Bilaspur News: 50 लाख की फिरौती, नाबालिक का अपहरण के बाद हत्या, तीन को आजीवन कारावास...
Bilaspur News: 50 लाख रुपए की फिरौती के लिए नाबालिक का अपहरण और हत्या को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला फरवरी 2022 का है।
Bilaspur News बिलासपुर। नाबालिक का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या करने वाले तीन आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों ने फरवरी 2022 में बच्चे का अपहरण कर 50 लाख रुपए की फिरौती उसके माता-पिता से मांगी थी। फिरौती मांगने से पहले ही नाबालिक की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले में आरोपियों की चंद घंटों के भीतर ही गिरफ्तारी कर ली थी। मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है।
6 फरवरी 2022 को तारबाहर थाना क्षेत्र के डीपूपारा में रहने वाला 14 वर्षीय बालक मोहम्मद रेहान पिता मोहम्मद आसिफ अपनी मां से 10 रूपये लेकर चिप्स का पैकेट लेने शाम साढ़े पांच बजे खुदीराम बोस चौक डीपूपारा के एक दुकान में गया था। इसी समय आरोपियों ने उसका अपहरण कर लिया था। देर रात तक घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने आसपास तलाश करने के बाद तारबहार थाने में इसकी सूचना दी थी। रात लगभग 10:00 बजे परिजन बच्चे के गुमने की शिकायत लेकर तारबाहर थाना पहुंचे थे। घटना की जानकारी लगने पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर के निर्देश पर पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और बच्चे की तलाश शुरू की। पुलिस बच्चों की तलाश में लगी थी तभी आरोपियों ने बच्चों के ही मोबाइल से परिजनों को फोन कर 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी।
साइबर सेल के द्वारा मोबाइल लोकेशन ट्रेस करवा सुबह होते-होते अपहरण में शामिल तीन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली। आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर पता चला कि मुख्य आरोपी अभिषेक दान, 20 वर्ष तारबाहर थाना क्षेत्र का ही रहने वाला है।वह बालक का पड़ोसी था। पुरानी जान पहचान और मोहल्ले का होने की वजह से उसके द्वारा साथ घूमने जाने की बात कहने पर नाबालिक आरोपियों के साथ बैठकर चला गया था। अभिषेक दान को पड़ोसी होने की वजह से बालक के पिता के द्वारा जमीन बिक्री करने और जमीन बिक्री की एवज में मोटी रकम प्राप्त होने की जानकारी थी। जिसकी वजह से उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया था।
मुख्य आरोपी अभिषेक दान ने बताया कि उसने कोनी थाना क्षेत्र के देवनगर में रहने वाले अपने साथी साहिल उर्फ शिबू खान और रवि खांडेकर के साथ मिलकर बच्चों का अपहरण किया था। अपहरण के बाद तीनों ने उसे रतनपुर हाईवे पर ले जाकर मदनपुर गांव के पास गला दबाकर हत्या कर दी और लाश बोरी में भरकर एक नाले के पीछे छुपा दिया। हत्या करने के बाद उसके मोबाइल से परिजनों को फोन कर फिरौती मांगने लगे।
आरोपियों की निशान देही पर पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और शव बरामद किया था। फिरौती के लिए फोन आने के चंद घंटों के भीतर ही पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की और पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने मामले का खुलासा किया था। अधिकारियों के निर्देशन में मजबूत साक्ष्य जुटा पुलिस ने चालान पेश किया था।
फिरौती के लिए अपहरण के इस जघन्य हत्याकांड में कल सत्र न्यायालय में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण त्रिपाठी की अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। धारा 302,34 के तहत आजीवन कारावास और एक–एक हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। धारा 363 और 387 के तहत सात– सात साल कठोर कारावास और एक–एक हजार रुपए जुर्माने की सजा, धारा 201,34 के तहत तीन साल कठोर कारावास और एक–एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। वही धारा 364 के तहत भी आजीवन कारावास और एक–एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।