सीतापुर राजमिस्त्री हत्याकांड: आराेपी के घर पर बुलडाेजर चलाने हाई कोर्ट ने लगाईं रोक...

हिन्दी फिल्म दृश्यम की तर्ज पर राजमिस्त्री की हत्या करने और टंकी के नीचे शव को दफनाने का मामला सामने आने के बाद आदिवासी समाज का गुस्सा फूट पड़ा है। इसी बीच सीतापुर नगर पंचायत के सीमएओ ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी के घर को बुलडोजर से ढहाने काअदेश जारी कर दिया था। अर्जेंट हियरिंग के बाद हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को दस्तावेज पेश करने 15 दिन की मोहलत दी है।

Update: 2024-09-13 16:12 GMT

बिलासपुर। सीतापुर के राजमिस्त्री के हत्या के मुख्य आरोपित के घर पर बुलडोजर चलाने के सीएमओ के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। शुक्रवार को अर्जेंट हियरिंग के तहत मामला सिंगल बेंच में लगा था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीन दिन के मोहलत को अपर्याप्त मानते हुए कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ ही याचिकाकर्ता को दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है।

पानी की टंकी से लाश बरामद होने के बाद हत्याकांड के मुख्य आरोपित के घर पर सीएमओ नगर पंचायत सीतापुर ने बुलडोजर चलाने का नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था। नोटिस कीअवधि समाप्त होने के साथ ही नगर पंचायत ने सीएमओ के आदेश पर घर तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। शुक्रवार को अर्जेंट हियरिंग करते हुए हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है ।

अंबिकापुर के सीतापुर में दृश्यम फ़िल्म के अंदाज़ में किए गए अपराध में मुख्य आरोपी के घर को तोड़ने के लिए शासन ने कार्यवाही प्रारंभ करते हुए बीते 11 सितंबर 2024 को सीएमओ नगर पंचायत सीतापुर ने नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर भवन निर्माण अनुज्ञा प्रस्तुत करने अथवा क़ब्ज़ा हटा लेने का नोटिस मुख्य अभियुक्त अभिषेक पांडेय के घर पर चस्पा किया था। नगर पंचायत सीएमओ के आदेश को चुनाैती देते हुए स्वजन ने अर्जेंट हियरिंग के तहत मामले की सुनवाई करने और सीएमओ के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि निर्माण अनुज्ञा जारीकर्ता अधिकारी ने स्वयं एनबीटी बनकर नोटिस जारी किया है। जबकि इन्होंने ही भवन निर्माण की अनुमति प्रदान की है। जानबूझकर सिर्फ तीन दिन का समय दिया गया और यह नोटिस सद्भावना पूर्ण तरीक़े से जारी नहीं किया गया है। नोटिस जारी करने में अधिकारी द्वारा दुर्भावना की जा रही है। यह उचित नहीं है। अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दी जाए।

मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद सीएमओ के आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता को अनुज्ञप्ति की प्रति एवं नोटिस का जवाब सीएमओ नगर पंचायत सीतापुर के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए15 दिन की माेहलत दी है।

बता दें कि सात सितंबर को सीतापुर थाने के अंतर्गत दर्ज अपराध में शव के पानी की टंकी के बेस में से बरामद होने के बाद पूर्व विधायक सीतापुर द्वारा बुल्डोजर कार्यवाही की मांग की जा रही थी। इसके जवाब में वर्तमान विधायक द्वारा आरोपी के घर पर बुलडोजर चलवा कर उसे ध्वस्त करने का सार्वजनिक बयान भी दिया गया था।

क्या है मामला

सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र से तीन माह पूर्व लापता आदिवासी राजमिस्त्री की हत्या कर दी गई थी।राजमिस्त्री का शव मैनपाट के ग्राम लुरैना में सौर ऊर्जा संचालित पानी टंकी के नीचे दफना दिया गया था। ठेकेदार ने सहयोगियों के माध्यम से घटना कारित की थी शुक्रवार को पुलिस ने पानी टंकी के निर्माण को हटाकर एक्सीवेटर की मदद से नींव के फाउंडेशन वाले हिस्से को खोदा तो शव बरामद हुआ। शव का ऊपरी हिस्सा सड़क चुका था। कपड़ा और ढांचा सुरक्षित था। युवक की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कंकाल का डीएनए टेस्ट भी कराएगी। हालांकि संदेहियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही कंकाल बरामद किया गया है। मृतक के स्वजन ने कपड़े व अन्य सामानों के माध्यम से उसकी पहचान कर ली है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया है।

निर्माण सामग्री चोरी हाेने के शक पर की हत्या

सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम उलकिया हाई स्कूल भवन का निर्माण कार्य सीतापुर के ठेकदार अभिषेक पांडेय द्वारा कराया जा रहा था। तीन माह पूर्व निर्माण कार्य स्थल से छड़, सीमेंट एवं अन्य निर्माण सामग्री की चोरी हो गई थी। सात जून को ठेकेदार एवं साथियों ने बेलजोरा निवासी संदीप लकड़ा नामक आदिवासी राजमिस्त्री को उठा लिया था।संदीप निर्माण कार्य में लगा था।अपनी वाहन में बैठाकर उसे ले गए थे। इसके बाद संदीप लकड़ा घर वापस नहीं लौटा था। पहले दिन से ही उसकी हत्या कर दिए जाने का संदेह घर वाले जता रहे थे। आठ जून को ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने ही सीतापुर थाने में शिकायत की थी कि राजमिस्त्री संदीप और सहयोगियों ने निर्माण स्थल से छड़ की चोरी कर बेच दिया है।

पत्नी ने दर्ज कराई थी शिकायत

संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा ने 16 जून को सीतापुर थाने में अपने पति के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने ठेकेदार पर अपहरण और हत्या का आरोप भी लगाया था। स्वजन व घरवालों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर ठेकेदार को पकड़ने की मांग भी की थी। आरोप है कि ठेकेदार को पुलिस ने दबाब के बाद पूछताछ के लिए बुलाया था फिर छोड़ दिया था। इधर संदीप लकड़ा के लापता होने के बाद पुलिस को भ्रमित करने साजिश रची गई थी। उसके मोबाइल का लोकेशन लेकर उसकी तलाश की जा रही थी। उसका मोबाइल गोवा एवं मुंबई में कुछ समय के लिए चालू हुआ था।

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