CG IPS Posting: छत्तीसगढ़ के इन 2 IG और एक SP पर चुनाव आयोग का रहेगा खतरा! बस्तर आईजी को दिक्कत नहीं

CG IPS Posting: बस्तर आईजी को चार साल हो गया है और दुर्ग, राजनांदगांव में प्रभारी आईजी हैं। बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दुर्ग के प्रभारी आईजी रतनलाल डांगी को हटना पड़ा था, 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सरगुजा के प्रभारी आईजी रामगोपाल गर्ग भी डीआईजी बनाकर रायगढ़ शिफ्थ किए गए थे। यानी इन अफसरों पर चुनाव आयोग का खतरा बना रहेगा।

Update: 2024-02-06 13:36 GMT

NPG Story

CG IPS Posting: रायपुर। बस्तर आईजी पी. सुंदरराज का कार्यकाल चार साल हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके लिए राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी थी। दरअसल, बस्तर नक्सल हिंसा की दृष्टि से देश का सबसे संवेदनशील पुलिस रेंज है। इस आधार पर सुंदरराज को आईजी के तौर पर कंटीन्यू रखने की अनुमति चुनाव आयोग से मिल गई थी। बता दें, आयोग के नार्म के हिसाब से तीन साल से अधिक किसी की पोस्टिंग हो गई है तो चुनाव के पहले उसे हटाना पड़ता है या फिर आयोग हटा देता है।

जाहिर है, विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव भी सुंदरराज कराएंगे। क्योंकि चुनाव आयोग भी इस बात को समझता है कि ठीक चुनाव के समय किसी नए आईजी को पोस्ट करने से बस्तर में शांतिपूर्ण चुनाव कराना मुश्किल होगा। सुंदरराज को आईजी के तौर पर चार साल हुआ है, उससे पहले वे वहां डीआईजी रह चुके हैं। इसके अलावा नक्सल इंटेलिजेंस का दायित्व भी उन्होंने संभाला है। सुंदरराज को बस्तर के चप्पे-चप्पे के बारे में जानकारी है। इसलिए, बस्तर में चुनाव की दृष्टि से उनसे कोई बेहतर सरकार और चुनाव आयोग को मिल नहीं सकता। इस आधार पर सुंदरराज को चुनाव आयोग से परमिशन मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

इसके अलावा दुर्ग औरा राजनांदगांव में प्रभारी आईजी बनाए गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दुर्ग के प्रभारी आईजी रतनलाल डांगी हटाए गए थे। उनकी जगह पर सरगुजा से हिमांशु गुप्ता आए थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव कराया था। हाल ही में हुआ विधानसभा चुनाव से पहले सरगुजा के प्रभारी आईजी रामगोपाल गर्ग को हटाकर अंकित गर्ग को सरगुजा का आईजी बनाकर भेजा गया था। इसी तरह राजनांदगांव रेंज में दीपक झा को प्रभारी आईजी बनाया गया है। जानकारों का मानना है कि राजनांदगांव नक्सल प्रभावित इलाका है, इसलिए आयोग राजनांदगांव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेगा। दुर्ग के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले को जूझना पड़ेगा। इसके अलावा नॉन आईपीएस अधिकारी सरजू राम भगत को बालोद का एसपी बनाया गया है। एसपी का नॉन आईपीएस होना भी प्राब्लम जाएगा। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले पांच एसपी नॉन आईपीएस थे। 6 अक्टूबर 2018 को आचार संहिता प्रभावशील होने के दिन बैक डेट में राज्य सरकार ने पांचों को हटा दिया था।

अगर शिकायत न हो तो प्रभारी पोस्टिंग में पेंच नहीं

जानकारों का कहना है कि अगर कोई शिकायत हुई तब इस पर चुनाव आयोग संज्ञान लेता है। वरना, प्रभारी अधिकारी में कोई दिक्कत नहीं। वैसे लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव टाईप सख्ती नहीं दिखाता। 2019 के लोकसभा चुनाव में नॉन आईपीएस टंडन पुलिस अधीक्षक बने रहे, आयोग ने इसे नोटिस में नहीं लिया और न ही भाजपा ने उनकी कोई शिकायत की।



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