Janjgir Champa; पारस मणि के लिए बैगा की हत्या: पहले अपहरण, फिर चमत्कारी पत्थर के लिए खोद दिया पूरा घर, कुछ भी नहीं मिला तो बैगा को जंगल में ही दफनाया...

Janjgir Champa; छत्तीसगढ़ के जांजगीर में भी ठीक ऐसी ही घटना आज से दो साल पहले हुई। जहां, एक गांव के 11 लोगों ने पारस मणि पत्थर के चक्कर में बैगा का अपहरण किया और फिर पत्थर के लालच में उसके पूरे घर की खुदाई कर डाली। रात भर चली खुदाई में भी जब पत्थर नहीं मिला तो आरोपियों ने बैगा की ही हत्या कर दी

Update: 2024-02-03 09:18 GMT

Janjgir Champa जांजगीर-चांपा।...वैसे तो आपने चमत्कारी पत्थर पारस मणि के बारे में कई कहानियां और फिल्में देखी होगी, जिसमे बताया जाता था कि यह किसी भी धातु को सोने में बदल देता है। ऐसे ही मान्यताओं और लालच में फंसकर कई लोग आज भी इस पत्थर की तलाश में लगे हुए है, लेकिन कई बार उनके साथ कुछ ऐसी घटनाएँ हो जाती है, जो चर्चा का विषय बन जाती है। छत्तीसगढ़ के जांजगीर में भी ठीक ऐसी ही घटना आज से दो साल पहले हुई। जहां, एक गांव के 11 लोगों ने पारस मणि पत्थर के चक्कर में बैगा का अपहरण किया और फिर पत्थर के लालच में उसके पूरे घर की खुदाई कर डाली। रात भर चली खुदाई में भी जब पत्थर नहीं मिला तो आरोपियों ने बैगा की ही हत्या कर दी और उसके शव को जंगल मे दफना दिया था। इस मामले में 2022 को ही घटना से जुड़े 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। एक आरोपी टेकचंद जायसवाल लोहराकोटा निवासी फरार था, जिसे पुलिस ने दो सालों बाद पकड़ा है। आइये नीचे जानते हैं क्या थी ये घटना...

दरअसल, ये घटना है 2022 की। जांजगीर के मुनुंद गांव में बाबूलाल यादव नाम का बैगा अपनी पत्नी के साथ रहता था। बाबूलाल गांव में बैगाई का काम करता था। बैगा की पत्नी रामवती यादव ने 9 जुलाई 2022 को कोतवाली थाना में पति के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, 8 जुलाई 2022 की रात कुछ लोग घर आये और उसके पति को झाड़ फूंक का बाहना कर अपने साथ ले गये। इसके बाद रात करीब 12 बजे फिर से 8 से 10 लोग घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाने लगे। दरवाजा खोलने पर आरोपियों के दवारा मारपीट करते हुए उसके हाथ एवं मुंह मे कपड़ा बांधकर घर के अंदर रखे नकदी 23 हजार, 2 नग सोना का फुल्ली, एक चांदी का पायल, दो जोडी चांदी की बिछिया ले लिए। साथ ही घर के पूजा स्थान के पास सब्बल से खुदाई कर फिर वापस चले गये।

इस शिकायत के बाद एसपी विजय अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जांच कर बैगा को खोजने के निर्देश दिये। पुलिस ने जांच के आधार पर संदेही टेकचंद जायसवाल और राजेश हरवंश से कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ में दोनों आरोपी अपना जुर्म कबूल करते हुये बताये कि बैगा बाबूलाल के पास पारस पत्थर होने की जानकारी उन्हें मिली थी।

इस जानकारी के बाद पारस पत्थर को हासिल करने के लिए अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर योजना बनाई। प्लानिंग के तहत ही सभी मिलकर बाबूलाल के घर गये और झाड़ फूंक से इलाज कराने के नाम पर उसे अपने साथ ले गये। इस दौरान खिसोरा पन्तोरा के कटरा के जंगल में बाबूलाल से पारसमणी पत्थर के बारे में पूछने लगे। बैगा द्वारा नहीं बताने पर उसे जगंल में ही बंधक बनाकर रख लिए। इसके बाद सभी फिर से बैगा के घर जाकर उसकी पत्नी के हाथ पैर बांध घर में खुदाई करते हुए पारस पत्थर खोजने लगे। चमत्कारी पत्थन नहीं मिलने से गुस्से में जंगल पहुंचे और बैगा की हाथ मुक्का व लाठी डंडा से बेदम पिटाई कर हत्या कर दी। हत्या की वारदात के बाद शव को जंगल में ही गाड़ कर सभी अपने अपने घर चले गये।

पुलिस ने बैगा की पत्नी की शिकायत पर 458, 302, 395, 342, 201, 120बी, 34 भादबि पंजीबद्व कर सभी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में 1- टेकचंद जायसवाल उम्र 49 वर्ष निवासी लोहराकोट थाना बाराद्वार, 2-रामनाथ श्रीवास उम्र 52 वर्ष निवासी महमदपुर थाना अकलतरा, 3-राजेश हरवंश उम्र 40 वर्ष निवासी बिरगहनी थाना बलौदा 4- मनबोधन यादव निवासी बिरगहनी थाना बलौदा 5- छवी प्रकाश जायसवाल उम्र 21 वर्ष निवासी लोहराकोट थाना बाराद्वार 6- यासिन खान उम्र 21 वर्ष निवासी रिसदी जिला कोरबा 7- खिलेश्वर राम पटेल उम्र 42 निवासी सिर्री थाना पामगढ हा मु हरदी बाजार जिला कोरबा 8- तेजराम पटेल उम्र 26 वर्ष निवासी बोइदा थाना पाली जिला कोरबा 9. अंजू कुमार पटेल उम्र 28 वर्ष निवासी कापूबहरा जिला कोरबा एवं 10. शांति बाई यादव उम्र 22 वर्ष निवासी बिरगहनी थाना बलौदा शामिल है।




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