DA Hike: डीए न्यूजः छत्तीसगढ़ और केंद्रीय कर्मचारियों के बीच जब महंगाई भत्ते का अंतर 12 फीसदी पहुंच गया था, अफसरों का डीए ऐसे बढ़ा

DA Hike: DA News: छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों से पिछली सरकार में डीए के नाम पर डंडी मारने की शुरूआत हुई थी। पिछली सरकार में एक समय ऐसा आ गया था, जब केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के बीच डीए का अंतर 12 प्रतिशत पर पहुंच गया था।

Update: 2024-09-27 12:08 GMT

DA Hike: रायपुर। महंगाई भत्ता कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। सरकारें भी इसे मानती हैं। मगर पिछले पांच बरस से छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के साथ डीए के मामले में कंजूसी की जा रही है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि बीजेपी की पिछली सरकार में 2018 तक सब कुछ ठीक रहा। केंद्र से महंगाई भत्ते की घोषणा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार भी महंगाई भत्ता बढ़ा देती थी। 2019 से केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के बीच फर्क बढ़ना शुरू हुआ।

2021-22 तक केंद्र और छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों में डीए का अंतर 12 प्रतिशत तक पहुंच गया था। केंद्रीय कर्मचारियों का डीए जब 40 प्रतिशत पहुंच गया था, तब राज्य के कर्मचारियों को 28 परसेंट डीए मिल रहा था। इसके बाद जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2023 नजदीक आता गया, राज्य सरकार ने बढ़ाकर इसके आठ प्रतिशत के अंतर पर ले आया। विधानसभा चुनाव के आचार संहिता में जब सत्ताधारी पार्टी को लगा कि कर्मचारियों की नाराजगी भारी पड़ सकती है तो राज्य सरकार ने आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग से चार प्रतिशत डीए बढ़ाने की अनुमति मांगी। मगर आयोग ने इसकी इजाजत नहीं दी। और जब वोटिंग हो गई तो आयोग ने अनुमति दी मगर तब तक सरकार के हाथ में कुछ बचा नहीं था। आयोग की अनुमति की आड़ में ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों ने जरूर अपना महंगाई भत्ता बढ़वा लिया।

ऐसे बढ़ा ऑल इंडिया सर्विस का डीए

दरअसल, पिछली सरकार ने कर्मचारियों को इम्पॉर्टेंस देते हुए अधिकारियों का डीए नहीं बढ़ाया था। तब पहली बार ऐसा हुआ था कि ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारी याने आईएएस, आईपीएस का डीए कर्मचारियों से अधिक हो गया था। आचार संहिता में जब सरकार ने आयोग से कर्मचारियों को चार परसेंट डीए बढ़ाने की अनुमति मांगी तो उसके साथ अफसरों ने अपना प्रस्ताव भी भेज दिया। उस समय सरकार को पावर था नहीं। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने ऑल इंडिया सर्विस को भी डीए बढ़ाने का प्रस्ताव लगा दिया। और चुनाव संपन्न होने के बाद जब आयोग ने अनुमति दी तो अधिकारियों ने अपना डीए बढ़ाने का आदेश जारी करा लिया। बच गए कर्मचारी। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने चार परसेंट डीए बढ़ाकर केंद्र और राज्य के बीच डीए का अंतर चार परसेंट पर लाया। मतलब सवाल चार परसेंट का है। राज्य सरकार ने अगर चार परसेंट डीए का ऐलान कर दिया तो फिर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को केंद्र के बराबर डीए मिलने लगेगा। याने दोनों बराबर हो जाएंगे।

डीए को लेकर हड़ताल

चार प्रतिशत डीए के अंतर को लेकर राज्य के कर्मचारी, अधिकारी आज हड़ताल पर हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन ने डीए समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर काम बंद-कलम बंद हड़ताल का आव्हान किया था। हड़ताल आज पूरी तरह सफल रही। स्कूलों में ताले लटकते मिले। सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप्प रहा।


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