ब्रेकिंग : शराबबंदी की कमेटी में BJP और JCCJ ने नहीं दिखायी दिलचस्पी……राज्य सरकार ने कमेटी के लिए विधायकों के नाम देने के लिए फिर से लिखा पत्र…. 1 साल बाद भी विधायकों की कमेटी का काम नहीं हो पाया शुरू…

Update: 2020-02-12 10:50 GMT

रायपुर 12 फरवरी 2020। शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार की बनी कमेटी एक साल बाद भी अपना काम शुरू नहीं कर पायी है। इसकी वजह है कमेटी के लिए विपक्षी दलों की अनदेखी। एक साल गुजरने के बाद भी भाजपा और जेसीसीजे ने अपने अधिकृत विधायकों की सूची कमेटी के लिए नामांकित नहीं किया है। शराबबंदी की कमेटी के लिए ना तो भाजपा और ना ही जोगी कांग्रेस ने अबतक दिलचस्पी दिखायी है, लिहाजा राज्य सरकार की तरफ से एक बार फिर दोनों दलों को पत्र जारी कर सदस्यों को नामांकित करने का अनुरोध किया है।

भाजपा विधायक दल के नेता को दो सदस्यों को नामांकित करने का अनुरोध किया गया है, वहीं जोगी कांग्रेस से 1 सदस्य का नाम मांगा गया है।

आपको बता दें कि पिछले साल मार्च में राज्य सरकार ने वरीष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा के नेतृत्व में शराबबंदी के अध्ययन के लिए एक कमेटी बनायी थी। कहा गया था कि ये कमेटी दूसरे राज्यों का दौरा कर शराबबंदी की रिपोर्ट तैयार करेगी और उसे छत्तीसगढ़ में लागू करेगी।

ऐसी बनने वाली थी कमेटी

सत्यनारायण शर्मा की अगुवाई वाली विधायकों की इस समिति में कांग्रेस के आठ, भाजपा के दो, बसपा के 1 और जनता कांग्रेस के 1 सदस्य शामिल किया जाना था। वहीं सचिव आबकारी विभाग की अध्यक्षता वाली एक और समिति ऐसे राज्य जहां पूर्व में शराबबंदी लागू की गई की गई थी या वर्तमान में पूर्ण शराबबंदी लागू है, उस राज्य में आए आर्थिक, सामाजिक और व्यावहारिक बदलाव का अध्ययन करेगी।

इस समिति में सदस्य के रूप में विषय विशेषज्ञ पीके शुक्ला, जशपुर के बब्रुवाहन, पदमश्री शमशाद बेगम और आबकारी विभाग के अधिकारी को सदस्य बनाया गया था।

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