Digvijay Singh News: पूर्व सरसंघ चालक के खिलाफ ट्वीट कर फंसे दिग्विजय सिंह, दर्ज हुई FIR, पढ़ें, क्या है पूरा मामला?
Digvijay Singh News: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ तीसरी FIR उज्जैन में दर्ज कराई गई है. दिग्विजय सिंह ने हाल ही में ट्विटर पर ट्वीट करते हुए आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के खिलाफ एक तस्वीर शेयर करते हुए विवादित टिप्पणी की थी.
Digvijay Singh News: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ तीसरी FIR उज्जैन में दर्ज कराई गई है. दिग्विजय सिंह ने हाल ही में ट्विटर पर ट्वीट करते हुए आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के खिलाफ एक तस्वीर शेयर करते हुए विवादित टिप्पणी की थी. जिसके बाद सबसे पहले इंदौर में पूर्व सीएम के खिलाफ एक वकील ने मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं अब इस मामले में तीसरी FIR भी दर्ज कराई गई है. भैरू नाला इलाके के रहने वाले राजकुमार घावरी ने इस एफआईआर को दर्ज कराया है.
राजकुमार घावरी ने बताया कि वे 30 साल से आरएसएस के समर्पित कार्यकर्ता हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर देखा था कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. जिसमें दलित-मुस्लिमों को लेकर आपत्तिजनक बातें कही गई थीं. पूर्व सीएम की तरफ से कही गईं ये बातें पूरी तरह से फर्जी थीं. ऐसा कुछ भी किताब में प्रकाशित नहीं किया गया है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 505, 469 और अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
राजेश जोशी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सिंह ने फेसबुक पर गोलवलकर के नाम और तस्वीर वाला विवादास्पद पोस्टर साझा किया ताकि दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों और हिंदुओं में वैमनस्य पैदा कर उन्हें वर्ग संघर्ष के लिए उकसाया जा सके. तुकोगंज पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय वकील और संघ कार्यकर्ता राजेश जोशी की शिकायत पर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), धारा 469 (ख्याति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी), धारा 500 (मानहानि) और धारा 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने के इरादे से भड़काऊ सामग्री प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. अगर पूर्व सीएम के खिलाफ दोष सिद्ध होता है तो उन्हें 3 से 6 साल तक की सजा हो सकती है.