ट्रांसफर के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाने के बाद आईपीएस पर लगा 50 हजार का जुर्माना...
जयपुर । अपनी ट्रांसफर के खिलाफ याचिका लगाने वाले आईपीएस अफसर पर अदालत ने 50 हजार रुपये का जुर्माना किया है। आईपीएस को 1 माह के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जुर्माने की रकम जमा करवाने के निर्देश देते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
राज्य सरकार ने 30 जून को एसडीआरएफ के कमांडेंट के पद पर पदस्थ 2009 बैच के आईपीएस पंकज चौधरी का कम्युनिटी पुलिसिंग एसपी के पद पर तबादला कर दिया था। जिसके खिलाफ पंकज चौधरी ने कैट में प्रकरण दाखिल किया था। जिसमें 6 जुलाई को उन्हें अंतरिम राहत देते हुए मामले की सुनवाई तक तबादले पर रोक लगा दी। स्टे के बावजूद पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर उन्हें नई पदस्थापना वाली जगह में पदभार ग्रहण करने के निर्देश दिये।
आईपीएस पंकज चौधरी (2009) ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जहां जस्टिस पंकज भंडारी व जस्टिस समीर जैन की डबल बैंच में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि केंद्रीय न्यायिक प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने पूर्व में ही तबादला आदेश में स्टे दिया हुआ था। यदि उसके बावजूद भी उन्हें नई जगह पदभार ग्रहण करने का आदेश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया हैं तो आईपीएस को कैट में ही अवमानना याचिका लगानी चाहिए। कैट में याचिका लंबित रहने के बावजूद भी हाईकोर्ट में याचिका लगाने पर नाराज हाईकोर्ट ने आईपीएस पंकज चौधरी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया साथ ही उनकी याचिका भी खारिज कर दी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि लोगों को इस तरह की याचिकाएं लगाने की आदत सी हो गई है, जिसे हतोत्साहित करने की आवश्यकता है. ऐसी याचिकाएं कोर्ट का कीमती समय भी खराब करती हैं. अधिकरण की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम आदेश होने के बावजूद भी हाइकोर्ट में याचिका पेश की गई थी. जबकि उसे अधिकरण में ही मामला उठाना चाहिए था. यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. इसलिए याचिकाकर्ता को हर्जाने के तौर पर 50 हजार रुपये एक माह में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने होंगे. वही कैट में उनके मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।