CG News: इस संभाग के 12 लाख हेक्टेयर पड़ती जमीन पर होगी खेती, दलहन-तिलहन को बढ़ावा देने कृषि विभाग का जोर

CG News: खरीफ की समीक्षा और रबी की तैयारी को लेकर कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने बैठक ली है

Update: 2025-10-18 12:28 GMT

CG News: रायपुर। आगामी रबी सीजन की तैयारी और खरीफ की समीक्षा को लेकर प्रदेश की कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में रायपुर और दुर्ग संभाग के संभाग आयुक्त, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कृषि व संबद्ध विभागों के अधिकारी तथा कृषि संचालक राहुल देव शामिल हुए। इस दौरान रायपुर संभाग में सात लाख हेक्टेयर और दुर्ग संभाग में पांच लाख हेक्टेयर बिना बोई भूमि (फैलो एरिया) को चिन्हित कर खेती योग्य बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

बैठक की शुरुआत में जिला कलेक्टरों ने एजेंडा अनुसार प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इसके बाद विभागाध्यक्षों ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी और आवश्यक निर्देश प्राप्त किए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने शासन की प्राथमिकता के अनुरूप योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। बैठक में खरीफ-2025 के दौरान धान के रकबे में कमी, फसल विविधीकरण और दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने की समीक्षा की गई। बीज, उर्वरक और फसल ऋण वितरण पर भी चर्चा हुई। रबी 2025-26 के लिए ग्रीष्मकालीन धान का रकबा घटाने, दलहन, तिलहन और मक्का के क्षेत्र विस्तार की ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।

पड़ती भूमि पर खेती के निर्देश

बैठक में रायपुर संभाग में सात लाख हेक्टेयर और दुर्ग संभाग में पांच लाख हेक्टेयर बिना बोई भूमि (फैलो एरिया) को चिन्हित कर खेती योग्य बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए है। अक्टूबर में हुई वर्षा से भूमि में नमी का लाभ उठाकर उतेरा पद्धति से खेती बढ़ाने पर बल दिया गया। दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत उड़द, अरहर, मूंग, चना, मसूर, सोयाबीन, मूंगफली और सरसों की खरीद के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया, ताकि किसान इन फसलों की ओर आकर्षित हों और आय में वृद्धि हो। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 22वीं किस्त से पहले एग्रीस्टैक पोर्टल में किसानों का पंजीयन शत-प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। बीज उत्पादन की समीक्षा कर आगामी वर्ष की मांग के अनुसार उत्पादन बढ़ाने की तैयारी पर भी चर्चा हुई। भारत सरकार द्वारा ऑयल पाम की खेती के क्षेत्र विस्तार पर दिए गए बल के अनुरूप प्राथमिकता से कार्य करने और रोपित क्षेत्रों में अंतरवर्तीय फसल लेने के निर्देश दिए गए।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं ने महातिवड़ा और प्रतीक जैसी नई किस्मों पर जानकारी दी तथा उनके प्रचार-प्रसार का आग्रह किया। मार्कफेड द्वारा रबी सीजन के लिए रासायनिक उर्वरक की मांग, भंडारण और वितरण की जानकारी दी गई। कलेक्टरों को सहकारी समितियों स्तर पर उर्वरक की उपलब्धता की सतत निगरानी के निर्देश दिए गए। पशुचिकित्सा, मछलीपालन और उद्यानिकी विभागों ने भी अपनी योजनाओं की प्रगति प्रस्तुत की। जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि परियोजना के अंतिम वर्ष में शेष लक्ष्यों की पूर्ति के साथ वाटरशेड पार्क विकसित कर वाटरशेड टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य होगा। अंत में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने सभी अधिकारियों को दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देशों के साथ बैठक समाप्त की।

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