IPS Sadanand Kumar Biography in Hindi: आईपीएस सदानंद कुमार का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस सदानंद कुमार?...

IPS Sadanand Kumar Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: सदानंद कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2010 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः बिहार के रहने वाले है। ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन में सदानंद कुमार गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे। वे बिहार पीएससी भी टॉप कर चुके है। वर्तमान में एसएसपी रैंक के अफसर हैं।

Update: 2024-06-24 08:37 GMT

IPS Sadanand Kumar

( IPS Sadanand Kumar Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth )

एनपीजी। सदानंद कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2010 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः बिहार के रहने वाले है। बीए व एमए में यूनिवर्सिटी टॉपर रहे सदानंद कुमार ने बीएड के शिक्षक की नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी की। बिहार पीएससी में भी टॉप किया। चौथे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बनें। आइए जानते हैं उनके बारे में....

जन्म,परिवार और शिक्षा:–

सदानंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1979 को बिहार के मुंगेर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। सदानंद कुमार मुंगेर जिला के तारापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मिल्की जोड़ारी गांव के रहने वाले है। जिले के आखरी छोर में यह गांव आता है। यहां पहले पक्की सड़क नही थीं। इसी गांव में कीचड़ भरी सड़को के बीच स्थित सरकारी स्कूल में सदानंद की पांचवी तक गांव से पढ़ाई हुई। उनके पिता छोटे से किसान थे। 1984 में सदानंद कुमार के पिता की एक बीमारी के चलते निधन हो गया। तब सदानंद कुमार की उम्र मात्र चार साल थी। सदानंद कुमार के उनके अलावा चार भाई व एक बहन हैं। पिता की मृत्यु होने के बाद उनकी मां ने सभी भाई– बहनों को पाला पोसा। सदानंद कुमार ने मां का साथ देने के लिए दसवीं की पढ़ाई के बाद खेतों में काम करना शुरू कर दिया था। बाद में बड़े भाई ने इंग्लिश से ऑनर्स किया और इंग्लिश का ट्यूशन पढ़ाने लगे। सदानंद कुमार के घर में गरीबी का आलम यह था कि सुबह खाना खाने के बाद रात के लिए यह सोचना पड़ता था कि खाना कहा से जुटाया जाए। बहुत ही काम खेती सदानंद के परिवार के पास थी। उसमें से भी कुछ हिस्से को पड़ोसियों ने कब्जा कर लिया था।।

सदानंद कुमार के बड़े भाई ने सभी भाई– बहनों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए प्रेरित किया। सदानंद कुमार व उनके सभी भाई खेतों में काम करते थे, ट्यूशन पढ़ाते थे। इस तरह से काफी संघर्ष पूर्ण जीवन जी सदानंद कुमार ने अपनी पढ़ाई पूरी की। उनके गांव में पांचवी तक ही स्कूल था। इसलिए पांचवी तक की पढ़ाई सदानंद कुमार ने गांव से ही की। छठवीं व सातवीं सदानंद ने गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित मकोवा गांव में पढ़ाई की। फिर आठवीं से दसवीं गांव से तीन किलोमीटर दूर स्थित शांति नगर गांव में पढ़ाई की। आठवीं कक्षा के बाद सदानंद कुमार ट्यूशन पढ़ाने लग गए थे। ग्यारहवीं व बारहवीं की पढ़ाई सदानंद ने आर्ट्स सब्जेक्ट्स से की। 11वीं 12वीं में उन्होंने इंग्लिश, संस्कृत, तर्कशास्त्र,भूगोल विषय चुने थे। 12वीं बोर्ड पूरी होने के बाद मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज में पढ़ाई की। सदानंद कुमार ने बीए संस्कृत में किया। फिर एमए भी संस्कृत में किया। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान सुल्तानगंज में सदानंद कुमार कोचिंग भी बच्चों को पढ़ाते थे। अच्छा पढ़ाने के कौशल और उनके ज्ञान को देखते हुए विद्यार्थियों की भीड़ उनके पास पढ़ने के लिए लगती थी। इस दौरान गरीब विद्यार्थियों को निशुल्क भी ट्यूशन सदानंद कुमार देते थे। वायुसेना में भी एयरमेन के पद पर सदानंद कुमार का चयन हुआ। बीए व एमए में सदानंद कुमार ने यूनिवर्सिटी में टॉप किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहे। कॉलेज प्रबंधन के लिए भी विश्वास कर पाना मुश्किल हो गया था कि एक सामान्य पृष्ठभूमि के सामान्य से दिखने वाले, हवाई चप्पल पहनने वाले युवा ने टॉप कैसे कर लिया। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली से बीएड की डिग्री भी सदानंद कुमार ने की। उनकी बिहार में भी शिक्षक की नौकरी लगी और दिल्ली में भी शिक्षक की नौकरी लगी थी।

