CG Doctor Suspended: पहली पत्नी से तलाक लिए बगैर दूसरी शादी करने वाले डॉक्टर को राज्य सरकार ने किया निलंबित...

CG Doctor Suspended: कांकेर जिले के नरहरपुर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमोड़ में पदस्थ डॉ. मिथलेश साहू ने पहली शादी के मात्र सात माह बाद पत्नी से तलाक लिए बगैर दूसरी शादी कर ली। राज्य शासन ने उन्हें पहली पत्नी और उनके परिजनों की शिकायत पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

Update: 2025-07-26 08:48 GMT

CG Doctor Suspended: कांकेर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर ने पहली शादी करने के सात माह बाद ही दूसरी शादी भी कर ली। पहली पत्नी से चिकित्सक ने तलाक भी नहीं लिया। दूसरी शादी की बात पता चलने पर पहली पत्नी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की। जिस पर चिकित्सक डॉ मिथिलेश साहू को निलंबित कर दिया गया है। मिथलेश साहू कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड के अमोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे। मिली जानकारी के अनुसार पहली पत्नी ने उन पर एफआईआर भी करवाई हैं।

पहली शादी के बावजूद दूसरी शादी का आरोप

आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक, डॉ. साहू ने 26 मई 2023 को महासमुंद निवासी डिगेश्वरी साहू से विधिवत विवाह किया था। लेकिन 8 जनवरी 2024 को उन्होंने धमतरी निवासी सृष्टि साहू से दूसरी शादी कर ली, जबकि पहली पत्नी जीवित हैं और तलाक भी नहीं हुआ था। यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 22 का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।

शासन ने जारी किया सस्पेंशन, मुख्यालय से बाहर जाने पर रोक

नियम उल्लंघन की पुष्टि के बाद छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के अंतर्गत डॉ. साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उन्हें रायपुर स्थित संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं के अधीन अटैच किया गया है। अब वे पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ नहीं सकते।

शिकायत के बाद खुली पोल, सोशल मीडिया पर भी हुआ वायरल

मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर की पहली पत्नी और परिजनों ने कांकेर जिले के तत्कालीन सीएमएचओ को लिखित शिकायत दी थी। मामला मीडिया और सोशल मीडिया में तेजी से फैल गया। ट्विटर और फेसबुक पर #DoctorBigamy ट्रेंड करने लगा। आम जनता से लेकर विभागीय सहकर्मी तक इस मामले को लेकर हैरान थे।

मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में पहली पत्नी ने पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया है।इस मामले में दोष सिद्ध होने पर सात साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

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