CG News: मलांजकुड़ुम वॉटरफॉल में युवक की मौत: रायपुर से घूमने आया था युवक, एक चूक बनी हादसे का कारण
CG News: कांकेर जिले का प्रसिद्ध मलांजकुड़ुम वॉटरफॉल एक बार फिर हादसे का कारण बना है, शनिवार की दोपहर छह दोस्तों का एक ग्रुप रायपुर से पिकनिक मनाने कांकेर जिले के मलांजकुड़ुम वॉटरफॉल पहुंचा था. प्राकृतिक सौंदर्य के बीच तस्वीरें खिंचवाने और मस्ती का माहौल था. लेकिन उसी दौरान एक युवक फिसलन भरी चट्टानों की ओर चला गया, जो खतरनाक क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है. इस दौरान युवक हादसे का शिकार हो गया और उसकी जान चली गई.
CG News: कांकेर जिले का प्रसिद्ध मलांजकुड़ुम वॉटरफॉल एक बार फिर हादसे का कारण बना है. रायपुर से प्राकृतिक सौंदर्य देखने आए एक युवक की जान इस खूबसूरत लेकिन खतरनाक वॉटरफॉल ने निगल ली. यह हादसा शनिवार को उस समय हुआ जब छह दोस्तों का एक समूह पिकनिक के लिए मलांजकुड़ुम पहुंचा था.
फोटो लेने के चक्कर में गई जान
मृतक युवक की पहचान गोपाल चंद्राकर के रूप में हुई है, जो रायपुर का रहने वाला था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवक फोटो लेने के लिए वाटरफॉल के एक ऊंचे हिस्से की ओर गया था, जो 'नो-गो' या खतरे से भरा इलाका माना जाता है. वहीं, फिसलन भरे पत्थरों पर पैर फिसल गया और वह तेज बहाव में नीचे गिर पड़ा.
दोस्तों ने दी पुलिस को सूचना
हादसा इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला. उसके साथ मौजूद दोस्तों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, लेकिन शाम का समय होने और रोशनी कम होने के कारण तत्काल रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका. रविवार सुबह नगर सेना और बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर युवक के शव को बाहर निकाला.
दूध नदी पर है मलांजकुड़ुम जलप्रपात
मलांजकुड़ुम जलप्रपात, जो कि दूध नदी पर स्थित है, हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह तीन स्तरों में गिरता है, पहला झरना लगभग 65 फीट ऊंचा, दूसरा 45 फीट और तीसरा करीब 25 फीट की ऊंचाई से गिरता है. यही ऊंचाई इसे आकर्षक बनाती है, लेकिन खतरा भी उतना ही ज्यादा होता है.
आए दिन होते हैं हादसे
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में यहां कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं, जिनमें जानें गई हैं. हालांकि, कुछ जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगे हैं, लेकिन इनका रखरखाव खराब है या फिर पर्यटक उन्हें गंभीरता से नहीं लेते. स्थानीय निवासियों का कहना है कि वॉटरफॉल के खतरनाक हिस्सों को चिन्हित करने के बावजूद वहां निगरानी नहीं होती. चेतावनी बोर्ड तो लगाए गए हैं, लेकिन न तो गाइड तैनात हैं और न ही कोई सुरक्षा गार्ड.