलुओं को लेकर कृषि में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही प्रोग्रेसिव फॉर्मिंग के लिए किसानों की जमीन को एक साथ करने पर जोर दिया जाएगा। कृषि से संबंधित स्टार्टअप और नवाचार को बढावा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा किसानों के लिए समन्वित योजना बनाए जाने की आवश्यकता है। कृषि में परिवहन बहुत बड़ा मुद्दा है, सस्ते परिवहन पर विचार करना चाहिए। फसलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए। योजनाओं की जानकारी समय पर किसानों को मिलनी चाहिए। रोजगार के नये सेक्टरों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल आदि क्षेत्रों पर फोकस करने की जरूरत है। कुशल मानव संसाधन के लिए वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप नये क्षेत्रों में भी कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किए जाएं। पर्यटन क्षेत्रों का विकास सहित अन्य सुविधाओं को बढ़ावा देना चाहिए। राज्य में रोड नेटवर्क बढ़ाए जाने की जरूरत है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव करने की जरूरत है। युवाओं को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने स्कूलों और महाविद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाना चाहिए। स्कूल और कॉलेजों में खेल को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करते हुए खेल की सुविधाएं विकसित करना भी जरूरी है। लैंगिक भेदभाव, नशाखोरी, बाल विवाह सहित सभी सामाजिक बुराइयों के प्रति जनजागरण अभियान भी चलाने की आवश्यकता है। महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने, उनके कौशल विकास, नए स्टार्टअप शुरू करने के लिए नये कार्यक्रम शुरू करने की जरूरत है।

निवेश प्रोत्साहन बढ़ाने की दिशा में जोर

छत्‍तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-29 का पहला ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। नई औद्योगिक नीति के लिए उद्योग संगठनों से विचार-विमर्श कर सुझाव लिए गए हैं। प्रदेश के 25 से ज्यादा अलग-अलग उद्योग संघों से अब तक सुझाव लिए जा चुके हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के उद्योग नीति का भी विभाग की ओर से अध्ययन किया गया है। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन बढ़ाने की दिशा में जोर दिया जा रहा है। उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नई औद्योगिक नीति में हर सेक्टर पर फोकस होना चाहिए। फार्मास्युटिकल, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल समेत अन्य सेक्टरों के उद्योग ज्यादा से ज्यादा लगें ताकि रोजगार भी अधिक लोगों को मिले और प्रदेश में निवेश बढ़े। इन सेक्टरों के उद्योग लगने से प्रदूषण के बढ़ने की संभावना भी कम रहेगी। नई नीति के लिए उद्योग मंत्री देवांगन दूसे राज्यों का दौरा करके उद्योग प्रतिनिधियों से मुलाकात कर सुझाव लेंगे। हाल ही में मंत्री देवांगन ने नई दिल्ली में आइसीसी के प्रतिनिधियों से नई नीति के लिए विचार विमर्श किया था। सभी विभागों और मंत्रियों के विचार-विमर्श के बाद ही पांच वर्षों के लिए नीति बनाई जाएगी। इससे सभी विभागों का समावेश होगा और हर सेक्टर में उद्योग लग सकेंगे।

औद्योगिक विकास से मिलेगा रोजगार

छोटे और मध्यम उद्योग हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए नई ऊर्जा का स्त्रोत है। विष्णु देव सरकार ने छत्तीसगढ़ के बजट को अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इससे विश्वास है कि इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी उद्यमियों और कंपनियों की होगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के मुताबिक प्रदेश की नई औद्योगिक नीति 1 नवम्बर 2024 से लागू होगी। नई औद्योगिक नीति के आधार पर यहां निवेश करने का एक बड़ा आकर्षण होगा, जो न केवल राज्य के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करेगा। इससे प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण होगा और प्रदेश के निवासियों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खनिज संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ में उद्योग धंधे स्थापित करने की भरपूर संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा हाल ही में सिंगल विण्डो सिस्टम 2.0 का शुभारंभ किया गया है। पोर्टल पर एक बार आवेदन से ही सभी विभागों का क्लीयरेंस मिलेगा।

प्रदेश में 600 बड़ी कंपनियां कर रहीं काम

छत्तीसगढ़ में लगभग 600 बड़ी कंपनियां संचालित है, जिसमें से हाल ही में राज्य की 6 इकाईयां क्रमशः श्री वासु लॉजिस्टिक लिमिटेड, जैनम फेयरो एलोएस लिमिटेड के. एन. एग्री रिर्सोसेस लिमिटेड, अर्हम टेक्नालॉजिस लिमिटेड, चमन मेटालिक्स लिमिटेड एवं एटमास्टको लिमि. एनएसई में सूचीबद्ध हुई है, जबकि देश में लगभग 2512 कंपनियां एनएसई में रजिस्टर्ड है, जिनकी कुल बाजार पूंजी 464.38 लाख करोड़ है। उन्होंने उम्मीद जताई की आगामी वर्षों में देश की कुल बाजार पूंजी में छत्तीसगढ़ का भी योगदान निरंतर बढ़ता रहेगा। आगे भी इस तरह के सेमीनारों का आयोजन होगा। राज्य के निवेश प्रोत्साहन बोर्ड इस दिशा में निरंतर कार्य करेगा।