यूपीएससी की तैयारी:–

सदानंद कुमार के सबसे बड़े भाई एमए करने के बाद बीएड भी किए थे। वे दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। इधर सदानंद कॉलेज की पढ़ाई के दौरान कोचिंग पढ़ाकर खुद की पढ़ाई का खर्च तो जुटाते ही थे, साथ ही नागपुर में अपने छोटे भाई की बीव्हीसी की पढ़ाई में भी सहयोग कर अपना दायित्व निभाते थे। काफी सारे बच्चे सदानंद से कोचिंग पढ़ते थे। इस दौरान कोचिंग से मिले कुछ पैसे भी बैंक में सदानंद कुमार जमा करवा देते थे। पोस्ट ग्रेजुएट पूरी होते–होते सदानंद कुमार के पास 10 से 11 हजार रुपए बैंक में जमा हो गए थे। तब सदानंद के बड़े भाई ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए इन पैसों के साथ यह कहते हुए दिल्ली बुला लिया कि इतने पैसों से 6 महीने तक तो काम चल ही जाएगा, आगे की फिर सोचेंगे। हालांकि सदानंद की यूपीएससी की तैयारी के पीछे भी एक मजेदार वाकया है। सदानंद कुमार कॉलेज के दिनों में अपने दोस्तों के साथ कुछ पुस्तक खरीदने भागलपुर गए थे। तभी अचानक वहां सायरन वाली गाड़ियां गुजरी। जिसके लिए पुलिस वालों ने सारी सड़क खाली करवा दी। इस दौरान अफरा–तफरी मच गई।

सदानंद का दोस्त भी कीचड़ में गिर पड़ा। तब सदानंद ने पूछा कि ऐसा कौन आ रहा है जिसके लिए सारी सड़के खाली करवाई जा रही हैं। तो उन्हें जवाब मिला कि जिले के कलेक्टर व एसपी साहब के लिए ऐसा हो रहा है। तब सदानंद कुमार ने अपने बड़े भाई से कलेक्टर–एसपी बनने का तरीका पूछा। यह मैं कर चुके उनके बड़े भाई ने उन्हें यूपीएससी एग्जाम के बारे में बताया। बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती हो रही थी। मुंगेर जिले में परसेंट बेस पर हुए शिक्षक भर्ती में सदानंद कुमार वरीयता सूची में पहले नंबर पर रहे थे। कलेक्टर के हाथों जॉइनिंग लेटर प्राप्त कर सिर्फ चार दिन की नौकरी करने के बाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी से सदानंद कुमार ने इस्तीफा दे दिया।

दिल्ली सरकार द्वारा की जा रही शिक्षक भर्ती टीजीटी में शामिल होकर चयनित हुए। दिल्ली सरकार द्वारा की जा रही छह शिक्षकों की भर्ती में न केवल सदानंद कुमार चयनित हुए बल्कि भर्ती परीक्षा में प्रथम स्थान पर भी रहें। यूजीसी– नेट जेआरएफ भी सदानंद कुमार ने क्वालीफाई किया। बिहार पीएससी में भी सदानंद कुमार चयनित हुए। उन्होंने बिहार पीएससी में टॉप किया और डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित हुए। अररिया जिला बिहार में डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर पहली नियुक्ति मिली पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।

