High Court News: संविदा डॉक्‍टर को प्रभार का मामला पहुंचा हाईकोर्ट: कोर्ट ने स्‍वास्‍थ्‍य संचालक को जारी किया यह निर्देश....

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Update: 2024-01-25 12:23 GMT

Bilaspur High Court

High Court News: बिलासपुर। संविदा डॉक्‍टर को प्रभारी बनाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने स्‍वास्‍थ्‍य संचालक को निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने 30 दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण करने का निर्देश दिया है।

मामला धमतरी जिला का है। डॉ. राजेश सूर्यवंशी की वर्ष 2011 में धमतरी मेडिकल ऑफिसर के पद पर नियुक्ति हुई थी। 2016 से नेत्र विशेषज्ञ के पद में कार्य करते आ रहे थे, जिला चिकित्सालय धमतरी में डॉक्टर जे के खालसा नेत्र विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के पद से 30 अप्रैल 2023 को रिटायर हो गए रिटायरमेंट इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला धमतरी द्वारा दिनांक 9 मई 2023 को जिले में राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए नोडल अधिकारी का कार्य भार आगामी आदेश तक डॉक्टर राजेश सूर्यवंशी जिला चिकित्सालय धमतरी को दिया गया।

डॉ. सूर्यवंशी के पद पर रहते 6 अक्टूबर 2023 को अवर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा संविदा नियुक्ति नियम 2012 के तहत डॉक्टर जे एस खालसा सेवानिवृत्ति नेत्र रोग विशेषज्ञ को उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 1 वर्ष की अवधि तक के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान करते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय धमतरी में पदस्थ कर नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम जिला धमतरी का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के आदेश से व्यथित होकर डॉक्टर राजेश सूर्यवंशी ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका दायर की जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल के यहां हुई याचिका में यह आधार लिया गया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2016 से नियमित पद पर नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्य करते आ रहे हैं किंतु नोडल का प्रभार संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को देना सरासर गलत है जबकि याचिकाकर्ता पहले भी उसे पद पर कार्य कर चुका है तथा वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन के वित्त निर्देश 4 /2014 के तहत स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय प्रमुख तथा आहरण एवं संवितरण अधिकारी का दायित्व किसी नियमित शासकीय अधिकारी को ही सौंपा जा सकता है अर्थात उक्त अधिकार संविदा/ तदर्थ /दैनिक वेतन, पर नियुक्त अधिकारियों को नहीं सौंपा जा सकता के निर्देश हैं तथा छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग सर्कुलर दिनांक 4 अगस्त 2011 के तहत नियमित पदों पर चालू कार्यभार वरिष्ठता क्रम में ऊपर के अधिकारियों को देने के निर्देश हैं तथा 7 फरवरी 2013 सामान्य प्रशासन प्रशासन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत प्रभार देने तथा वरिष्ठता क्रम में ऊपर के अधिकारियों को बिना किसी युक्तियुक्त प्रशासकीय कारण से बाईपास करते हुए कनिष्ठ अधिकारियों को चालू प्रभार नहीं देने के संबंध में निर्देशित किया गया है। इन तथ्‍यों के आधार पर न्यायालय ने प्रकरण का निराकरण करते हुए संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के पेंडिंग अभ्यावेदन दिनांक 29 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ शासन के सर्कुलर दिशा निर्देश के तहत 30 दिन के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।

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