IAS डेपुटेशन पर ब्रेक: छत्तीसगढ़ के 168 में 22 IAS डेपुटेशन पर, पिंगुआ अकेले प्रमुख सचिव; सरकार ने मांगी प्रमोशन की मंजूरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारियों की कमी महसूस होने लगी है। चीफ सेक्रेटरी और दो एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के बाद प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर सिर्फ एक अफसर हैं। 6 अफसर केंद्र में चले गए हैं। गौरव द्विवेदी इसी महीने रिलीव हुए हैं। इस कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नति की मंजूरी मांगी है। हालांकि इसमें भी पेंच है। दो अफसरों को प्रमुख सचिव के पद पर प्रमोट किया जाएगा। इनमें सोनमणि बोरा और शहला निगार हैं। बोरा भी डेपुटेशन पर हैं। ऐसे में शहला ही प्रमुख सचिव होंगी। दरअसल, राज्य शासन में सेक्रेटरी और सीनियर सेक्रेटरी लेवल की कई कमेटियां होती हैं, जो राज्य सरकार से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों में निर्णय लेती हैं। छत्तीसगढ़ में चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन के बाद रेणु पिल्लै और सुब्रत साहू दो एसीएस हैं, फिर प्रमुख सचिव के रूप मनोज पिंगुआ ही बच जाते हैं। एक और प्रमुख सचिव मिलने के बाद जिम्मेदारियां बांटी जाएंगी। जनवरी तक प्रमोशन करने की तैयारी है। साथ ही, कुछ विशेष सचिव को सचिव के रूप में प्रमोट किया जाएगा।
फिलहाल किसी नए अफसर को डेपुटेशन नहीं
अफसरों की कमी को देखते हुए फिलहाल किसी नए अफसर को डेपुटेशन की मंजूरी नहीं दी जाएगी। खबर है कि सरकार ने डॉ. अय्याज तंबोली की फाइल वापस कर दी है। आईएएस शहला निगार छुट्टी पर हैं और आर. संगीता चाइल्ड केयर लीव पर चली गई हैं, इसलिए जब तक दिल्ली से अफसरों के लौटने का सिलसिला शुरू नहीं होगा, तब तक किसी नए अफसर को अनुमति देने में सरकार सख्ती कर सकती है।
ये अफसर डेपुटेशन पर
अमित अग्रवाल (1993)
ऋचा शर्मा (1994)
निधि छिब्बर (1994)
विकास शील (1994)
डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी (1995)
गौरव द्विवेदी (1995)
सुबोध सिंह (1997)
निहारिका बारिक (1997)
सोनमणि बोरा (1999)
डॉ. रोहित यादव (2002)
ऋतु सेन (2003)
अविनाश चंपावत (2003)
संगीता पी. (2004)
अमित कटारिया (2004)
मुकेश बंसल (2005)
रजत कुमार (2005)
श्रुति सिंह (2006)
एलेक्स पॉल मेनन (2006)
केसी देवसेनापति (2007)
बसव राजू एस. (2007)
नीरज कुमार बंसोड़ (2008)
शिव अनंत तायल (2012)
अभिषेक शर्मा (2018)
(आईएएस निहारिका बारिक छुट्टी पर हैं।)