CG Yuktiyuktkaran: यह कैसा मजाक : नियम कायदे रख दिया ताक पर, कन्या हाई स्कूल को कर दिया बालक हायर सेकेंडरी के साथ मर्ज

CG Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में किस तरह आपाधापी बरती गई है इसका ताजा उदाहरण बिलासपुर जिले में देखने को मिल रहा है। एक परिसर के बजाय अलग-अलग जगहों पर संचालित दो स्कूलों को मर्ज कर दिया है। कन्या हाई स्कूल को बालक हायर सेकेंडरी स्कूल के साथ मर्ज करने का खेल विभाग के अफसरों ने किया है। अधिकारियों की इस बड़ी चूक का खामियाजा बेटियों को भुगतना पड़ेगा। आशंका ये भी जताई जा रही है कि बेटियां स्कूल ही नहीं जाएंगे।

Update: 2025-06-08 12:03 GMT

CG Yuktiyuktkaran: बिलासपुर। केंद्र सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को बिलासपुर जिले के शिक्षा अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान राज्य शासन के स्पष्ट दिशा निर्देशों की भी खुलकर धज्जियां उड़ा दी है। अलग-अलग जगहों पर स्थिति दो स्कूलों को एक में मर्ज कर दिया है। वह भी कन्या हाई स्कूल को बालक हायर सेकेंडरी स्कूल के साथ। मर्ज करने के साथ ही एक और खेला कि यहां के शिक्षकों को अतिशेष मानते हुए अन्यत्र स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिया है।

पूरा खेला बिल्हा बीईओ कार्यालय से हुआ है। बीईओ कार्यालय ने कन्या बैमा हाई स्कूल को बालक बैमा हायर सेकेंडरी स्कूल के साथ मर्ज करने का प्रस्ताव भेजा। बिल्हा बीईओ के प्रस्ताव का परीक्षण किए बिना ही दोनों स्कूल को एक दूसरे के साथ मर्ज कर दिया गया। शिक्षा विभाग के आला अफसरों को भी यह बात अच्छी तरह पता है कि दोनों स्कूल सड़क के अलग-अलग छोर पर अलग-अलग दिशाओं में स्थित है। डीईओ कार्यालय और जेडी कार्यालय से इस स्कूल की दूरी महज 5 से 7 किलोमीटर है ।

ये है युक्तियुक्तकरण का नियम

राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण का जो नियम जारी किया है, उसके अनुसार एक ही परिसर में संचालित स्कूलों का मर्जिंग होना था। दोनों स्कूल एक ही परिसर में संचालित नहीं है। बल्कि अलग-अलग परिसर में संचालित है। कलेक्टर को यह अधिकार दिया गया था कि वह अपने स्वविवेक से नक्सली क्षेत्र या दूरस्थ अंचल के विद्यालयों का एकीकरण कर सकते हैं।

शहरी इलाकों में दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी 500 मीटर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए दोनों विद्यालय के बीच की दूरी 1 किलोमीटर से कम होनी चाहिए। इसके साथ ही अनिवार्य रूप से यह शर्त भी जुड़ा हुआ है की दूरी के साथ-साथ दर्ज संख्या 10 से कम होनी चाहिए।

कन्या हाई स्कूल बैमा की दर्ज संख्या निर्धारित दर्ज संख्या से 10 गुना ज्यादा है। राज्य शासन द्वारा मापदंड व नियमों में यह किसी भी लिहाज से मर्ज करने के दायरे में आता ही नहीं है । NPG के हाथों जो दस्तावेज लगे हैं उसके अनुसार इन दोनों स्कूलों को एक ही परिसर में संचालित बताकर मर्ज कर दिया गया है।

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