Kabirdham Police: 8 साल पुराने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, आत्महत्या नहीं, आरोपियों ने मार कर लटकाया...

Kabirdham Police: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम पुलिस ने 8 साल पुराने अंधे कल्त का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। कबीरधाम पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को पकड़ा है...

Update: 2025-12-16 08:56 GMT

Kabirdham Police: कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम पुलिस ने 2017 में फांसी के फंदे पर मिली 14 वर्षीय बालिका के शव की गुत्थी को सुलझा लिया है। बालिका ने आत्महत्या नहीं बल्कि उसकी हत्या की गई थी। घटना के आठ साल बाद दो आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों ने ही गला घोंटकर हत्या के बाद बालिका के शव को फंदे पर लटका दिया था।

दरअसल, जिले में 2017 के एक 8 साल पुराने अंधे कत्ल के गंभीर व सनसनीखेज प्रकरण का खुलासा किया गया। यह सफलता कबीरधाम पुलिस की निरंतर मेहनत, सूक्ष्म विवेचना, कड़ाई से पूछताछ, मुखबिर तंत्र के सशक्त उपयोग तथा संदेहियों पर लगातार निगरानी का प्रत्यक्ष परिणाम है।

मालूम हो कि 17 मई 2017 को थाना कुकदूर क्षेत्र के ग्राम अमनिया की 14 वर्षीय बालिका राजबाई गोड का शव कोलिहामाड़ा नाला के पास भेलवा पेड़ में उसकी चुनरी से फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला था। प्रारंभिक जांच में मर्ग क्रमांक 11/2017 धारा 174 दंड प्रक्रिया संहिता कायम कर शव पंचनामा एवं पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृत्यु का कारण गला दबाने से दम घुटना पाए जाने पर यह स्पष्ट हुआ कि मामला आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या थी। इसके आधार पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 52/2017 धारा 302, 201 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

घटना के पश्चात यह प्रकरण वर्षों तक ब्लाइंड मर्डर बना रहा, लेकिन वर्ष 2025 में कबीरधाम पुलिस द्वारा पुराने अनसुलझे मामलों की फिर से समीक्षा के दौरान इस प्रकरण को प्राथमिकता पर लेते हुए फिर से खोला गया। विवेचना के दौरान प्रकरण से जुड़े संदेहियों की पहचान कर उन पर लगातार निगरानी रखी गई, गोपनीय मुखबिर सक्रिय किए गए तथा प्रकरण से जुड़े व्यक्तियों से बार-बार कड़ाई से पूछताछ की गई। इसी दौरान साक्षी लक्ष्मण टेकाम निवासी ग्राम नेउर द्वारा घटना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई। साक्षी का कथन न्यायालय में धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दर्ज कराया गया, जिससे विवेचना को नई दिशा मिली।

पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी रमला उर्फ राम धुर्वे से पूछताछ की, जिसमें उसके द्वारा यह बताया गया कि दयाल उर्फ दयालाल बैगा द्वारा मृतिका का गला दबाकर हत्या की गई थी। दोनों के द्वारा मिलकर हत्या को आत्महत्या का रूप देने के उद्देश्य से शव को उसकी चुनरी से पेड़ पर लटकाया गया। इसके पश्चात आरोपी दयाल उर्फ दयालाल बैगा पिता शोभन सिंह बैगा उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम घोघरा, वर्तमान निवासी ग्राम हाथीबुड़ान थाना कुकदूर से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने भी अपना अपराध स्वीकार किया। आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है कि कबीरधाम पुलिस द्वारा विगत एक वर्ष के भीतर जिले के पुराने ब्लाइंड मर्डर के कुल 14 मामलों में सफलता अर्जित की गई है, जिनमें आरोपियों की गिरफ्तारी कर प्रकरणों का विधिवत खुलासा किया गया है। इन मामलों में थाना कवर्धा क्षेत्र का चर्चित डॉक्टर दम्पत्ति डबल मर्डर हत्याकांड, थाना तरेगांव व थाना पिपरिया के अंधे कत्ल प्रकरण प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस प्रकरण के सफलता में थाना कुकदूर की पुलिस टीम की विशेष एवं सराहनीय भूमिका रही है। निरीक्षक संग्राम सिंह धुर्वे के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा सतत फील्डवर्क, निरंतर निगरानी एवं सटीक विवेचना के माध्यम से ठोस साक्ष्य संकलित किए गए। इस कार्रवाई में प्रधान आरक्षक 262 मनोज कुमार तिवारी, प्रधान आरक्षक 399 संजू झारिया, आरक्षक अजय तिवारी, ईश्वर चंद्रवंशी, आरक्षक 182 पंचम बघेल, आरक्षक 566 रमहूं धुर्वे, आरक्षक 514 अजय कांत, आरक्षक 239 ईश्वर चन्द्रवंशी, डीएसएफ आरक्षक 838 शिव यादव, आरक्षक 311 राजू निषाद तथा महिला आरक्षक 538 राजमती का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

कबीरधाम पुलिस यह स्पष्ट संदेश देती है कि गंभीर अपराध चाहे कितने भी पुराने क्यों न हों, अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कबीरधाम पुलिस द्वारा ऐसे सभी अनसुलझे मामलों पर कठोर एवं प्रभावी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

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