Bilaspur Highcourt News: इस विभाग के दैवेभो, संविदा कर्मचारियों को मिलेगा EPF एक्ट का लाभ, 45 दिनों के भीतर लागू करना होगा EPF सर्कुलर
Bilaspur Highcourt News: हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने जल संसाधन विभाग के अस्थाई और संविदा कर्मचारियों के लिए ईपीएफ सर्कुलर को 45 दिनों के भीतर लागू करने के निर्देश राज्य सरकार को दिया है।
Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के सिंगल बेंच में हुई। जस्टिस वर्मा ने जल संसाधन विभाग को एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा है कि विभाग अपने दैनिक वेतनभोगी और कैजुअल कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 (EPF Act) के तहत सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के लिए दो पुराने सरकारी सर्कुलरों को 45 दिनों के भीतर लागू करे।
याचिकाकर्ता संघ की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने सिंगल बेंच को बताया कि राज्य सरकार ने 22 नवंबर 2016 और 12 जुलाई 2017 को दो अलग-अलग सर्कुलर जारी किया था। जारी सर्कुलर में सभी विभागों को निर्देशित किया गया था कि विभाग के अधीन कार्यरत दैनिक वेतनभोगी और अस्थायी कर्मचारियों को ईपीएफ अधिनियम, 1952 के दायरे में लाया जाए, ताकि उन्हें भविष्य निधि, बीमा और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके। याचिकाकर्ता संघ ने आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने राज्य शासन के दोनों सर्कुलरों को अब तक लागू नहीं किया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इन्हें पहले ही प्रभावी रूप से लागू कर दिया है। इस कारण जल संसाधन विभाग के सैकड़ों दैवेभो कर्मियों को अभी तक ईपीएफ कवरेज और लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जल संसाधन विभाग सर्कुलरों को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है और शीघ्र दोनों सर्कुलर को प्रभावशील कर दिया जाएगा। राज्य सरकार के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि महज आश्वासन पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने आदेश दिया कि आदेश की प्रति प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर जल संसाधन विभाग दोनों सर्कुलरों को पूरी तरह लागू करे और सभी योग्य कर्मचारियों का पंजीकरण ईपीएफओ पोर्टल के माध्यम से पूरा करे। कोर्ट ने कर्मचारियों को उनकी पात्रता की तारीख से लाभ देने के निर्देश भी दिए गए।
सामाजिक सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
सिंगल बेंच ने अपने आदेश में लिखा है कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध उपबंध अधिनियम, 1952 देश में श्रमिकों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कानून है। इस अधिनियम के तहत कर्मचारियों को भविष्य निधि, बीमा और पेंशन लाभ प्रदान किए जाते हैं, जिससे वे वृद्धावस्था, दुर्बलता या आकस्मिक मृत्यु जैसी परिस्थितियों में आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।