Brijmohan Agrawal: जानिये दो सदनों में चुने जाने के बाद कितने दिनों के भीतर देना होता है एक से इस्तीफा, कब देंगे बृजमोहन अग्रवाल इस्तीफा?

छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेता बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा सीट से रिकार्ड मतों से चुनाव जीत गए हैं। वे विधायक से इस्तीफा कब देंगे, विधायिका में इसका अपना नियम है। निश्चित तिथि के बाद उन्हें इस्तीफा देना होगा।

Update: 2024-06-04 12:54 GMT

रायपुर। रायपुर संसदीय सीट से बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने ढाई लाख से अधिक मतों से कांग्रेस के विकास उपध्याय को हराया है। बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर विधायक हैं। छत्तीसगढ़ के 2023 के विधानसभा चुनाव में लगातार आठवी बार जीतकर सदन में पहुंचे। इस समय वे छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री हैं। भाजपा ने उन्हें रायपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और वे जीत गए हैं।

अब सवाल पैदा होता है कि सांसद चुने जाने के बाद बृजमोहन अग्रवाल कब तक मंत्रिमंडल और विधानसभा के सदस्य बने रह सकते हैं। नियमों के अनुसार भारतीय संविधान दो सदनों में चुने जाने पर किसी एक सदन को चुनने के लिए समय देता है। ऐसा नहीं कि दूसरे सदन की जीत का सर्टिफिकेट प्राप्त करते ही किसी एक सदन से इस्तीफा देना होगा। विधायिका के नियमों के अनुसार किसी एक सदन का सदस्य दूसरे सदन के लिए चुना जाता है तो उसे किस सदन में सदस्य बने रहना है, इसके लिए 14 दिन का समय होता है। इस 14 दिन में कभी भी इस्तीफा दिया जा सकता है।

इस्तीफा देंगे या नहीं?

लोकसभा चुनाव 2024 में जिस तरह की स्थितियां बनी है, उसमें एकदम से क्या होगा, ये नहीं कहा जा सकता कि बृजमोहन का इस्तीफा कब होगा। क्योंकि, ये तय करने का अधिकार बृजमोहन अग्रवाल को है कि वे किस सदन से इस्तीफा देंगे। अगर किन्हीं परिस्थितियों में केंद्र में कही एनडीए की सरकार नहीं बन पाई तो हो सकता है कि वे छत्तीसगढ़ में मंत्री बने रहना पसंद करें।

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