Bilaspur News: गुंडागर्दी का बार: आबकारी अफसरों की दिखावे की कार्रवाई, सिर्फ दो दिन के लिए लाइसेंस किया निलंबित

Bilaspur News: लगातार विवादों में रहने वाले और देर रात तक शराब परोसने वाले तंत्रा बार के खिलाफ कार्यवाही हेतु पुलिस के प्रतिवेदन पर आबकारी विभाग ने सिर्फ दो दिनों के लाइसेंस निलंबित करने की औपचारिकता निभाई है।

Update: 2024-08-05 03:36 GMT

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Bilaspur News: बिलासपुर। लगातार विवादों के लिए चर्चित रहने वाले शहर के तंत्रा बार के खिलाफ आबकारी विभाग मेहरबान है। आए दिन विवादों, मारपीट और देर रात तक बार खुलने को लेकर बदनाम तंत्रा बार के खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने के पुलिस के प्रतिवेदन पर सिर्फ दो दिन लाइसेंस निलंबित करने की औपचारिकता आबकारी विभाग ने निभाई है। शहर का माहौल बिगाड़ने वाले तंत्रा बार पर आबकारी विभाग ने दिखावे की कार्यवाही कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है।



 

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला चौक स्थित सिटी मॉल में तंत्रा बार संचालित है। बार का लाइसेंस शोभा पाठक के नाम से है। यह बार लगातार विवादों के चलते चर्चा में रहता है। इस बार के देर रात खुलने के चलते कई बार यहां विवाद की स्थिति निर्मित हुई है और मारपीट भी हुई है। इसी बार में विवाद के चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता की जमकर पिटाई दूसरे गुट के युवकों ने कर दी थी। इसके अलावा कुछ दिनों पहले बर्थडे मनाने गए कॉलेज छात्र-छात्राओं के साथ भी मारपीट की घटना हुई थी। छात्राओं के साथ आपराधिक प्रवृत्ति के युवा जबरदस्ती डांस करने लग गए थे छात्राओं के साथ गए छात्रों ने जब आपत्ति जताई तो बदमाशों ने अपने अन्य साथियों को बुलाकर छात्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी पुलिस ने इस मामले में अपराध भी दर्ज किया था।

11 जुलाई को सरकंडा के दो गुट शराब की खाली बोतल फेंकने के विवाद पर भीड़ गए थे। बार में ही दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। साथ ही बार में भी तोड़फोड़ हुआ। पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज किया था और बाहर के बाउंसरों खिलाफ भी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की थी। बार-बार समझाइश के बाद भी बार का देर रात तक संचालन किया जा रहा था।

6 जुलाई को बार के निरीक्षण के दौरान निर्धारित अवधि रात्रि 11:00 बजे के पश्चात भी खुला होना पाया गया था। इस संबंध में लाइसेंस धारक को नोटिस भी जारी किया गया था। 11 जुलाई को बाहर में हुई मारपीट के मामले में सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज किया था इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक के द्वारा 17 जुलाई को देर रात्रि तक बार खुला होने के चलते लड़ाई झगड़ा हुआ मारपीट की घटना होने का हवाला दे आबकारी विभाग को बाहर का लाइसेंस निरस्त करने के लिए पत्र लिखा था।

पुलिस के पत्र के बाद कार्रवाई करने की औपचारिकता निभाते हुए सिर्फ दो दिनों तक के लिए बार का लाइसेंस निरस्त कर बार पर मेहरबानी आबकारी विभाग ने दिखाई है। बार-बार नियमों के उल्लंघन करने वाले बार का 3 अगस्त व 4 अगस्त का लाइसेंस आबकारी विभाग ने निरस्त करने की कार्यवाही की। जबकि इस आदेश में खुद आबकारी विभाग ने लिखा है कि उपरोक्त प्रकरण में दर्शित अनियमितता गंभीर प्रकृति का होने के कारण लाइसेंसी को दोषी मानते हुए छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 (1) (ख) के तहत 2 दिनों के लिए लाइसेंस निरस्त किया गया है। बार-बार लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन कर शहर का माहौल खराब करने का कारण बनने वाले बाहर के ऊपर आबकारी विभाग की मेहरबानी समझ से परे हैं।

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