Bilaspur High Court: हत्या के आरोप में जेल में बंद कैदी की पत्नी को जेल कर्मियों ने बनाया वसूली के लिए जरिया: हाई कोर्ट रह गया हैरान, DGP जेल को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
Bilaspur High Court: सारगंढ़ उप जेल के कर्मचारियों द्वारा कैदियों के परिजनों से आनलाइन वसूली का मामला अभी थम भी नहीं पाया है कि छत्तीसगढ़ के एक और जेल में वसूली का मामला सामने आया है। यह मामला कुछ अलग है। जेल में हत्या के आरोप में बंद एक कैदी की पत्नी को जेल कर्मियों ने वसूली के जरिए बनाया है। यह सुनकर हाई कोर्ट भी हैरान रह गया है। राज्य शासन के इस खुलासे के बाद हाई कोर्ट ने डीजीपी जेल को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कुछ इस तरह की हिदायत भी दी है।
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Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ उप जेल के कर्मचारियों द्वारा जेल में बंद कैदियों के परिजनों से आनलाइन वसूली का मामला अभी थम नहीं पाया है। इस मामले की जांच जारी है। जांच में 10 जेल कर्मियों के अलावा जेल के अधिकारी भी लपेटे में आ रहे हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के एक और जेल से उगाही का मामला सामने आ गया है। सारंगढ़ उप जेल के कर्मी कैदियों के परिजनों से आनलाइन वसूली करते थे। यहां हत्या के आरोप में जेल में बंद कैदी की पत्नी को वसूली के लिए जरिया बनाया है। हाई कोर्ट ने डीजीपी जेल को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है।
बिलासपुर हाई कोर्ट ने जेल में बंद कैदिया के परिजनों से जेल कर्मियों द्वारा की जा रही बेजा वसूली को गंभीरता से लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जवाब पेश करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने जब यह खुलासा किया तब हाई कोर्ट भी हैरान रह गया। नाराज कोर्ट ने डीजीपी जेल को सीधेतौर पर तलब किया है। डीजीपी जेल को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने और इसमें सारी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी हिदायत दी है कि शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी अगली सुनवाई तक उपलब्ध करा दी जाए। जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जब यह जानकारी दी गई तब कोर्ट ने पहले हैरानी जताई और फिर नाराजगी भी जताई।
लुकेश्वरी जोश अब्राहम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जमानत का विरोध किया गया और कोर्ट को जानकारी दी कि याचिकाकर्ता के पति हत्या के आरोप में जेल में बंद है। याचिकाकर्ता जेल में बंद अपने पति के साथ मिलकर अन्य कैदियों के परिजनों से वसूली करती है। वसूली की राशि अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराई गई है। राज्य सरकार ने बताया कि ऐसे ही एक बैंक अकाउंट याचिकाकर्ता की भी है जिसमें वसूली की रकम जमा कराई गई है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसी अपराध से जुड़े एक अन्य आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि तय कर दी है। कोर्ट ने राज्य शासन की ओर से पैरवी के लिए उपस्थित महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी को निर्देशित किया कि कोर्ट के आदेश की प्रति डीजीपी जेल को तत्काल भेज दी जाए, ताकि सुनवाई से पहले जवाब आ जाए।
इस उप जेल में कर्मियों ने की आनलाइन वसूली
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ उप जेल में पदस्थ जेल कर्मियों की मनमानी और दबंगई ऐसा कि कैदियों से आनलाइन उगाही कर ली। कर्मियों की डिमांड पूरी ना करने वाले कैदियों के साथ मारपीट जैसे अमानवीय घटनाओं को भी अंजाम दिया। उप जेल में बंद कैदियों ने जब मामला हाई कोर्ट में दायर किया तब कोर्ट भी अचरज में पड़ गया। कैदियों के परिजनों ने आनलाइन ट्रांजेक्शन का स्टेटस अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में पेश किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डिवीजन बेंच ने डीजी जेल, राज्य शासन व सारंगढ़ उपजेल के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। 10 जेल कर्मियों के खिलाफ अवैध वसूली मामले में जांच चल रही है। डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नए सिरे से शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी देने कहा है।
हस्तक्षेप याचिका में भी साथ-साथ हो रही सुनवाई
दीपक और दिनेश चौहान ने अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के परिजन जेल में बंद है। अवैध उगाही के लिए मारपीट की शिकायत की है। साथ ही आनलाइन बैंक पेमेंट का स्टेटस भी पेश किया है।