Raipur Airport: एयरपोर्ट पार्किंग रेट पर विवाद: नई दरों में कई झोल, कट रही जेब फिर भी असुविधा, विरोध शुरू..

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Update: 2024-11-08 12:19 GMT

Raipur Airport: रायपुर। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट अथॉरिटी रायपुर द्वारा 28 अक्टूबर से लागू की गई नई पार्किंग की शर्तों और शुल्क को लेकर छत्तीसगढ़ आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय ठाकुर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ठेके की शर्तें तुगलकी है। शर्तें प्रधानमंत्री के उस आश्वासन के विरुद्ध है जिसमें उन्होंने कहा था कि अब हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकेंगे। ठाकुर ने नागरिक उद्यान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से ठेका निरस्त करने की मांग की है।

मोटरसाइकिल और ऑटो टर्मिनल बिल्डिंग के सामने नहीं जा सकेंगे

ठाकुर ने कहा कि आमजन जिनके पास कार नहीं है वे ऑटो में एयरपोर्ट जाते हैं या उनके घर वाले मोटरसाइकिल में उन्हें छोड़ते या पिकअप करते हैं। नए टेंडर में अब ऑटो और मोटरसाइकिल एअरपोर्ट बिल्डिंग तक नहीं जा सकती। ऑटो या मोटर साइकिल में जाने वाले यात्रियों को आधे किलोमीटर पहले बैरियर पर छोड़ना पड़ेगा। बैरियर से टर्मिनल बिल्डिंग समान लेकर पैदल ही आना-जाना पड़ेगा।

ठाकुर ने एयरपोर्ट प्रबंधन से पूछा की भरी गर्मी में 45 डिग्री तापमान पर अगर वे अपने परिवार के किसी बुजुर्ग को मोटरसाइकिल में छोड़ने जाते हैं तो क्या वह उस बुजुर्ग को बैरियर पर छोड़ देंगे? और अगर बरसात हो रही है तो क्या पैसेंजर ऑटो से उतरकर भीगते हुए जाएगा और आने वाले यात्री भीगते हुए निकास बैरियर तक आएंगे? ये शर्तें प्रधानमंत्री के उस आश्वासन के विरुद्ध है जिसमें उन्होंने कहा था कि अब हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकेंगे।

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यात्री अब नाइट पार्किंग ना करें, नहीं तो थाने का चक्कर काटना पड़ेगा

टेंडर में शर्त डाली गई है कि जो कार मालिक नाइट पार्किंग करना चाहते हैं उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस की, कार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी और कार की चाबी पार्किंग प्रबंधन को सौपना पड़ेगा। रायपुर के आस पास के शहरों के बहुत यात्री नाईट पार्किंग कर के हवाई यात्रा करते हैं। अब अगर ड्राइविंग लाइसेंस की, कार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी और कार की चाबी पार्किंग प्रबंधन को नहीं देंगे माना पुलिस वाहन उठा कर ले जाएगी।

युवा, स्वस्थ और बच्चों को लेने टैक्सी में जायें

नई शर्तों में केवल उन्ही निजी वाहनों को पिकअप करने के लिए जाने दिया जाएगा जो वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों, व्हीलचेयर यात्रियों, गर्भवती महिलाओं, गोद में बच्चों वाली मां को लेने जा रही है। अब अगर किसी युवा, स्वस्थ और बच्चों को लेने जाना है हो टैक्सी में जायें क्यों कि टैक्सी के लिए ऐसी शर्त नहीं डाली गई है। अब बरसात में, भरी गर्मी में आम यात्री, जो ऊपर बताई श्रेणी में नहीं आता है, अपने परिवार और छोटे बच्चों के साथ आता है तो वह 250 से 300 मीटर, पार्किंग में निजी कार तक समान लेकर पैदल जायेगा। प्रबंधन को बताना चाहिए कि आम यात्री को लेने निजी वाहन नहीं ले जाने देने वाली यह शर्त क्यों डाली गई है? क्या यह शर्त अधिकारियों और वी.आई.पी. पर भी लागू होगी? इस शर्त से छत्तीसगढ़ की मेहमान के स्वागत करने की छबी धूमिल होगी।

रुकने के समय में की गई कमी

ठाकुर ने बताया कि पहले के टेंडर की शर्तों में एक निर्धारित Dewll टाइम अर्थात अनुमेय समय टर्मिनल बिल्डिंग के सामने यात्रियों को और उनका समान उतारने के लिए या यात्रियों को बैठने उनका समान चढाने के लिए दिया जाता था। परंतु अब प्रवेश गेट से निकास गेट का कुल समय, Dewll टाइम सहित पांच मिनट कर दिया गया है। खुद एअरपोर्ट प्रबंधन के आंकड़े बताते है कि प्रतिवर्ष यात्रियों के संख्या बढ़ रही है, स्वाभाविक है छोड़ने और लेने जाने वाले वाहनों की भी संख्या बढ़ी है। ऐसे में यह समय सात मिनिट होना चाहिए। ठाकुर ने आरोप लगाया कि ठेकेदार को फायदा पहुचाने के लिए समय कम किया गया है ताकि उसकी कमाई और लूट बढे।

प्रीमियम कार मालिक का जुर्म बतायें

ठाकुर ने कहा की नई दरों में निजी कारों और एसयूवी से 40 रूपये आधे घंटे तक का शुल्क लिया जाएगा परंतु प्रीमियम कार वालों से 100 रूपये लिया जायेगा। ठाकुर ने पूछा कि यह प्रीमियम कार का निर्धारण ठेकेदार कैसे करेगा? एयरपोर्ट प्रबंधन को उन गाड़ियों की लिस्ट जारी करनी चाहिए जो प्रीमियम कार की श्रेणी में आती है और इस बात का खुलासा करना चाहिए कि विकसित भारत में प्रीमियम कार मालिक ने ऐसा क्या जुर्म कर दिया कि उससे 100 रूपये लिए जायेंगे।

क्या अधिकारियों और वीआईपी से पेनल्टी लेने की हिम्मत है प्रबंधन में

नई शर्तो के अनुसार आदेश का उल्लंघन करने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, यह शर्त पहले भी थी। अगर आम नागरिक का वाहन कुछ देर खड़ा रह जाता है तो उससे 500 रुपये वसूल करते हैं। परन्तु एयरपोर्ट टर्मिनल के सामने अधिकारियों की और वीआईपी गाड़ियां घंटो खड़ी रहती है। अधिकारी और वीआईपी को लेने सरकारी वाहन जा सकेगा पर आम युवा, स्वस्थ और बच्चों को लेने निजी वाहन नहीं जा सकेगा यह कौन से क़ानून में लिखा है? प्रबंधन को खुलासा करना चाहिए कि अभी तक कितने अधिकारियों और वीआईपी से जुर्माना वसूल किया गया है?

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