Gazette Of India: छत्तीसगढ़ में बेनामी लेनदेन के मामलों की अब स्पेशल कोर्ट में होगी सुनवाई: केंद्र सरकार ने राजपत्र में किया प्रकाशन, पढ़ें राजपत्र
Gazette Of India: बेनामी लेनदेन की बढ़ती शिकायतों को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ाई बरतने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ में इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिए अब अदालत का गठन कर दिया है। अदालत को अधिकार सम्पन्न बनाया है। अदालत का गठन करने के साथ ही केंद्र सरकार ने राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है।
बिलासपुर। बेनामी लेनदेन की बढ़ती शिकायतों को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस तरह के प्रकरणों की सुनवाइ के लिए अदातल का गठन भी कर दिया है।अदालत का गठन करने के साथ ही भारत के राजपत्र में इसका प्रकाशन भी कर दिया है। गजट में लिखा है कि बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श से केंंद्र सरकार ने गजट में प्रकाशन किया है। राजपत्र में प्रकाशन के बाद बिलासपुर हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए अदालत का गठन कर दिया है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
केंद्र सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशन के बाद बिलासपुर हाई कोर्ट ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जारी नोटिफिकेशन में न्याय विभाग द्वारा राजपत्र का हवाला देते हुए बेनामी संपत्ति की लेनदेन के संबंध में दर्ज होने वाले प्रकरण की सुनवाई व बेनामी संपत्ति लेनदेन प्रतिषेध अधिनियम, 1988 (संशोधन अधिनियम, 2016) की धारा 50 (1) के तहत दंडनीय अपराधों के परीक्षण के लिए VII ASJ, रायपुर के न्यायालय के स्थान पर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए XII ASJ, रायपुर के न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में नामित किया गया है। छत्तीसगढ़ से दर्ज होने वाले मामलों की सुनवाई अब XII ASJ रायपुर के स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी।
राजपत्र में हुआ प्रकाशन, गजट में यह सब
का.आ. 3268 (अ).- केन्द्रीय सरकार, बेनामी संपत्ति संव्यवहार प्रतिवेश अधिनियम, 1988 (1988 का 45) की धारा 50 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के परामर्श से भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग, जो भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग 2, खंड 3, खंड (ii) अधिसूचना संख्या का.आ. 5323(अ), तारीख 16 अक्टूबर, 2018 द्वारा प्रकाशित की गई थी, की अधिसूचना का और संशोधन करती है, अर्थात् :-उक्त अधिसूचना में सारणी में,- (i) क्रम संख्या 5 के समक्ष, स्तंभ (3) के अधीन प्रविष्टियों के स्थान पर निम्नलिखित प्रविष्टियां रखी जाएंगी, अर्थात "12वें अपर सेशन न्यायाधीश का न्यायालय, रायपुर।";
हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिफिकेशन
न्याय विभाग, नई दिल्ली द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 3268(ई), दिनांक 17 जुलाई 2025 की प्रति, जिसमें बेनामी संपत्ति लेनदेन प्रतिषेध अधिनियम, 1988 (संशोधन अधिनियम, 2016) की धारा 50 (1) के तहत दंडनीय अपराधों के परीक्षण के लिए VII ASJ, रायपुर के न्यायालय के स्थान पर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए XII ASJ, रायपुर के न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में नामित किया गया है, को अग्रेषित किया जाता है।
आपको यह जानना है जरुरी
- वैधानिक बकाया भुगतान से बचने या लेनदारों को भुगतान से बचने के लिए बेनामी लेनदेन किया गया है, दोषी पाए जाने पर ये है सजा का प्रावधान
- 1 से 7 वर्ष तक का कारावास और संपत्ति के बाजार मूल्य का 25 फीसदी जुर्माना।
- बेनामी लेनदेन का अर्थ है जहां किसी संपत्ति की खरीद के लिए पैसा एक व्यक्ति द्वारा दिया जाता है, लेकिन खरीद किसी तीसरे व्यक्ति या किसी काल्पनिक व्यक्ति के नाम पर की