यूपीएससी में प्रयास:–

2005 में यूपीएससी का पहला प्रयास सदानंद कुमार ने दिल्ली आकर बीएड करने के दौरान दिया। पर प्री नही निकला। 2007 में दूसरा व 2008 में तीसरा अटेम्प्ट दिया पर फिर प्री नही निकला। 2009 में यूपीएससी का चौथा प्रयास सदानंद कुमार ने दिया। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में ऑप्शनल विषय के तौर पर भारतीय इतिहास रखा। जबकि मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों में एक में फिलोसाफी ( दर्शन शास्त्र) और दूसरा संस्कृत लिया। चौथे प्रयास में प्रारंभिक, मुख्य, व साक्षात्कार निकाल कर सदानंद कुमार आईपीएस के लिए चयनित हुए।

दोनों चयन की सूचना मिली दूसरों के द्वारा:–

बिहार में उन दिनों राज्य लोक सेवा आयोग का रिजल्ट रात 12 बजे के बाद आता था। रिजल्ट वाली रात सदानंद कुमार सो गए थे। सुबह चार बजे उनके एक छात्र ने उन्हें फोन कर जगाया। और बताया कि उन्होंने बिहार पीएससी में टॉप कर दिया है। उनका टीवी में नाम आ रहा है। तब सदानंद कुमार व उनके परिवार ने टीवी खोल कर देखा। इसके बाद परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई और सदानंद की भाभी ने सभी को मिठाईयां खिलाई। इसी तरह यूपीएससी के रिजल्ट घोषित होने के दिन सदानंद कुमार स्कूल पढ़ाने नहीं गए थे। वह घर में सो रहे थे तब उनके बड़े भाई ने उन्हें फोन कर यूपीएससी सलेक्ट होने की सूचना दी। सदानंद के बड़े भाई यूपीएससी सेलेक्ट नहीं हो पाए थे। सदानंद से पुत्रवत स्नेह करने वाले उनके बड़े भाई चाहते थे कि सदानंद यूपीएससी क्रैक करें। वे उनके लिए बड़े भाई के अलावा गुरु भी थे। उनके द्वारा चयन की सूचना मिलना सदानंद को भाव विह्लल कर गया।

प्रोफेशनल कैरियर:–

सदानंद कुमार ने 30 अगस्त 2010 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी हैदराबाद में ट्रेनिंग खत्म करने के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए उन्हें प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर बिलासपुर जिले में पोस्टिंग दी गई। वे बिलासपुर में सरकंडा थाना प्रभारी रहें। फिर जांजगीर– चांपा जिले में चांपा एसडीओपी रहे। बलौदा बाजार जिले में भी एसडीओपी रहे। पुलिस अधीक्षक के तौर पर सदानंद कुमार की पहली पोस्टिंग बलरामपुर रामानुजगंज जिले में रही। इसके बाद वे राज्य पुलिस अकादमी चंद्रखुरी में पुलिस अधीक्षक रहे। फिर अंबिकापुर जिले में पुलिस अधीक्षक रहे। ईओडब्ल्यू– एसीबी में एसपी रहें। सुकमा एसटीएफ में कमांडेंट रहे। 16 वीं वाहिनी नारायणपुर में कमांडेंट रहे। बालोद जिले के पुलिस अधीक्षक व नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रहें। बलौदाबाजार– भाटापारा जिले के पुलिस अधीक्षक रहें।

नारायणपुर में पुलिस अधीक्षक रहते हुए वह दो समुदायों के बीच विवाद की स्थिति को संभाल शांति कायम करने में सदानंद कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। नक्सल अभियान के दौरान भी नक्सलियों पर प्रभावी नियंत्रण बना। रायगढ़ जिले में पुलिस अधीक्षक के तौर पदस्थापना के दौरान प्रदेश की सबसे बड़ी बैंक डकैती हुई। एक्सिस बैंक में हुई करोड़ की डकैती को 12 घंटे में ही अन्य जिले की पुलिस के साथ समन्वय कर सुलझा लिया। और डकैती में शामिल शत प्रतिशत रकम बरामद कर ली।

Full View

Tags:    

Similar News