High Court News: शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, संविलियन से पहले की सेवा जोड़कर मिलेगा शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान

High Court News: बिलासपुर हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है, शिक्षा विभाग में क्रमोन्नति के लिए संविलियन से पहले की सेवा की भी गणना की जाएगी।

Update: 2025-08-07 13:57 GMT

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High Court News: बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के डेढ़ लाख से अधिक शिक्षकों को राहत मिलेगी। खासकर उनको जिन्हें संविलियन के बाद से क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा था। हाई कोर्ट ने अपने फैसले मे कहा है कि शिक्षा विभाग में क्रमोन्नति के लिए संविलियन से पहले की सेवा की भी गणना की जाएगी। महासमुंद जिले के सहायक शिक्षक (एलबी) साजिद खान कुरैशी और 36 अन्य शिक्षकों की नियुक्ति 2001 से 2005 के बीच शिक्षक पंचायत के पदों पर हुई थी। 2018 में इनका शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ और ये सहायक शिक्षक (एलबी) बन गए।

नियमानुसार किसी भी शासकीय सेवक को 10 साल की सेवा पूरी होने पर पहली क्रमोन्नति और 20 साल बाद दूसरी क्रमोन्नति का लाभ दिया जाता है। साजिद ने नियमों का हवाला देते हुए 10 साल की सेवा पूरी होने पर क्रमोन्नति के लिए आवेदन पेश किया। बागबाहरा जनपद पंचायत के सीईओ ने 2018 में शिक्षक एलबी पद पर संविलियन का हवाला देते हुए क्रमोन्नति का लाभ देने से इनकार कर दिया।

जनोद पंचायत सीईओ के निर्णय को चुनोती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि संविलियन होने का मतलब यह नहीं है कि उनकी पिछली सेवाओं को शून्य मान लिया जाए। उन्होंने 'सोना साहू' के मामले का भी हवाला दिया, जिसमें हाई कोर्ट ने पुरानी सेवाकी गणना करते हुए क्रमोन्नति का लाभ देने का आदेश दिया था।

हाई कोर्ट ने जनपद पंचायत बागबाहरा के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता शिक्षकों की क्रमोन्नति रोक दी गई थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी शिक्षकों को उनकी पिछली सेवा के आधार पर क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जाए।

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