सब्सिडी, छूट और रियायतें

औद्योगिक विकास, युवाओं के लिए रोजगार सृजन के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक समृद्धि वह है जो छत्तीसगढ़ राज्य सरकार नई छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2019-24 के साथ हासिल करना चाहती है। यह नीति उन उपायों का व्यापक चरण है जिसे राज्य सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में लागू करने का प्रस्ताव करती है। औद्योगिक नीति कोर सेक्टर के समानांतर संबद्ध क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित करती है और उद्योगों में स्वरोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करती है। बुनियादी और औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने का एक तरीका है। सूक्ष्म और लघु उद्योग के लिए ब्याज सब्सिडी क्षेत्र के आर्थिक विकास के आधार पर 5 से 7 साल की अवधि के लिए 10 लाख रुपये प्रति वर्ष से लेकर 25 लाख रुपये तक होती है। मध्यम उद्योग के मामले में कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद 60 लाख रुपये तक जा सकती है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए स्थायी पूंजी सब्सिडी अलग-अलग है, जो स्थायी पूंजी का 30 फीसदी से 45 फीसदी तक है, जिसकी अधिकतम सीमा 60 लाख से 5 करोड़ रुपये है। एससी, एसटी वर्ग के लिए सब्सिडी अधिक है। बिजली छूट क्षेत्र और एसटी, एसटी वर्ग के आधार पर 5 वर्ष से 12 वर्ष तक है। स्टांप ड्यूटी में छूट भी दी जाती है। भूमि आवंटन पर भूमि प्रीमियम में छूट मिलती है। विभिन्न पैमाने के उद्योगों के लिए परियोजना रिपोर्ट सब्सिडी 1 लाख से 4 लाख तक है। गुणवत्ता प्रमाणन सब्सिडी मिलती है। तकनीकी पेटेंट सब्सिडी भी दी जाती है। निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए न्यूनतम 75 एकड़ क्षेत्र के लिए 25 फीसदी सब्सिडी अधिकतम 300 लाख रुपये दी जाएगी। छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति राज्य के विकास का अगला कदम है और इसमें विभिन्न प्रकार के उद्योगों को शामिल किया गया है।

सिंगल विंडो सिस्टम के लिए टाइम फ्रेमवर्क का निर्धारण जरुरी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए हर संभव सहयोग करेगी। नए उद्योगों की स्थापना हो, छत्तीसगढ़ में वैल्यू एडिशन का काम हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले, ऐसी सरकार की मंशा है। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा नई औद्योगिक नीति 2024-29 के लिए दिए गए सुझावों पर प्रदेश के उद्योगपतियों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों और बहुमूल्य खनिजों के विपुल भंडार मौजूद हैं। प्रदेश में लघु वनोपजों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि चाहे खनिज हो या लघु वनोपज, इनका वैल्यू एडिशन छत्तीसगढ़ में ही हो, ताकि प्रदेश को इसका लाभ मिले। श्री साय ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सैकड़ो एमओयू हुए हैं, लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। राज्य सरकार की मंशा है कि यहां नए-नए उद्योग स्थापित हों, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले। भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ में सिंगल विंडो सिस्टम की प्रशंसा की। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सिंगल विंडो सिस्टम के लिए एक टाइम फ्रेमवर्क का भी निर्धारण किया जाए। उन्होंने लघु वनोपज का वैल्यू एडिशन, डेयरी उद्योग, स्टील उद्योग में डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री की काफी संभावनाएं है। छत्तीसगढ़ पॉवर सरप्लस स्टेट है इसलिए यहां डेटा सेंटर स्थापित किए जा सकते है क्योंकि इनमें बड़ी मात्रा में बिजली का उपयोग होता है। सदस्यों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया जाए। इस अवसर पर भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों ने नई औद्योगिक नीतियों पर आधारित अपने सुझावों का प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, सीआईआई के छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल के चेयरमैन आशीष सराफ, वाइस चेयरमैन संजय जैन, नरेंद्र गोयल, आनंद सिंघानिया, रमेश अग्रवाल, पंकज सारडा सहित सीआईआई छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल के सदस्य मौजूद रहे। इस मौके पर भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों ने सिंगल विंडो सिस्टम और मुख्यमंत्री द्वारा रोजगार सृजन के लिए उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों की सराहना की।

पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत विश्व की 5 वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने अगले 5 साल में भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का आह्वान किया है।इस उद्देश्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। 2047 तक छत्तीसगढ़ विकसित हो जाएगा। इस संकल्प के साथ इसकी नींव पर काम शुरू हो चुका है। हमने छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट और नई उद्योग नीति राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर 2024 को आम जनता को समर्पित करने का लक्ष्य रखा है। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024- 29 से विकसित छत्तीसगढ़ की राहें खुलेंगी और राज्य विकास के नए आयाम में प्रवेश करेगा।

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