CG Education News: समग्र शिक्षा भर्ती घोटाला: चंद घंटों में 35 हजार परीक्षार्थियों का रिजल्ट, अब CBI जांच की मांग

CG Education News: समग्र शिक्षा विभाग की ओर से कंप्यूटर ऑपरेटर, आईटी, डायटिशियिन, हेल्थकेयर, नर्सिंग स्टाफ जैसे 13 अलग-अलग ट्रेड के लिए ठेका कंपनी ने 18 जुलाई को भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा में तकरीबन 35 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। अचरज की बात ये कि लिखित परीक्षा के चंद घंटों बाद ठेका कंपनी ने 35 हजार आंसरशीट को जांच कर रिजल्ट घोषित कर दिया। कंपनी के लोगों के पास इसके बाद भी समय बच गया और उसी दिन इंटरव्यू भी ले लिया। गजब ये कि इंटरव्यू का रिजल्ट भी जारी कर दिया। जादू की तरह परीक्षा और सब-कुछ। इससे बड़ा घोटाला और क्या होगा।

Update: 2025-07-29 07:55 GMT

CG Education News: रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत समग्र शिक्षा विभाग आता है। समग्र शिक्षा विभाग में 13 अलग-अलग ट्रेड में भर्ती करने का जिम्मा विभाग के अधिकारियों ने ठेका कंपनी को दिया था। ठेका कंपनी ने तो भर्ती में जिस तरह की धांधली की उसे लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। आवेदन जमा करने से लेकर परीक्षा संचालित करने और आंसरशीट की जांच से लेकर इंटरव्यू तक ऐसी गड़बड़ी इसके पहले कभी देखने को नहीं मिली।

ठेका कंपनी के लोगों के कुछ ही घंटों में 35 हजार से ज्यादा आंसरशीट की जांच कर डाली। अगर आप आंसरशीट का पन्ना ही पलटाएंगे तो एक दिन से ज्यादा का समय लग जाएगा। यहां तो 35 हजार कापियाें को कुछ ही घंटों में जांच डाली और रिजल्ट भी घोषित कर दिया। कुछ ही घंटों में इतना सब-कुछ करने के बाद ठेका कंपनी के लोगों ने जिनको चयनित किया था उनको इंटरव्यू भी ले लिया। इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल पर सवाल उठ रहे हैं। इंटरव्यू के लिए जिनको बुलाया गया था वे कहां के थे। चंद घंटों के नोटिस पर इंटरव्यू दिलाने कैसे और किस रास्ते पहुंच गए। क्या सभी को पहले से ही बुलाकर किसी ऐसी जगह पर इकट्ठा कर रखा गया था। या फिर सब-कुछ कागजों पर निपटा दिया गया है। इस तरह का भर्ती घोटाला इसके पहले ना देखने में आया और ना ही सुनने में। यह तो गजब ही हो गया है। अचरज की बात ये है कि विभाग के अफसर अब तक आंख कान बंद किए हुए हैं। परीक्षार्थी हैं कि दर-दर भटक रहे हैं।

ऐसे किया खेला

ठेका कंपनी ने 16 जुलाई को आवेदन का लिंक जनरेट किया। 17 जुलाई को शाम पांच बजे लिंक बंद कर दिया। लिंक बंद करने के बाद जानकारी दी कि 18 जुलाई को परीक्षा आयोजित की जाएगी। रायपुर सहित प्रदेश के 12 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। तकरीबन 35 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिलाई। दोपहर दो बजे परीक्षा खत्म हुई। आंसरशीट जांच लिया और इसी दिन इंटरव्यू भी ले लिया। 20 जुलाई को परीक्षा के परिणाम जारी कर दिया गया।

एक बड़ा सवाल यह भी

35 हजार आंसरशीट को जमाने से लेकर चेक करने में ही तीन से चार दिन लगेंगे। ठेका कंपनी ने ऐसा क्या किया कि चंद घंटों में ही पेपर चेक हो गया और इंटरव्यू भी ले लिया। इंटरव्यू के लिए जिन अभ्यर्थियों को काल किया वे चंद मिनटों में कैसे पहुंच गए। परीक्षा दिलाने के बाद वे अपने घर तो गए ही होंगे। दूर दराज के अभ्यर्थियों ने भी तो परीक्षा पास की होगी। अगर शहर के भी अभ्यर्थी हैं तो चंद मिनटों में इंटरव्यू के लिए पहुंच कैसे गए। फिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि परीक्षा के तुरंत बाद आसंरशीट जांच लिया और उसी समय इंटरव्यू के लिए बुला लिया। ठेका कंपनी के इस सिस्टम को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। एक बड़ी गड़बड़ी की आशंका भी जताई जा रही है।

ये है भर्ती का ठेका लेने वाली कंपनी

इंडस एडुट्रेन प्राइवेट लिमिटेड, लनेंट स्किल प्राइवेट लिमिटेड, स्किल ट्री प्राइवेट लिमिटेड, आईसेक्ट एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, वेदांता प्राइवेट लिमिटेड आऔर निटकॉन।

ये तो कभी होता नहीं, स्टांप में क्यों लिखाया ये सब

ठेका कंपनियों ने जो कुछ किया उसे लेकर बड़ा सवाल उठने लगा है। एक और गजब का खेल ये कि अभ्यर्थियों से 10-10 रुपये के स्टांप में यह लिखा लिया कि उनका चयन हुआ है। कंपनी कीओर से किसी तरह का लेनदेन नहीं किया गया। स्टांप पेपर में यह सब लिखाने के पीछे कंपनी की मंशा समझ से परे है।

इन पदों पर की गई भर्ती

आटोमोटिव, ब्यूटी एंड वेलनेस, हेल्थ केयर, आईटी-आईटीईएस, प्लंबिंग, पॉवर, रिटेल, टूरिज्म एंड हास्पिटैलिटी, टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर, कृषि, मीडिया एंड इंटरटेनमेंट, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस एंड फाइनेंस आदि।

NSUI ने खोला मोर्चा,सीबीआई जांच की मांग

स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित समग्र शिक्षा विभाग में अलग-अलग ट्रेड में 1400 पदों पर हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एनएसयूआई में सीबीआई जांच की मांग की है। समग्र शिक्षा द्वारा 1500 से भी अधिक पदों

पर भर्ती प्रक्रिया के लिए जेम पोर्टल के माध्यम से सात कंपनियों को ठेका दिया था। सभी को सात दिन के भीतर प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि एक-एक अभ्यर्थी से तीन से चार लाख रुपए लेकर उन्हें नियुक्ति दी गई है।

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