MP Transfer policy 2023 : मध्यप्रदेश में नीति जारी होने के साथ ही तबादलों का दौर शुरू
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी तबादला नीति (MP Transfer policy) जारी कर दी है। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से जिलों में तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला स्तर पर तबादलों का दौर 30 जून तक चलेगा। जिलों में तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद ही हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट से MP Transfer policy 2023 को मंजूरी मिलते ही जिला स्तर पर तबादला 15 जून से शुरू हो चुका है। इस नीति के अनुसार 201 से 2000 तक के संवर्ग में 10 प्रतिशत से ज्यादा स्थानांतरण नहीं किए जाएंगे। वहीं, किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से ज्यादा Transfer नहीं होंगे।
क्लास वन अफसरों के लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन जरुरी
Transfer नीति के के अनुसार सभी विभागों के राज्य कैडर के अंतर्गत विभागाध्यक्ष और सरकारी उपक्रमों और संस्थाओं में पदस्थ प्रथम श्रेणी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चाहे वे किसी भी पदनाम से जाने जाते हो उनके Transfer ऑडर समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग जारी करेगा। राज्य कैडर के बाकी सभी प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले जिले के भीतर किए जाने वाले Transfer को छोड़ कर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग जारी करेगा।
200 कर्मचारी वाले संवर्ग में 20 प्रतिशत ही संभव
Transfer नीति के तहत 200 कर्मचारियों की संख्या वाले संवर्ग में 20 प्रतिशत 201 से दो हजार की संख्या होने पर 10 प्रतिशत और दो हजार से अधिक संख्या होने पर पांच प्रतिशत स्थानांतरण होंगे। कर्मचारी गंभीर रूप से बीमार होने, शारीरिक या मानसिक दिव्यांगता की स्थिति में कर्मचारी आवेदन दे सकेगा। कर्मचारी की अत्यंत गंभीर शिकायत गंभीर अनियमितता या लापरवाही प्रमाणित होने पर तबादले किए जा सकेंगे। हालांकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का तबादला प्रशासकीय विभाग कर सकेगा।
जानिए MP Transfer policy 2023 क्या खास है
- राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद सामान्य प्रशासन विभाग करेगा। जिले के भीतर डिप्टी व संयुक्त कलेक्टर की अनुविभाग में पदस्थापना कलेक्टर प्रभारी मंत्री से विचार विमर्श के बाद कर सकेंगे।
- उप पुलिस अधीक्षक यानी डीएसपी रैंक से नीचे के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के जिले के भीतर स्थानांतरण के लिए पुलिस स्थापना बोर्ड निर्णय लेगा। जिले के भीतर पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद आदेश जारी करेंगे। डीएसपी और उनसे वरिष्ठ अफसरों का तबादला स्थापना बोर्ड के दिशा- निर्देशों के अनुसार विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद होंगे।
- तहसीलदार, अतिरिक्त व नायब तहसीलदार की जिले के भीतर पदस्थाना कलेक्टर प्रभारी मंत्री के परामर्श के बाद कर सकेंगे।
- जिलों में पदस्थ प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष पूरा होने पर अन्य जिले में स्थानांतरण राज्य सरकार करेगी। तृतीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों व कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर तीन साल की पदस्थापना पूर्ण होने पर तबादला किया जा सकेगा।
- स्वयं के व्यय पर या परस्पर स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन या कार्यालय प्रमुख को आवेदन प्रस्तुत करना होगा। - स्वयं के व्यय पर रिक्त पदों पर किए गए स्थानांतरण व प्रशासनिक वजह से किए गए तबादलों का आदेश अलग-अलग जारी किए जाएंगे।
- अपनी मर्जी (स्वेच्छा) से स्थानांतरण संबंधी आवेदन में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर लिया हो।
- ऐसे अधिकारी- कर्मचारी जिनकी सेवानिवृत्ति में एक साल या उससे कम समय बचा हो उनका स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।
- पति- पत्नी के स्वयं पर एक ही साथ पदस्थापना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा, लेकिन पदस्थापना का स्थान प्रशासकीय अवश्यकता के आधार पर निर्धारित होगा।
- कैंसर, किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस कराने, ओपन हार्ट सर्जरी के कारण नियमित जांच कराना जरूरी है और उनकी पदस्थापना वाले जिले में यह सुविधा नहीं है तो मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर शासकीय सेवक के चाहने पर ट्रांसफर हो सकेगा।
- जिसकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या इससे अधिक है तो उनके स्थानांतरण सामान्य: नहीं होंगे, लेकिन स्वयं के व्यय पर वे स्वेच्छा से स्थानांतरण ले सकेंगे।
- स्कूल शिक्षा में तबादले के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। उत्कृष्ट, मॉडल और सीएम राइज स्कूलों में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे।