CG SECL News: भूविस्थापितों की जद्दोजहद: SECL अफसरों की अकर्मण्यता, भूमि अधिग्रहण के 47 साल बाद भी नहीं मिली नौकरी
CG SECL News: एसईसीएल के अफसरों ने अकर्मण्यता और लापरवाही की तमाम हदें पार कर दी है। भूमि अधिग्रहण के बाद भी भूमि स्वामियों को अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। एसईसीएल ने कोल माइंस के लिए बीते 47 साल पहले जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण से पहले भूमि स्वामियों को सब्जबाग दिखाया। अधिग्रहण के बाद भूमि स्वामियों की परवाह नहीं की। आलम ये कि भूविस्थापितों की दूसरी पीढ़ी अपने हक के लिए संघर्ष कर रही है। अफसरों को परवाह ही नहीं है कि भूविस्थापितों का परिवार किस हाल में है और कैसे जीवन गुजार रहे हैं।
CG SECL News: कोरबा। एसईसीएल के अफसरों ने अकर्मण्यता और लापरवाही की तमाम हदें पार कर दी है। भूमि अधिग्रहण के बाद भी भूमि स्वामियों को अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। एसईसीएल ने कोल माइंस के लिए बीते 47 साल पहले जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण से पहले भूमि स्वामियों को सब्जबाग दिखाया। अधिग्रहण के बाद भूमि स्वामियों की परवाह नहीं की। आलम ये कि भूविस्थापितों की दूसरी पीढ़ी अपने हक के लिए संघर्ष कर रही है। अफसरों को परवाह ही नहीं है कि भूविस्थापितों का परिवार किस हाल में है और कैसे जीवन गुजार रहे हैं।
भूविस्थापितों की फाइलें एसईसीएल मुख्यालय और एरिया मैनजर के दफ्तर में धूल खा रही है। इधर विस्थापितों की दूसरी पीढ़ी संघर्ष करते नजर आ रही है। एक पीढ़ी हक की लड़ाई लड़ते थक गए और बूढ़े हो चले हैं। दूसरी पीढ़ी ने अब मोर्चा संभाल लिया है। एसईसीएल ने कोल माइंस के विस्तार के लिए वर्ष 1978 से 2004 के बीच जमीन का अधिग्रहण किया था। जमीन अधिग्रहण के बाद भूविस्थापित परिवार के सदस्यों को नौकरी नहीं मिली। विस्थापित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी थी। एसईसीएल के अफसर वायदे से मुकर गए और नौकरी नहीं दी। भूविस्थापितों ने अफसरों को उनके किए गए वायदे की याद दिलाते हुए सीएमडी कार्यालय का घेराव किया। भू विस्थापितों के समर्थन में रोजगार एकता संघ व किसान सभा आगे आया है। इनके बैनर तले अब प्रभावी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एसईसीएल की याचिका खारिज
भूविस्थापितों को रोजगार देने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एसईसीएल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए एसईसीएल की याचिका खारिज कर दी है। भूअर्जन के बाद की दूसरी पीढ़ी अब रोजगार देने की मांग को लेकर एसईसीएल पर दबाव बनाने लगी है। इससे जुड़े मसले के वन टाइम सेटलमेंट की मांग को लेकर एसईसीएल मुख्यालय स्थित सीएमडी दफ्तर का घेराव व आंदोलन की रणनीति बनाई है।
आउट सोर्सिंग कंपनियों में 100 प्रतिशत नियोजन की मांग
संगठन ने हर खातेदार को नौकरी से वंचित रखने के बाद आउटसोर्सिंग कंपनियों में प्रभावितों को 100 फीसदी नियोजन की मांग की है। बैठक में प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा, अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम, रेशम यादव, सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल, रघु यादव उपस्थित थे। भू-विस्थापित संगठन ने एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन पर परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में नए और पुराने मकान के नाम पर मुआवजे में कटौती का आरोप लगाया है। पुनर्वास स्थल पर रह रहे भू-विस्थापित परिवारों के लिए आबादी पट्टा देने की मांग की है।