CG तीन बच्चे जिंदा जले, घर में सो रहे थे मासूम, मां दरवाजा बंद कर चली गई पड़ोस में, तभी घर में लगी भीषण आग...

हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर एसपी विजय अग्रवाल खुद पहुंचे और आग कैसे लगी इसका पता लगाने में जुटे हैं। गांव में मातम पसरा हुआ है और बच्चों की मां सदमे में हैं।

Update: 2024-04-14 07:20 GMT

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। घर में लगी आग से सो रहे तीन बच्चे जिंदा जल गए। घटना मैनपाट थाना क्षेत्र की है। ह्रदयविदारक घटना के बाद बच्चों की मां सदमे में हैं और घटना के संबंध में कुछ भी नहीं बोल पा रही है। मौके पर एसपी अम्बिकापुर विजय अग्रवाल पहंचे हुए हैं और आग कैसे लगी इस संबंध में आसपास के लोगों से चर्चा कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, घटना थाना कम्लेश्वरपुर, मैनपाट के ग्राम बरिमा पकरीपारा की है। गांव में देवप्रसाद माझी का परिवार रहता है। हादसे के दौरान देवप्रसाद माझी मजदूरी करने के लिए पुणे गया हुआ है। और घर में उसकी पत्नी सुधनी माझी और चार बच्चे रहते थे। शनिवार 13 अप्रैल की देर रात सुधनी तीनों बच्चों को सुलाकर पड़ोस के घर अपनी बड़ी लड़की खुशबु को खोजने गई हुई थी। इस दौरान अचानक घर में भीषण आग लग गई। सुधनी जब घर पहुंची तो पूरा घर आग की लपटों में जल रहा था। महिला अपने बच्चों का नाम लेकर बचाओं बचाओं कहकर चिल्लाने लगी। ग्रामीणों मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिश करने लगे, लेकिन आग की लपटें इतनी भीषण थी कि आग पर काबू नहीं पाया जा सका। मौके पर पुलिस की टीम भी पहुंची।

इस दर्दनाक अग्निकांड में घर के अंदर सो रहे तीन मासूम गुलाबी 8 वर्ष, सुषमा 6 वर्ष, रामप्रसाद 4 वर्ष की मौत हो गई। आज सुबह तीनों बच्चों का अवशेष घर के अंदर से मिला। बताया जा रहा है घर में खाली बोरियां, धान का पैरा और घर लकड़ियों व मिट्टी से बना हुआ था। पैरा की वजह से घर में एकाएक आग भीषण हो गई और घटना में तीनों मासूमों की जलकर मौतहो गई।

हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर एसपी विजय अग्रवाल खुद पहुंचे और आग कैसे लगी इसका पता लगाने में जुटे हैं। गांव में मातम पसरा हुआ है और बच्चों की मां सदमे में हैं। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

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