छत्तीसगढ़ में होगा 3500 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण! दो-दो, चार-चार बच्चों वाले इन स्कूलों पर फूंके जा रहे करोड़ों रुपए

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार स्कूल शिक्षा के सुधार पर तेजी से काम कर रही है। इसके तहत स्कूलों में शिक्षकों की कमियों को दूर करने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के साथ ही स्कूलों का भी युक्तियुक्तकरण करने जा रही है। इसमें करीब 3500 से चार हजार स्कूल प्रभावित होंगे। ये ऐसे स्कूल हैं, जिनमें कई में बच्चों से ज्यादा शिक्षक हो गए हैं। हालांकि, इनमें बड़ी संख्या उन स्कूलों की है, जो एक ही कैंपस में चलते हैं और इन्हें मर्ज करने में स्कूल शिफ्थ नहीं करना पड़ेगा। सरकार के मुहर लगने के बाद स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का प्रॉसेज शुरू हो जाएगा।

Update: 2024-07-26 10:39 GMT

रायपुर। स्कूलों में शिक्षकों की कमियां दूर करने छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके लिए लगातार मीटिंगे हो रही हैं और रिव्यू का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास इस समय स्कूल शिक्षा विभाग है। कुछ दिन पहले उन्होंने खुद विभाग का रिव्यू कर अफसरों को स्कूल शिक्षा के लिए प्रायरिटी से काम करने के निर्देश दिए थे। विधानसभा में भी उन्होंने बताया कि शिक्षकों की कमियां दूर करने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय औसत के मामले में छत्तीसगढ़ अभी बेहतर स्थिति में है। राष्ट्रीय औसत 26 बच्चों पर एक शिक्षक का है मगर छत्तीसगढ़ में 21 बच्चों पर एक शिक्षक हैं।

शिक्षकों की कमियांं के पीछे सियासी कारण

वास्तव में देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की वैसी कमी नहीं, जैसी बताई जाती है। दरअसल, नेताओं द्वारा वोट के लिए स्कूलों की घोषणा करा ली जाती है। अब स्कूल की घोषणा होती है तो पोस्ट भी स्वीकृत किए जाते हैं। फिर शिक्षकों की खाली संख्या ज्यादा दिखाई पड़ने लगती है।

3500 स्कूल प्रभावित

सरकार की नोटिस में यह बात आई है कि 35 सौ से चार हजार स्कूलों में नेशनल मानक के हिसाब से बच्चे बेहद कम है। राष्ट्रीय मानक के अनुसार 20 बच्चे होने पर एक स्कूल खोला जा सकता है। ये भी नियम नार्थ ईस्ट या फिर उग्रवाद प्रभावित इलाकों के लिए है। मगर छत्तीसगढ़ में करीब 3500 स्कूल ऐसे हैं, जहां दो-दो, चार-चार बच्चे हैं। ऐसे स्कूलों के शिक्षको के वेतन पर करोड़ों रुपए स्वाहा किया जा रहा है। हालांकि, अफसरों का कहना है इनमें अधिकांश स्कूल एक ही कैंपस में हैं। याने उन्हें आपस में मर्ज किया जाएगा तो स्कूल शिफ्थ जैसे प्रश्न नहीं आएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार 150 के करीब स्कूल ऐसे होंगे, जिनमें पांच-सात बच्चे हैं और उन्हें पास के गांवों में युक्तियुक्तकरण कर शिफ्थ करने की योजना है।

5000 शिक्षक मिलेंगे

स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से सरकार में बैठे अधिकारियों का मानना है कि करीब पांच हजार शिक्षक मिल जाएंगे। इस समय पूरे छत्तीसगढ़ में 7300 शिक्षक अतिशेष हैं। पांच हजार को मिला दिया जाए तो अतिशेष शिक्षकों की संख्या में 12 हजार से उपर हो जाएंगी। अफसरों का मानना है कि इससे शिक्षकों की कमी काफी कुछ कम हो जाएगी। इस समय 300 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं और 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे चल रहे हैं।

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Teacher Transfer: गांवों के 300 स्कूल शिक्षक विहीन, 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे और शहरों में 7300 शिक्षक अतिशेष....

रायपुर। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में एक तरफ 300 से अधिक स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 5500 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक तैनात हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में रायपुर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर पूछे गए सवाल के जवाब में कल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए युक्यिक्तकरणकी प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। इससे काफी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। इसके बाद फिर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। मगर अफसरों ने युक्तियुक्तकरण से पहले सरकार को अतिशेष स्कूलों का आंकड़ा दिया है, वह चौंकाने वाला है। पढ़ें पूरी खबर...

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