भारी बारिश की चेतावनी: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ ओडिशा सहित इन राज्यों में भीषण बारिश का अलर्ट जारी, अगले 24 घंटो के दौरान जमकर बरसेंगे बादल...

Heavy rain warning: मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि आज देश के कई राज्यों में अच्छी वर्षा हो सकती है

Update: 2024-07-31 08:23 GMT

नईदिल्ली। देश में इन दिन कई राज्यों में झमाझम बारिश का दौरा शुरू है। कई इलाकों में बारिश से सड़को पर भारी जलजमाव  और बाढ़ जैसे हालात है, जो लोगों की दुर्घटना का कारण बन रहा है, इन सब के बीच मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। बारिश के चलते कई इलाकों में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आने-जाने से लेकर आम आदमी की जिंदगी की रफ्तार पर भी असर पड़ा है। कई इलाकों में लोग अपने घरों से भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। निचली बस्तियों में पानी भर गया है। वहीं मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि आज देश के कई राज्यों में अच्छी वर्षा हो सकती है। बुधवार को कहीं कहीं भारी वर्षा भी होने की संभावना है। इसी कारण बुधवार के लिए आरेंज जबकि उसके बाद अगले दो दिन के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिया गया है।

अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी

अगले 24 घंटों के दौरान, पंजाब हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तर पूर्वी राजस्थान और दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश संभव है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

उत्तर पूर्व भारत, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और राजस्थान में मोटर ट्रेनिंग संभव है। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम एजेंसी स्काई मेट वेदर के मुताबिक, मानसून ट्रफ रेखा जैसलमेर, गुना, ग्वालियर, सतना, जमशेदपुर, सागर द्वीप से होकर पूर्व, दक्षिण पूर्व दिशा में, पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है। हिमाचल प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। झारखंड के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 3.1 से 7.6 किलोमीटर ऊपर है।उत्तर पूर्वी असम पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। पूर्वोत्तर आगमन पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किमी ऊपर बना हुआ है।


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