CG News: CMO और RI सस्पेंड: नगर पालिका की दुकान नीलामी में बड़ा घोटाला, शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने पर सीएमओ और सहायक राजस्व निरीक्षक निलंबित
CG:– नगर पालिका की दुकानों को दोबारा टेंडर निकाल आधी कीमतों पर अपात्रों को बेच दिया गया। इससे शासन को आर्थिक क्षति हुई। घोटाले और वित्तीय अनियमितता पर खैरागढ़ नगर पालिका परिषद के सीएमओ और सहायक राजस्व निरीक्षक को शासन ने निलंबित कर दिया है।
Khairagarh खैरागढ़। जिले की नगर पालिका परिषद में दुकान नीलामी में धांधली कर अपात्रों को पात्र बनाने और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में सीएमओ और सहायक राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। वर्ष 2025 की नीलामी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने के बाद, सरकार ने दोनो अधिकारियों को निलंबित किया है।
खैरागढ़ नगर पालिका परिषद की दुकानों के नीलामी में गंभीर अनियमितताएं और घोटाले के मामले में नगर पालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कोमल ठाकुर और सहायक राजस्व निरीक्षक राजेश तिवारी को निलंबित किया गया है। इन दोनों पर नियमों का उल्लंघन कर, आवंटित दुकानों को आधी कीमत पर फिर से आबंटित करने का गंभीर आरोप है, जिससे लगभग 64.77 लाख रुपये का राजस्व हानि शासन को हुआ है।
दोबारा नीलामी करवा अपात्रों को आधी कीमत पर दे दिया दुकान:
मिली जानकारी के अनुसार, 2022 से 2023 के बीच हुई दुकानों की पहली नीलामी में 1.48 करोड़ रुपये के बोली लगाने वाले थे, जिसमें से कई बोलीदाता रकम जमा नहीं कर सके। बावजूद इसके, 2025 में जब इसकी पुनः नीलामी हुई, तो उन्हीं बकायेदारों को फिर से पात्र मानकर दुकानों का आबंटन कर दिया गया। इस निर्णय से न केवल नियमों का उल्लंघन हुआ बल्कि शासन को वित्तीय नुकसान भी हुआ।
नियमों का उल्लंघन और अनियमितता का पर्दाफाश:
मामले में शिकायत मिलने पर करवाई गई जांच के बाद मिले जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमावली की कंडिका 05 के उल्लंघन के साथ-साथ ही, आवंटनों की प्रक्रिया पूरी तरह से गलत बनाया गया था। नीलामी की प्रक्रिया पूर्व योजना के तहत ही तय की गई थी, जिसमें तय बोली और बोलीदाता पहले से ही तय थे। इससे साफ है कि यह एक सुनियोजित भ्रष्टाचार का खेल था, जिसमें कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई।
घोटाले और शासन को राजस्व क्षति पहुंचाने के चलते सीएमओ कोमल सिंह ठाकुर और सहायक राजस्व निरीक्षक राजेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संयुक्त संचालक में भी प्रशासन एवं विकास दुर्ग रखा गया है।